नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से कहा है कि वह फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के स्टैंड पर लगी पट्टिका से उनका नाम हटा दे. दो साल पहले ही कोटला स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम बेदी के नाम पर रखा गया था. बेदी ने 70 के दशक में दिल्ली को दो बार रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया था. साथ ही उन्होंने डीडीसीए की सदस्यता छोड़ने का भी फैसला किया है.
बेदी का यह फैसला डीडीसीए के उस फैसले के बाद आया, जिसके मुताबिक, अरुण जेटली स्टेडियम में पूर्व डीडीसीए अध्यक्ष अरुण जेटली की प्रतिमा लगाई जाएगी. उनके बेटे रोहन जेटली इस समय डीडीसीए के अध्यक्ष हैं. उनके पिता की 68वीं वर्षगांठ पर उनकी प्रतिमा स्टेडियम में लगाई जाएगी. बेदी ने इसे एक कारण बताया है.
इस स्टेडियम का नाम पहले फिरोज शाह कोटला स्टेडियम हुआ करता था, जिसे पिछले साल 24 अगस्त को अरुण जेटली के निधन के बाद उनके नाम पर कर दिया गया.
डीडीसीए के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि रोहन इस समय बीसीसीआई की एजीएम के लिए दिल्ली से बाहर हैं और वापस अकर वह बेदी के घर पर जाकर उनसे मिलकर बात करेंगे.
अधिकारी ने कहा, "हमारे अध्यक्ष बेदी से समय लेंगे और उनसे मुलाकात करेंगे और उन्हें फैसला वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे. वह 25 दिसंबर को लौटेंगे और संभवत: अगले दिन बैठक हो सकती है. हम पूरी कोशिश करेंगे कि वह अपना फैसला वापस लें. स्टैंड का नाम रखा जाना और मूर्ति स्थापित करना दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं. जनता बेदी को प्यार करती है और उनके खेल को सराहती है, इसलिए स्टैंड उनके नाम पर रखा गया है. जनता ने उन्हें स्टार बनाया है. इसलिए उन्हें जनता की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए."
बेदी ने छोड़ी DDCA की सदस्यता, कोटला स्टैंड से अपना नाम हटाने को कहा
संभवत: एक और कारण 2020-21 सीजन में दिल्ली की सीनियर चयन समिति का चयन भी हो सकता है. 60 साल की आयुसीमा के नियम ने दिल्ली और भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी कीर्ति आजाद को चयनकर्ता बनने की दौड़ से बाहर कर दिया. 61 साल के आजाद बेदी के काफी करीबी माने जाते हैं.
आयु सीमा के नियम को देखते हुए आजाद चयनकर्ता पद के लिए अयोग्य हो गए थे. इसके बाद बेदी ने नेशनल कैपिटल टेरीटरी क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के तौर पर डीडीसीए के लोकपाल बादर दुरेज को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने नियमों के गलत क्रियान्वान का जिक्र किया. इस कारण आजाद को इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया.
इसके बाद डीडीसीए ने आजाद से कथित तौर पर माफी मांगी. इस संबंध में लोकपाल का आदेश जल्दी आ सकता है.