नई दिल्ली: बाएं हाथ के बल्लेबाज डेवन कॉन्वे न्यूजीलैंड से खेलते हुए जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करेंगे तो वो अपने पुराने देश दक्षिण अफ्रीका में बैठे प्रशासकों को अपनी अहमियत साबित करना चाहेंगे.
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कॉन्वे का जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था. वो 2017 में न्यूजीलैंड आने से पहले जोहान्सबर्ग में रह रहे थे. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रोविंसियल स्तर पर अच्छा किया था, लेकिन उच्च स्तर की प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर मौकों के लिए उन्होंने देश बदल दिया.
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में उन्होंने गाउटेंग प्रोविंशियल के लिए खेलते हुए 53 की औसत से रन बनाए थे, लेकिन उच्च स्तर पर लायंस के लिए खेलते हुए उनका औसत घटकर 21.19 रह गया था. टी-20 क्रिकेट में भी गाउटेंग के लिए खेलते हुए उनका औसत 46 का था लेकिन लायंस के लिए खेलते हुए 21.5 का रह गया था.
जो उन्हें जानते हैं, उनका कहना है कि उनके कम औसत का कारण उनका लगातार न खेलना है.
लायंस और गाउंटेंग में कॉन्वे के दोस्त डॉम हेंड्रिक्स ने जोहान्सबर्ग से कहा, "वो न्यूजीलैंड कुछ साबित करने गए हैं. उन्हें लायंस से एक या दो मैच खेलने का मौका मिला था, लेकिन इसके बाद उन्हें लगातार मौके नहीं मिले. उन्हें लंबे समय तक लगतार मौके नहीं मिले. वो ये साबित करना चाहते हैं कि वो उच्च स्तर पर खेलने के हकदार हैं. मैं इस बात से खुश हूं कि उन्हें न्यूजीलैंड टीम में चुना गया है. उनका खेल लगातार बेहतर हुआ है."
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30 साल के हेंड्रिक्स स्कूल के दिनों से कॉन्वे के दोस्त हैं और जब वो न्यूजीलैंड शिफ्ट हुए उससे एक साल पहले हेंड्रिक्स ने उनके साथ क्लब क्रिकेट के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि कॉन्वे का न्यूजीलैंड जाने का फैसला उनके लिए हैरानी भरा था.
उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे कभी नहीं बताया था कि वो न्यूजीलैंड शिफ्ट होना चाहते हैं."
कॉन्वे टी-20 के अच्छे बल्लेबाज हैं, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे अपने खेल को टेस्ट के लिहाज से भी ढाल लिया.
उस समय के लायंस के कोच ज्यॉफ टोयाना ने कहा कि कॉन्वे लंबे प्रारूप के खिलाड़ी हैं.
टोयाना ने जोहान्सबर्ग से कहा, "मैंने उन्हें अंडर-19 दिनों से देखा है और हमेशा एक अच्छा खिलाड़ी माना है. वो बाएं हाथ के वो बल्लेबाज हैं जिनके पास सभी तरह के शॉट्स हैं. उनके पास अच्छा दिमाग भी है. वो शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं जो बड़े शतक लगाते हैं. वो शतक बनाकर आउट होने से संतुष्ट नहीं होते. वो 180-200, बड़ी पारी खेलते हैं."
उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर ज्यादा सफल होते हुए देखता हूं. वो जिस तरह से खेलते हैं, उनमें जिस तरह की भूख है. मैं ये नहीं कह रहा कि वो टी-20 क्रिकेट में अच्छे नहीं हैं. मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि वो टेस्ट में ज्यादा सफल रहेंगे."
टोयाना ने कहा, "उनकी कवर ड्राइव शानदार है. वो अपने खेल पर काम करते हैं. वो तकनीकी रूप से कमजोर नहीं है, लेकिन उन्हें अपनी मानसिकता पर काम करने की जरूरत है."
टोयाना ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका की जनसंख्या न्यूजीलैंड से ज्यादा है इसलिए खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना काफी मुश्किल होता है, लेकिन उन्होंने इस बात को माना कि कॉन्वे को लायंस में ज्यादा मौके नहीं मिले.
टोयाना ने कहा, "जब आप टीम में लगातार नहीं खेलते हो तो ये मुश्किल होता है. जब आपको लगातार मौके मिलते हैं, इससे आपको आराम मिलता है. आपको शुरुआत में जब मौके मिलते हैं और फिर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है तो ये काफी मुश्किल होता है. लायंस में उनकी किस्मत अच्छी नहीं थी."