हैदराबाद: एक टेस्ट मैच में लगातार 21 मेडेन ओवर डालने का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले पूर्व भारतीय टेस्ट आलराउंडर रमेशचंद्र गंगाराम बापू नाडकर्णी का शुक्रवार को निधन हो गया. आइए आपको बताते है उनके करियर की कुछ मुख्य उपलब्धियां.
ऐसा रहा नाडकर्णी का करियर
नाडकर्णी बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर थे. उन्होंने 1955 से लेकर 1968 तक भारत के लिए 41 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने 1414 रन बनाने के अलावा 88 विकेट भी हासिल किए थे.
नाडकर्णी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ही टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ ही अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था.
नाडकर्णी ने अपने करियर में इतनी गेंद फेकी
अबतक के सबसे किफायती गेंदबाज रहे नाडकर्णी ने अपने टेस्ट करियर में 9165 गेंदें फेंकी, जिसमें उन्होंने केवल 2559 रन ही खर्च किए थे. नाडकर्णी ने 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच में लगातार 21 मेडन ओवर गेंदबाजी की थी.
बल्लेबाजी में भी दिखाया दम
नाडकर्णी ने अपने करियर में 25.70 के औसत से 1414 रन भी बनाए. अपने करियर में उन्होंने एक शतक और सात अर्धशतक लगाए.
सबसे किफायती गेंदबाजों में से थे एक
1964 में लगातार 21 ओवर (21.5 ओवर या 131 गेंद) मेडन फेंकने के लिए याद किया जाता है. मद्रास के नेहरू (कॉर्पोरेशन) स्टेडियम में उन्होंने यह कमाल किया था. 32-27-5-0 यह उनका गेंदबाजी आंकड़ा था.
पाकिस्तान के खिलाफ 1960-61 में उन्होंने कानपुर में 32-24-23-0 का प्रदर्शन किया इसके बाद दिल्ली में 34-24-24-1 का आंकड़ा उनके किफायती होने पर मुहर लगाता है. 41 टेस्ट मैचों में उनका इकॉनमी रेट सिर्फ 1.67 प्रति ओवर रहा.
भारतीय टीम के रह चुके है कोच
नाडकरणी 1981 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली भारतीय टीम के कोच थे. इस दौरे पर तब बड़ा विवाद हो गया था जब सुनील गावसकर ने मेलबर्न टेस्ट से वॉकआउट करने की धमकी दी थी. 1987 विश्व कप के दौरान वह मुंबई क्रिकेट असोसिएशन (एमसीए) के संयुक्त सचिव भी रहे.