साउथैम्पटन: वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने नस्लवाद पर कड़ा संदेश देते हुए बुधवार को कहा कि ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन समानता के बारे में है.
होल्डिंग ने इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर एबनी रेनफोर्ड से बातचीत में कहा कि लोगों को समझना होगा कि अश्वेत लोगों की जिंदगी भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जब तक हम संपूर्ण मानव जाति को शिक्षित नहीं कर देते, तब तक यह भेदभाव नहीं रुकने वाला.
होल्डिंग ने कहा, "कई साल पहले भी विरोध में, यहां तक कि जब मार्टिन लूथर किंग मार्च कर रहे थे, आप पाएंगे कि अधिकांश अश्वेत और कुछ ही श्वेत चेहरे इनमें होते थे. लेकिन, इस बार इन विरोध प्रदर्शनों में बहुत सारे गोरे लोग शामिल हैं और यह अंतर है."
उन्होंने कहा, "हम सब इंसान हैं, इसलिए मुझे उम्मीद है कि लोग समझेंगे कि ये ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन सिर्फ अश्वेत लोगों के लिए नहीं है. ये किसी को किसी से ऊपर करने वाली बात नहीं है. ये समानता को लेकर है."
इससे पहले तेज गेंदबाज लुंगी एनगिडी ने कहा था कि दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह ही दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम को भी 'ब्लैक लाइव्स मैटर' के मुद्दे पर साथ आने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "एक राष्ट्र के रूप में, हमारे पास नस्लीय भेदभाव के साथ एक कठिन अतीत है, इसलिए निश्चित रूप से हम एक टीम के रूप में नस्लीय भेदभाव विरोधी आंदोलन का समर्थन करेंगे."
उन्होंने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसे हमें बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है और जैसा बाकी दुनिया कर रही है, हम वैसे ही करेंगे."
बता दें कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच 8 जुलाई से शुरू हुई तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला से पहले टेस्ट की शुरूआत से पूर्व खिलाड़ी ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के समर्थन में घुटने के बल बैठे.
दर्शकों के बिना रोस बाउल स्टेडियम पर पहली गेंद फेंके जाने से पूर्व फील्डिंग कर रहे वेस्टइंडीज के क्रिकेटर आउटफील्ड में घुटने के बल बैठे. इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने भी यही किया. दोनों टीमों ने अपनी जर्सी की कॉलर पर ब्लैक लाइव्स मैटर का लोगो पहन रखा था.