नई दिल्ली: बीते कुछ महीनों से विवादों के कारण बीसीसीआई ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को वित्तीय सहायता देने पर रोक लगा दी है.
बीसीसीआई अब चाहती है कि संघ को चलाने के लिए तदर्थ (एड-हॉक) समिति स्थापित की जाए. लेकिन डीडीसीए के अधिकारियों का मानना है कि संघ को चुनाव दोबारा होने चाहिए, क्योंकि रजत शर्मा के इस्तीफा देने के बाद से अध्यक्ष का पद खाली है और अब विनोद तिहारा भी जेल में हैं.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने मीडिया से कहा कि इस समय डीडीसीए के रोजमर्रा के कामकाज को आगे ले जाने का एक ही तरीका है और वो है एड-हॉक समिति का गठन.
अधिकारी ने कहा, "हमने फंड रोक दिया है और हम एक एड-हॉक समिति बनाने के बारे में सोच रहे हैं क्योंकि हर दूसरे दिन शिकायत आती है. एक बॉडी होना मददगार होगा क्योंकि इस समय हम लॉकडाउन में हैं और इस समय सही सेटआप संभव नहीं है."
लेकिन डीडीसीए के निदेशक संजय भारद्वाज का मानना है कि अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद और सचिव के जेल में होने के कारण जो पद खाली पड़े हैं उनके लिए दोबारा चुनाव होने चाहिए.
संजय ने मीडिया से कहा, "देखिए ईमानदारी से कहूं तो हम दोबारा चुनाव चाहते हैं. मैंने यह बाद लोकपाल के ध्यान में भी ला दी है. मैंने न्यायाधीश दीपक शर्मा (सेवानिवृत्त) से भी बात कर ली है और उन्होंने कहा कि वह बीसीसीआई से इस पर बात करेंगे. चूंकि अध्यक्ष नहीं है, तो उनके स्थान की पूर्ति योग्य उम्मीदवार की नियक्ति से करनी चाहिए. ऐसे उम्मीदवार से जो संघ को पारदर्शिता से चलाने मे मदद करे. मुझे जब भी लगा मैंने हर मामला लोकपाल के ध्यान में लाने की कोशिश की है."
डीडीसीए में चीजें तब और बदल गईं, जब सचिव तिहारा ने बताया कि वह कोरोनावायरस के लक्षणों के कारण एकांतवास में हैं, जबकि वह पुलिस हिरासत में थे. नोएडा पुलिस ने उन्हें 17 मार्च को पकड़ा था.