नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सोमवार को मुंबई में पूर्व क्रिकेटरों के साथ मुलाकात की. ये मुलाकात हितों के टकराव पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी लेकिन बैठक में भाग लेने वालों का कहना है कि ये एक अनौपचारिक मुलाकात थी.
सीओए के एक सदस्य ने मीडिया से कहा कि ये बैठक हितों के टकराव मामले पर पूर्व खिलाड़ियों की राय जानने के लिए आयोजित की गई थी और ये अनौपचारिक से ज्यादा कुछ नहीं था.
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उन्होंने कहा, 'हितों का टकराव मामले में पूर्व खिलाड़ियों के साथ ये काफी लाभदायक बैठक थी. ये खिलाड़ी नए संविधान के तहत हितों का टकराव का सामना कर रहे हैं. लेकिन ये रिकॉर्ड नहीं हो रहा था कि क्योंकि ये एक अनौपचारिक बैठक थी, जिसमें हम उनकी ये जानना चाहते थे.'
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने इस पूरे मामले पर कहा कि अगर बैठक के पीछे मकसद कॉफी का था तो बैठक का स्थल क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) होना चाहिए था.
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उन्होंने कहा, "अगर सीओए के दो सदस्य पूर्व खिलाड़ियों से मिल रहे थे और एजेंडा हितों का टकराव था, तो क्या ये एक आधिकारिक बैठक थी? यदि ऐसा है, तो मिनट रिकॉर्ड किए गए होंगे. यदि मिनट रिकॉर्ड नहीं किए गए थे तो ये सीओए के संचालन और उसके पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है."
सीओए की सदस्य डायना इडुलजी ने बैठक के बाद कहा, "सभी मुद्दों (हितों के टकराव से जुड़े) पर चर्चा की गई, क्रिकेटरों को क्या परेशानी हो रही है, हमें (प्रशासकों) इसे लागू करने में क्या परेशानी हो रही है. काफी उपयोगी चर्चा हुई."