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'WADA को 2017 से भारतीय क्रिकेटर्स के ठिकानों की जानकारी देता है BCCI' !

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के विवादास्पद नियम पर आपत्ति के बावजूद बीसीसीआई वाडा को 2017 से ही शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों के ‘रहने के स्थल’ की जानकारी मुहैया कराता रहा है.

BCCI Provides Information of Indian Cricketers to WADA since 2017
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Published : Mar 9, 2019, 11:30 PM IST

मोहाली: विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के विवादास्पद नियम पर आपत्ति के बावजूद बीसीसीआई वाडा को 2017 से ही शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों के ‘रहने के स्थल’ की जानकारी मुहैया कराता रहा है.

  • Indian Cricketers Providing "Whereabouts" Details To WADA Since 2017 https://t.co/1DJeLHLrex The BCCI has been uploading the "whereabouts" of its players in WADA's ADAMS (Anti Doping Administrative and Management Systems) database.

    from Latest All News… https://t.co/RvEMcVsrQl

    — Abinasha Mohanty (@Abinasha1234) March 9, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीसीसीआई अब तक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधीन नहीं है और वाडा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को इस संबंध में अपनी चिंतायें व्यक्त की थी. दुबई में हाल में हुई आईसीसी बोर्ड बैठक में इस मुद्दे को रखा गया था और भारतीय क्रिकेट बोर्ड को तुरंत नाडा के साथ इस मुद्दे को निपटाने के लिये कहा गया था.

पता चला है कि बीसीसीआई 2017 चैम्पियंस ट्राफी से ही अपने खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी वाडा के डोपिंग रोधी प्रशासनिक एवं प्रबंधन प्रणाली (एडीएएमएस) के डाटाबेस में अपलोड करता रहा है.

एडीएएमएस में खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी, उपचाराधीन मामलें में छूट (थेरेपेटिक यूज एग्जैम्पशंस - टीयूई), जांच की योजना और नतीजों के प्रबंधन, लैब के नतीजे के माड्यूल की जानकारी होती है.

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘हमें इस गलतफहमी को स्पष्ट करने की जरूरत है. 2017 से ही हम लगातार अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी एडीएएमएस पर अपलोड करते रहे हैं. हमें इस रहने के स्थल संबंधित नियम से कोई भी परेशानी नहीं रही. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कुछ खिलाड़ी पहले 2015 आईसीसी विश्व कप के दौरान वाडा के पंजीकृत परीक्षण पूल (आरटीपी) से जुड़े थे. हमें समस्या नाडा के नमूनों को संभालने और उनके डोप नियंत्रण अधिकारियों के काम करने को लेकर है. हम इससे संतुष्ट नहीं हैं और हमने आईसीसी को भी इसके बारे में बता दिया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक हल का प्रस्ताव रख सकते हैं. बीसीसीआई कुछ सरंक्षकों को रख सकता है जो नाडा के डोप नियंत्रण अधिकारियों की मौजूदगी में खिलाड़ियों से मूत्र के नमूने एकत्रित करने में मदद करेंगे और इन्हें सीधा राष्ट्रीय डोप परीक्षण लैब (एनडीटीएल) में भेज दिया जाएगा.’’

इस समय स्वीडिश एजेंसी आईडीटीएम भारतीय खिलाड़ियों के नमूने एकत्रित करती है और परीक्षण वाडा द्वारा मान्यता प्राप्त लैब एनडीटीएल में किये जाते हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘‘बीसीसीआई विश्व कप को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से कम से कम 25 खिलाड़ियों के परीक्षण कर रहा है.’’

मोहाली: विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के विवादास्पद नियम पर आपत्ति के बावजूद बीसीसीआई वाडा को 2017 से ही शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों के ‘रहने के स्थल’ की जानकारी मुहैया कराता रहा है.

  • Indian Cricketers Providing "Whereabouts" Details To WADA Since 2017 https://t.co/1DJeLHLrex The BCCI has been uploading the "whereabouts" of its players in WADA's ADAMS (Anti Doping Administrative and Management Systems) database.

    from Latest All News… https://t.co/RvEMcVsrQl

    — Abinasha Mohanty (@Abinasha1234) March 9, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीसीसीआई अब तक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधीन नहीं है और वाडा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को इस संबंध में अपनी चिंतायें व्यक्त की थी. दुबई में हाल में हुई आईसीसी बोर्ड बैठक में इस मुद्दे को रखा गया था और भारतीय क्रिकेट बोर्ड को तुरंत नाडा के साथ इस मुद्दे को निपटाने के लिये कहा गया था.

पता चला है कि बीसीसीआई 2017 चैम्पियंस ट्राफी से ही अपने खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी वाडा के डोपिंग रोधी प्रशासनिक एवं प्रबंधन प्रणाली (एडीएएमएस) के डाटाबेस में अपलोड करता रहा है.

