हैदराबाद: गत चैंपियन और महेंद्र सिह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इस बार के इंडियन प्रीमियर लीग में यो-यो फिटनेस टेस्ट नहीं देगी. बल्कि खिलाड़ियों के फिटनेस को मापने के लिए अन्य तरह के टेस्ट का इस्तेमाल किया जायेगा.
सीएसके से जुड़े और पूर्व भारतीय ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन ने खिलाड़ियों की फिटनेस को मापने के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ और स्प्रिंट रिपीट टेस्ट को खिलाड़ियों की फिटनेस मापने के पैमाने के रूप में चुना है.
मीडिया से बात करते हुए कहा
रामजी ने एक मीडिया समूह से बातचीत के दौरान बताया कि कैसे उन्होंने यो-यो टेस्ट जैसे सामान्य टेस्ट पैरामीटर के बजाय खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट टेस्ट और डिजाइन टेस्ट को प्राथमिकता दी है.
उन्होंने कहा,"मैंने खिलाड़ियों की फिटनेस जांच के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ को चुना है. केवल इसलिए कि राष्ट्रीय टीम यो-यो टेस्ट करती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि हमें भी इस प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत है."
धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया
रामजी ने कहा,"मेरा मानना है कि खिलाड़ियों की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए चुनौतियों को तैयार करने की जरूरत है. उदाहरण के रूप में देखें तो जब मैं भारतीय टीम के साथ था, तब मैंने धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया था, वह सचिन तेंदुलकर के लिए नहीं था." उन्होंने कहा,"ठीक वैसे ही अगर विराट कोहली डेडलिफ्ट करना चाहते हैं और उनका शरीर उनका साथ देता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि धोनी को भी वैसा ही करना होगा. यो-यो टेस्ट फुटबॉल जैसे खेलों के लिए अधिक अनुकूल है."
धोनी एक स्मार्ट ट्रेनर हैं
धोनी के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने कहा,"एमएस पूरी तरह से अलग हैं. वह चीजों को बहुत आसान रखना पसंद करते हैं. वह क्लीन-एंड-जर्क और अन्य तरह की पावर लिफ्टिंग नहीं करते हैं. वह एक स्मार्ट ट्रेनर हैं. वह इस तरह से अभ्यास करते हैं जो आसान होता है और उनके स्किल्स को बढ़ाने में मदद करता है."
'झुंड मानसिकता' को खत्म करना होगा
रामजी को लगता है कि भारत में एक 'झुंड मानसिकता' है, जिसमें यदि कोई व्यक्ति कुछ करता है और वह इसमें सफलता हासिल करता है, तो दूसरे लोग भी वही चीज करने लगते हैं. उन्होंने कहा,"केवल इसलिए कि उसैन बोल्ट फिट रहने के लिए दौड़ता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि मुझे भी ऐसा ही करना चाहिए. हमें इस 'झुंड मानसिकता' को खत्म करना होगा."
रामजी ने कहा, "हां, एक निश्चित फिटनेस प्रणाली का पालन करने से कोहली को जो परिणाम मिला है, उसमें कोई शक नही है. लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि कोई दूसरा खिलाड़ी भी उसी फिटनेस प्रणाली का पालन करके उसी तरह के परिणाम हासिल कर लेगा."
आईपीएल में यो-यो टेस्ट नहीं देगी CSK
आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इस बार यो-यो फिटनेस टेस्ट नहीं देगी. बल्कि खिलाड़ियों के फिटनेस को मापने के लिए अन्य तरह के टेस्ट का इस्तेमाल किया जायेगा.
हैदराबाद: गत चैंपियन और महेंद्र सिह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इस बार के इंडियन प्रीमियर लीग में यो-यो फिटनेस टेस्ट नहीं देगी. बल्कि खिलाड़ियों के फिटनेस को मापने के लिए अन्य तरह के टेस्ट का इस्तेमाल किया जायेगा.
सीएसके से जुड़े और पूर्व भारतीय ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन ने खिलाड़ियों की फिटनेस को मापने के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ और स्प्रिंट रिपीट टेस्ट को खिलाड़ियों की फिटनेस मापने के पैमाने के रूप में चुना है.
मीडिया से बात करते हुए कहा
रामजी ने एक मीडिया समूह से बातचीत के दौरान बताया कि कैसे उन्होंने यो-यो टेस्ट जैसे सामान्य टेस्ट पैरामीटर के बजाय खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट टेस्ट और डिजाइन टेस्ट को प्राथमिकता दी है.
उन्होंने कहा,"मैंने खिलाड़ियों की फिटनेस जांच के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ को चुना है. केवल इसलिए कि राष्ट्रीय टीम यो-यो टेस्ट करती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि हमें भी इस प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत है."
धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया
रामजी ने कहा,"मेरा मानना है कि खिलाड़ियों की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए चुनौतियों को तैयार करने की जरूरत है. उदाहरण के रूप में देखें तो जब मैं भारतीय टीम के साथ था, तब मैंने धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया था, वह सचिन तेंदुलकर के लिए नहीं था." उन्होंने कहा,"ठीक वैसे ही अगर विराट कोहली डेडलिफ्ट करना चाहते हैं और उनका शरीर उनका साथ देता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि धोनी को भी वैसा ही करना होगा. यो-यो टेस्ट फुटबॉल जैसे खेलों के लिए अधिक अनुकूल है."
