नई दिल्ली: भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान से सोमवार को खुलासा किया कि उन्होंने क्यों इस साल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की.
इरफान पठान ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि पिछले दो-तीन सालों से घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद मुझे भारतीय टीम में नहीं चुना जा रहा.
एक इंस्टाग्राम लाइव के दौरान जब मोहम्मद कैफ ने इरफान से पूछा कि आपने इस साल संन्यास लेने के बारे में क्यों सोचा.
इसपर उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा था कि लोगों ने तय किया था कि वे मुझे भारतीय टीम में नहीं ले जाना चाहते हैं. मुझे ऐसा पिछले दो-तीन सालों से लग रहा था, मैं गेंद को स्विंग कर रहा था, मैं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अच्छी फॉर्म में था, मैंने रणजी ट्रॉफी में बल्ले और गेंद दोनों के साथ अच्छा प्रदर्शन किया, फिर भी अगर आप टीम में नहीं चुने जा रहे हैं, तो यह एक खिलाड़ी के लिए घर में रहने का संकेत है."
इरफान ने आगे कहा, "राष्ट्रीय टीम में नहीं चुने जाने के बावजूद अगर आप घरेलू क्रिकेट खेलते रहते है तो आप किसी और को मिलने वाला मौका छीन लेते हैं और साथ ही अपना सम्मान भी गंवा देते हैं. मैं आज भी जम्मू-कश्मीर के लिए घरेलू क्रिकेट खेल सकता था, लेकिन वहां अच्छी प्रतिभा है और आपको प्रतिभाओं को आकार देना है. आज भी, मैं खेल सकता हूं, लेकिन आपको वास्तविक तस्वीर देखने की जरूरत है."
इरफान पठान ने धोनी पर साधा निशाना
इससे पहले इस ऑलराउंडर ने खुद के टीम से बाहर होने के लिए एमएस धोनी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें कोच और कप्तान से उतना स्पोर्ट नहीं मिला.
पठान ने कहा, "ऋद्धिमान साहा एक साल के बाद टीम में वापस आए थे. ऋषभ पंत दो शतक लगाने के बाद बाहर था फिर अंदर आया. कई बार लड़कों को बैक किया जाता है तो कई बार नहीं. कुछ खिलाड़ी लकी होते हैं तो कुछ अनलकी. हम अनलकी वाली लिस्ट में थे."
उन्होंने आगे कहा, "मैंने इस बारे में माही (महेंद्र सिंह धोनी) से भी बात की थी. मैंने उनसे उनके उस बयान को लेकर भी बात की थी, जो उन्होंने 2008 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान दिया था. उन्होंने कहा था कि इरफान सही बॉलिंग नहीं कर रहा है. इसलिए मैंने उनसे पूछा था कि पूरी सीरीज के दौरान मैंने सही बॉलिंग की थी इसलिए मुझे इस बात की सफाई चाहिए. आप मुझे बताइए कि मैं बेहतर होने के लिए क्या कर सकता हूं. इस पर उन्होंने कहा था कि सब ठीक चल रहा है."
इरफान ने साल 2012 में अपना आखिरी मैच खेला जिसमें पांच विकेट और 29 रन बनाने के लिए वह मैन ऑफ द मैच रहे थे. उन्हें घरेलू क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि मुझे उस वक्त नियमित रूप से मौके नहीं दिए गए थे और ना ही कप्तान ने उन्हें कभी भरोसा देने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, मैं अपने आखिरी वनडे और टी-20 में 'मैन ऑफ द मैच' रहा था. मैं बॉलिंग में पहला बदलाव लेकर आया था. इसलिए भूमिका ही बदल दी गई.