लंदन : इस नियम पर बीसीसीआई के क्रिकेट ऑरेशंस के जनरल मैनेजर सबा करीब ने कहा, ' पिछले साल के कुछ नॉकआउट मैचों में अंपायरों से कुछ बड़ी गलतियां हुई है जिस वजह से काफी आलोचना झेलनी पड़ी. इसलिए, हम उस सब से बचना चाहते हैं और हमें जो भी मदद मिल सकती है उसका उपयोग करना चाहते है. रणजी टॉफी के नॉकआउट मैचों में सीमित डीआरएस को लागू करने के लिए हम सभी तकनीकों का उपयोग करेंगे जिससे ऑन-फील्ड अंपायरों को सही फैसला लेने में मदद मिले.'
पिछले सीजन में कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच खेले गए सेमीफाइनल में चेतेश्वर पुजारा के बल्ले का किनारा लगकर गेंद कर्नाटक के विकेटकीपर के हाथों में चली गई थी, लेकिन अंपायर ने इसे आउट नहीं दिया जिसकी कीमत कर्नाटक को चुकानी पड़ी.
आपको बता दें कि रणजी टॉफी का 2019/20वां सीजन दिसंबर से शुरू होने वाला है.