नई दिल्ली : राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी द्वारा जिन खिलाड़ियों को नोटिस मिला है, उसमें महिला स्टार खिलाड़ी स्मृति मंधाना और दीप्ति शर्मा शामिल हैं जो राष्ट्रीय पंजीकृत परीक्षण पूल (एनआरटीपी) में शामिल 110 में से पांच क्रिकेटर हैं.
उन्हें अपनी संबंधित महासंघ की मदद लेनी पड़ती है
एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने पुष्टि की कि बीसीसीआई ने अपने पांच एनआरटीपी खिलाड़ियों के स्थान की जानकारी का खुलासा करने में असफल रहने के लिए अधिकारिक स्पष्टीकरण भेजा है. अग्रवाल ने कहा, ''एडीएएमएस (डोपिंग रोधी प्रशासनिक एवं प्रबंधन प्रणाली) साफ्टवेयर में 'व्हेयरअबाउट्स फार्म' भरने के दो तरीके हैं या तो खिलाड़ी खुद ही इसे भरे या फिर संघ उसकी तरफ से ये फॉर्म भरे.''
उन्होंने कहा, ''कुछ खेलों में एथलीट इतने शिक्षित नहीं होते या फिर उनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होती तो वे खुद एडीएएमस के इस 'व्हेयरअबाउट्स' अनुच्छेद को ढूंढ नहीं पाते या फिर फॉर्म भरकर इसे अपलोड नहीं कर पाते.''
अग्रवाल ने कहा, ''उन्हें अपनी संबंधित महासंघ की मदद लेनी पड़ती है. इसलिए महासंघ उनके रहने के स्थल की जानकारी के फॉर्म को अपलोड करने की जिम्मेदारी लेते हैं.'' उन्होंने कहा कि क्रिकेटरों को भी कभी कभार इस प्रक्रिया को खुद करने में मुश्किल आती है.
अग्रवाल ने कहा, ''क्रिकेट में भी इसी तरह है, हालांकि ये लोग काफी शिक्षित होते हैं और वे ऐसा कर सकते हैं, शायद उनके पास समय नहीं हो, या फिर और कोई कारण हो तो संबंधित महासंघ, बीसीसीआई ने उनके स्थान की जानकारी अपलोड करने की जिम्मेदारी ले ली है. तो बीसीसीआई ने इस बार तीन महीने की जानकारी क्यों नहीं दी? तो उन्होंने कहा, ''उन्होंने इसका स्पष्टीकरण दिया है जो तर्कसंगत लगता है लेकिन फैसला लिया जाएगा.
खिलाड़ी के अपने स्थान की जानकारी देने का नियम अनिवार्य है
उन्होंने कहा है कि एडीएएमएस में पासवर्ड के संबंध में गड़बड़ी हुई है. अब उन्होंने कहा कि ये मुद्दा निपट गया है.'' उन्होंने कहा, ''बीसीसीआई के स्पष्टीकरण पर चर्चा होगी कि इसे जानकारी देने में असफल होने के तीन में से एक के तौर पर गिना जाये या नहीं. ये दिये गये स्पष्टीकरण से देखा जाएगा कि बीसीसीआई यहां से आगे कैसे करता है.''
कोविड-19 महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लगा था लेकिन खिलाड़ी के अपने स्थान की जानकारी देने का नियम अनिवार्य है. ऐसा तीन बार करने से दो साल का निलंबन भी लग सकता है. बीसीसीआई ने मीडिया से बातचीत के लिए अपने अधिकारियों को लगाया हुआ है लेकिन ये पता नहीं लगाया जा सका कि मामूली से पासवर्ड की गड़बड़ी को दूर करने में इतने दिन कैसे लग गए.
बीसीसीआई के क्रिकेट परिचालन की जानकारी रखने वाले एक अनुभवी अधिकारी से पूछा गया कि ये पांच क्रिकेटर खुद अपने फार्म क्यों नहीं अपलोड कर पाए तो उन्होंने कहा, ''ये लॉकडाउन का समय था और वे घर से बाहर नहीं रह रहे थे. इनमें से कुछ तो इंस्टाग्राम चैट और पोडकास्ट पर भी थे जो उनके एजेंट संभाल रहे थे. अगर क्रिकेट परिचालन टीम को पासवर्ड ठीक करने में मुश्किल आ रही थी तो पांचों क्रिकेटरों से ऐसा करने को कहा जा सकता था और वे किसी की मदद से व्यक्तिगत रूप से इसे भर लेते. शायद इस बार नाडा नरमी बरतेगा लेकिन अगर ये अधिकारिक चेतावनी बन गया तो कौन जिम्मेदार होगा.