एडीएएमएस में खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी, उपचाराधीन मामलें में छूट (थेरेपेटिक यूज एग्जैम्पशंस - टीयूई), जांच की योजना और नतीजों के प्रबंधन, लैब के नतीजे के माड्यूल की जानकारी होती है.

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘हमें इस गलतफहमी को स्पष्ट करने की जरूरत है. 2017 से ही हम लगातार अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी एडीएएमएस पर अपलोड करते रहे हैं. हमें इस रहने के स्थल संबंधित नियम से कोई भी परेशानी नहीं रही. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कुछ खिलाड़ी पहले 2015 आईसीसी विश्व कप के दौरान वाडा के पंजीकृत परीक्षण पूल (आरटीपी) से जुड़े थे. हमें समस्या नाडा के नमूनों को संभालने और उनके डोप नियंत्रण अधिकारियों के काम करने को लेकर है. हम इससे संतुष्ट नहीं हैं और हमने आईसीसी को भी इसके बारे में बता दिया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक हल का प्रस्ताव रख सकते हैं. बीसीसीआई कुछ सरंक्षकों को रख सकता है जो नाडा के डोप नियंत्रण अधिकारियों की मौजूदगी में खिलाड़ियों से मूत्र के नमूने एकत्रित करने में मदद करेंगे और इन्हें सीधा राष्ट्रीय डोप परीक्षण लैब (एनडीटीएल) में भेज दिया जाएगा.’’

इस समय स्वीडिश एजेंसी आईडीटीएम भारतीय खिलाड़ियों के नमूने एकत्रित करती है और परीक्षण वाडा द्वारा मान्यता प्राप्त लैब एनडीटीएल में किये जाते हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘‘बीसीसीआई विश्व कप को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से कम से कम 25 खिलाड़ियों के परीक्षण कर रहा है.’’

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मोहाली: विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के विवादास्पद नियम पर आपत्ति के बावजूद बीसीसीआई वाडा को 2017 से ही शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों के ‘रहने के स्थल’ की जानकारी मुहैया कराता रहा है.



बीसीसीआई अब तक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधीन नहीं है और वाडा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को इस संबंध में अपनी चिंतायें व्यक्त की थी. दुबई में हाल में हुई आईसीसी बोर्ड बैठक में इस मुद्दे को रखा गया था और भारतीय क्रिकेट बोर्ड को तुरंत नाडा के साथ इस मुद्दे को निपटाने के लिये कहा गया था.



पता चला है कि बीसीसीआई 2017 चैम्पियंस ट्राफी से ही अपने खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी वाडा के डोपिंग रोधी प्रशासनिक एवं प्रबंधन प्रणाली (एडीएएमएस) के डाटाबेस में अपलोड करता रहा है.



एडीएएमएस में खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी, उपचाराधीन मामलें में छूट (थेरेपेटिक यूज एग्जैम्पशंस - टीयूई), जांच की योजना और नतीजों के प्रबंधन, लैब के नतीजे के माड्यूल की जानकारी होती है.



बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘हमें इस गलतफहमी को स्पष्ट करने की जरूरत है. 2017 से ही हम लगातार अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के ठिकानों की जानकारी एडीएएमएस पर अपलोड करते रहे हैं. हमें इस रहने के स्थल संबंधित नियम से कोई भी परेशानी नहीं रही. ’’



उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कुछ खिलाड़ी पहले 2015 आईसीसी विश्व कप के दौरान वाडा के पंजीकृत परीक्षण पूल (आरटीपी) से जुड़े थे. हमें समस्या नाडा के नमूनों को संभालने और उनके डोप नियंत्रण अधिकारियों के काम करने को लेकर है. हम इससे संतुष्ट नहीं हैं और हमने आईसीसी को भी इसके बारे में बता दिया है.’’



उन्होंने कहा, ‘‘हम एक हल का प्रस्ताव रख सकते हैं. बीसीसीआई कुछ सरंक्षकों को रख सकता है जो नाडा के डोप नियंत्रण अधिकारियों की मौजूदगी में खिलाड़ियों से मूत्र के नमूने एकत्रित करने में मदद करेंगे और इन्हें सीधा राष्ट्रीय डोप परीक्षण लैब (एनडीटीएल) में भेज दिया जाएगा.’’



इस समय स्वीडिश एजेंसी आईडीटीएम भारतीय खिलाड़ियों के नमूने एकत्रित करती है और परीक्षण वाडा द्वारा मान्यता प्राप्त लैब एनडीटीएल में किये जाते हैं.



अधिकारी ने कहा, ‘‘बीसीसीआई विश्व कप को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से कम से कम 25 खिलाड़ियों के परीक्षण कर रहा है.’’

 


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