धोनी एक स्मार्ट ट्रेनर हैं
धोनी के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने कहा,"एमएस पूरी तरह से अलग हैं. वह चीजों को बहुत आसान रखना पसंद करते हैं. वह क्लीन-एंड-जर्क और अन्य तरह की पावर लिफ्टिंग नहीं करते हैं. वह एक स्मार्ट ट्रेनर हैं. वह इस तरह से अभ्यास करते हैं जो आसान होता है और उनके स्किल्स को बढ़ाने में मदद करता है."
'झुंड मानसिकता' को खत्म करना होगा
रामजी को लगता है कि भारत में एक 'झुंड मानसिकता' है, जिसमें यदि कोई व्यक्ति कुछ करता है और वह इसमें सफलता हासिल करता है, तो दूसरे लोग भी वही चीज करने लगते हैं. उन्होंने कहा,"केवल इसलिए कि उसैन बोल्ट फिट रहने के लिए दौड़ता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि मुझे भी ऐसा ही करना चाहिए. हमें इस 'झुंड मानसिकता' को खत्म करना होगा."
रामजी ने कहा, "हां, एक निश्चित फिटनेस प्रणाली का पालन करने से कोहली को जो परिणाम मिला है, उसमें कोई शक नही है. लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि कोई दूसरा खिलाड़ी भी उसी फिटनेस प्रणाली का पालन करके उसी तरह के परिणाम हासिल कर लेगा."
हैदराबाद: गत चैंपियन और महेंद्र सिह धोनी के नेतृत्व वाली टीम चेन्नई सुपर किंग्स इस बार के इंडियन प्रीमियर लीग में यो-यो फिटनेस टेस्ट नहीं देगी. बल्कि खिलाड़ियों के फिटनेस को मापने के लिए अन्य तरह के टेस्ट का इस्तेमाल किया जायेगा.
सीएसके से जुड़े और पूर्व भारतीय ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन ने खिलाड़ियों की फिटनेस को मापने के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ और स्प्रिंट रिपीट टेस्ट को खिलाड़ियों की फिटनेस मापने के पैमाने के रूप में चुना है.
मीडिया से बात करते हुए कहा
रामजी ने एक मीडिया समूह से बातचीत के दौरान बताया कि कैसे उन्होंने यो-यो टेस्ट जैसे सामान्य टेस्ट पैरामीटर के बजाय खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट टेस्ट और डिजाइन टेस्ट को प्राथमिकता दी है.
उन्होंने कहा,"मैंने खिलाड़ियों की फिटनेस जांच के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ को चुना है. केवल इसलिए कि राष्ट्रीय टीम यो-यो टेस्ट करती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि हमें भी इस प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत है."
धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया
रामजी ने कहा,"मेरा मानना है कि खिलाड़ियों की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए चुनौतियों को तैयार करने की जरूरत है. उदाहरण के रूप में देखें तो जब मैं भारतीय टीम के साथ था, तब मैंने धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया था, वह सचिन तेंदुलकर के लिए नहीं था." उन्होंने कहा,"ठीक वैसे ही अगर विराट कोहली डेडलिफ्ट करना चाहते हैं और उनका शरीर उनका साथ देता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि धोनी को भी वैसा ही करना होगा. यो-यो टेस्ट फुटबॉल जैसे खेलों के लिए अधिक अनुकूल है."
धोनी एक स्मार्ट ट्रेनर हैं
धोनी के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने कहा,"एमएस पूरी तरह से अलग हैं. वह चीजों को बहुत आसान रखना पसंद करते हैं. वह क्लीन-एंड-जर्क और अन्य तरह की पावर लिफ्टिंग नहीं करते हैं. वह एक स्मार्ट ट्रेनर हैं. वह इस तरह से अभ्यास करते हैं जो आसान होता है और उनके स्किल्स को बढ़ाने में मदद करता है."
'झुंड मानसिकता' को खत्म करना होगा
रामजी को लगता है कि भारत में एक 'झुंड मानसिकता' है, जिसमें यदि कोई व्यक्ति कुछ करता है और वह इसमें सफलता हासिल करता है, तो दूसरे लोग भी वही चीज करने लगते हैं. उन्होंने कहा,"केवल इसलिए कि उसैन बोल्ट फिट रहने के लिए दौड़ता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि मुझे भी ऐसा ही करना चाहिए. हमें इस 'झुंड मानसिकता' को खत्म करना होगा."
रामजी ने कहा, "हां, एक निश्चित फिटनेस प्रणाली का पालन करने से कोहली को जो परिणाम मिला है, उसमें कोई शक नही है. लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि कोई दूसरा खिलाड़ी भी उसी फिटनेस प्रणाली का पालन करके उसी तरह के परिणाम हासिल कर लेगा."
Conclusion: