हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने इस खास बातचीत में बताया है कि वे किस तरह खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखते हैं, किस तरह क्रिकेट का सफर शुरू हुआ, किस तरह विकेटकीपिर बने, अपने इंडियन टीम में डेब्यू के अलावा ऋषभ पंत के साथ प्रतिस्पर्धा के बारे में खुल कर बात की.
क्या है फिटनेस रूटीन?
रणजी ट्रॉफी मैच में पहले विकेटकीपर बल्लेबाज जिन्होंने तीसरा शतक जमाया हो, भरत ने कहा, "मैं पहले से ही फिटनेस के लिए वर्कआउट करता हूं. ये लॉकडाउन का समय मैंने खुद पर इस्तेमाल करने के लिए सोचा था और इसके लिए सबसे अच्छा तरीका वर्कआउट करना ही है."
साथ ही उन्होंने बताया कि वे मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए ओवरथिंकिंग नहीं करते. वे कम से कम सोचते हैं और नाकारात्मक सोच को दूर रखने की कोशिश करते हैं.
कैसे शुरू हुआ था क्रिकेट का सफर?
वाइजैग के रहने वाले इस क्रिकेटर ने कहा, "मैं जब 5-6 साल का था तब मैं अपने दोस्तों के साथ गली में क्रिकेट खेलता था. बहुत तोड़फोड़ करता था, पड़ोसियों के लिए परेशानी खड़ी करता था. अगल-बगल रहने वालों के लिए मैं मुसीबत बन गया था. तब मम्मी-पापा ने सोचा कि मुझे घर से दो-तीन घंटे के लिए बाहर छोड़ कर आएंगे. फिर मुझे ग्राउंड पर जाने लगा और वहां से मेरा सफर शुरू हो गया."
भरत ने बताया कि किस तरह वे विकेटकीपर बने. उन्होंने कहा, "इसमें मुझे मेरे नेचर के कारण काफी फायदा मिला. चंचल और खेल के प्रति प्यार के कारण विकेटकीपिंग शुरू किया. विकेटकीपर के पास हमेशा गेंद आते है खास कर टेस्ट क्रिकेट में. विकेटकीपर को गेम में एक्टिव होने पड़ता है. मेरे नेचर को मेरे कोच ने देखा और समझ लिया था कि मैं विकेटकीपर बन सकता हूं. फिर मुझे खुद भी कीपिंग करना पसंद था."
भारतीय टीम में डेब्यू के बारे में कितना विश्वास है?
दो बार टीम इंडिया के स्क्वैड में आ चुके लेकिन प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने से चूके भरत ने कहा, "सच कहूं तो हमें हमेशा वर्तमान काल में रहना चाहिए. जो भी लोग कहते हैं वो इसलिए क्योंकि आपने कड़ी मेहनत की है. जो लोग कहते हैं कि मेरा डेब्यू होगा वो उनका विश्वास है कि मैं इतना फिट हूं कि मैं उस स्तर पर खेल सकता हूं. इन सब के अलावा मैं ये सोचता हूं कि जो हमारा काम है, वर्कआउट करना, विकेटकीपिंग करना, ट्रेनिंग करना और ज्यादा आगे का नहीं सोचना. जो रूटीन है उसे फॉलो कर के हमें आगे जाना चाहिए. मैं बहुत ज्यादा भविष्य में नहीं रहता और मैं भूतकाल में नहीं जीता."
ऋषभ पंत के साथ प्रतिस्पर्धा के बारे बाले भरत
26 वर्षीय भरत ने कहा कि आपस में हमेशा हेल्दी कॉम्पिटिशन होना चाहिए. उन्होंने बताया, "जब आप इंडिया के लिए खेलते हो तो किसी की भी जगह की गारंटी नहीं होती है, कोई किसी भी जगह पर हमेशा के लिए नहीं होता है, बस आपको हर किसी को अपने घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन द्वारा पुश करना पड़ता है और सच कहूं तो मैं किसी को भी अपना कॉम्पिटिशन नहीं मानता क्योंकि मैं खुद को ही अपना कॉम्पिटीर मानता हूं. अगर मैं खुद को हर दिन हरा सकता हूं तो मैं अपना समय खुद पर व्यक्त कर रहा हूं. मुझे लगता है कि उससे दोगुना प्रदर्शन देकर मैं टीम में जगह बना सकता हूं. मुझे लगता है कि उसको अच्छा करना चाहिए और सबको अच्छा करना चाहिए और मुझे भी अच्छा करना चाहिए."