ETV Bharat / sports

रणजी मैचों के लिए बीसीसीआई ला रहा है नया नियम, जानिए इस नियम के बारे में

भारत में बीसीसीआई इस सीजन से गलतियों से बचने के लिए रणजी नॉकआउट मैचों के दौरान सीमित डीआरएस का उपयोग करेगा. डीआरएस के इस प्रतिबंधित प्रारूप में हॉक आई और अल्ट्रा एज शामिल नहीं होंगे. ये दोनों अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सिस्टम में  प्रमुख माने जाते हैं.

Ranji Trophy
author img

By

Published : Jul 19, 2019, 10:06 AM IST

लंदन : इस नियम पर बीसीसीआई के क्रिकेट ऑरेशंस के जनरल मैनेजर सबा करीब ने कहा, ' पिछले साल के कुछ नॉकआउट मैचों में अंपायरों से कुछ बड़ी गलतियां हुई है जिस वजह से काफी आलोचना झेलनी पड़ी. इसलिए, हम उस सब से बचना चाहते हैं और हमें जो भी मदद मिल सकती है उसका उपयोग करना चाहते है. रणजी टॉफी के नॉकआउट मैचों में सीमित डीआरएस को लागू करने के लिए हम सभी तकनीकों का उपयोग करेंगे जिससे ऑन-फील्ड अंपायरों को सही फैसला लेने में मदद मिले.'

सबा करीब
सबा करीब

पिछले सीजन में कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच खेले गए सेमीफाइनल में चेतेश्वर पुजारा के बल्ले का किनारा लगकर गेंद कर्नाटक के विकेटकीपर के हाथों में चली गई थी, लेकिन अंपायर ने इसे आउट नहीं दिया जिसकी कीमत कर्नाटक को चुकानी पड़ी.

चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा
करीम ने ये भी कहा कि वो मैच अधिकारियों के साथ मीटींग करेंगे ताकि तकनीक का पूरा उपयोग हो सके. हम इसे केवल एक प्रयोग के रूप में उपयोग करने के लिए देख रहे हैं कि ये घरेलू क्रिकेट के लिए कितना उपयोगी हो सकता है. हम उन सभी कैमरों का उपयोग करेंगे जिनका उपयोग हम सही निर्णय के लिए कर सकते हैं.

आपको बता दें कि रणजी टॉफी का 2019/20वां सीजन दिसंबर से शुरू होने वाला है.

लंदन : इस नियम पर बीसीसीआई के क्रिकेट ऑरेशंस के जनरल मैनेजर सबा करीब ने कहा, ' पिछले साल के कुछ नॉकआउट मैचों में अंपायरों से कुछ बड़ी गलतियां हुई है जिस वजह से काफी आलोचना झेलनी पड़ी. इसलिए, हम उस सब से बचना चाहते हैं और हमें जो भी मदद मिल सकती है उसका उपयोग करना चाहते है. रणजी टॉफी के नॉकआउट मैचों में सीमित डीआरएस को लागू करने के लिए हम सभी तकनीकों का उपयोग करेंगे जिससे ऑन-फील्ड अंपायरों को सही फैसला लेने में मदद मिले.'

सबा करीब
सबा करीब

पिछले सीजन में कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच खेले गए सेमीफाइनल में चेतेश्वर पुजारा के बल्ले का किनारा लगकर गेंद कर्नाटक के विकेटकीपर के हाथों में चली गई थी, लेकिन अंपायर ने इसे आउट नहीं दिया जिसकी कीमत कर्नाटक को चुकानी पड़ी.

चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा
करीम ने ये भी कहा कि वो मैच अधिकारियों के साथ मीटींग करेंगे ताकि तकनीक का पूरा उपयोग हो सके. हम इसे केवल एक प्रयोग के रूप में उपयोग करने के लिए देख रहे हैं कि ये घरेलू क्रिकेट के लिए कितना उपयोगी हो सकता है. हम उन सभी कैमरों का उपयोग करेंगे जिनका उपयोग हम सही निर्णय के लिए कर सकते हैं.

आपको बता दें कि रणजी टॉफी का 2019/20वां सीजन दिसंबर से शुरू होने वाला है.

Intro:Body:

लंदन : भारत में बीसीसीआई इस सीजन से गलतियों से बचने के लिए रणजी नॉकआउट मैचों के दौरान सीमित डीआरएस का उपयोग करेगा. डीआरएस के इस प्रतिबंधित प्रारूप में हॉक आई और अल्ट्रा एज शामिल नहीं होंगे. ये दोनों अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सिस्टम में  प्रमुख माने जाते हैं.



बीसीसीआई के क्रिकेट ऑरेशंस के जनरल मैनेजर सबा करीब ने कहा, ' पिछले साल के कुछ नॉकआउट मैचों में अंपायरों से कुछ बड़ी गलतियां हुई है जिस वजह से काफी आलोचना झेलनी पड़ी. इसलिए, हम उस सब से बचना चाहते हैं और हमें जो भी मदद मिल सकती है उसका उपयोग करना चाहते है. रणजी टॉफी के नॉकआउट मैचों में सीमित डीआरएस को लागू करने के लिए हम सभी तकनीकों का उपयोग करेंगे जिससे ऑन-फील्ड अंपायरों को सही फैसला लेने में मदद मिले.'



पिछले सीजन में कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच खेले गए सेमीफाइनल में चेतेश्वर पुजारा के बल्ले का किनारा लगकर गेंद कर्नाटक के विकेटकीपर के हाथों में चली गई थी, लेकिन अंपायर ने इसे आउट नहीं दिया जिसकी कीमत कर्नाटक को चुकानी पड़ी.

करीम ने ये भी कहा कि वो मैच अधिकारियों के साथ मीटींग करेंगे ताकि तकनीक का पूरा उपयोग हो सके. हम इसे केवल एक प्रयोग के रूप में उपयोग करने के लिए देख रहे हैं कि ये घरेलू क्रिकेट के लिए कितना उपयोगी हो सकता है. हम उन सभी कैमरों का उपयोग करेंगे जिनका उपयोग हम सही निर्णय के लिए कर सकते हैं.



आपको बता दें कि रणजी टॉफी का 2019/20वां सीजन दिसंबर से शुरू होने वाला है. 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.