नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वे न सिर्फ एक मजबूत ओपनिंग बल्लेबाज थे लेकिन साथ ही उनका सेंस ऑफ ह्यूमर भी गजब का था.
गांगुली ने आगे कहा कि चौहान को भारतीय क्रिकेट के प्रति बहुत लगाव था. चौहान को कोविड-19 पॉजीटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां रविवार को उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली.
![Sourav Ganguly, BCCI, Chetan Chauhan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8448761_efjjufevoaueixj_1708newsroom_1597640966_188.jpg)
गांगुली ने बीसीसीआई द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'चेतन चौहान के निधन के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ है. जब वह भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे तो मैंने उनके साथ बहुत वक्त बिताया है. वह न सिर्फ वह एक मजबूत सलामी बल्लेबाज थे बल्कि उनका सेंस ऑफ ह्यूमर भी लाजवाब था और भारतीय क्रिकेट के प्रति उनका लगाव भी शानदार था.'
गांगुली ने कहा, 'इस साल को भूल जाना ही बेहतर है क्योंकि इसने कई लोगों को हमसे छीना है. वह हमेशा हमारे साथ रहेंगे. ईश्वर उनके परिवार को इस दुख से उबरने की शक्ति दे.'
![Sourav Ganguly, BCCI, Chetan Chauhan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8448761_8446150_man.jpg)
बता दें कि दाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज चौहान ने भारत के लिए 40 टेस्ट मैच और सात एकदिवसीय खेले हैं. वह सुनील गावसकर के ओपनिंग पार्टनर रहे और दोनों ने सलाम जोड़ी के रूप में 10 शतकीय साझेदारियां कीं.
1979 में ओवल में दोनों ने दमदार प्रदर्शन किया था जब दूसरी पारी में 213 रन जोड़े थे. इस जोड़ी ने कुल मिलाकर 59 पारियों में 3010 रन जोड़े. वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर की जोड़ी ने बाद में इस रेकॉर्ड को तोड़ा था.
![Sourav Ganguly, BCCI, Chetan Chauhan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8448761_chetanchauhan.jpg)
चौहान ने 179 प्रथम श्रेणी मैचों में 11000 रन बनाए थे और साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र और दिल्ली का भी प्रतिनिधित्व किया था.
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में उपाध्यक्ष, सचिव और मुख्य चयनकर्ता भी रहे. वह 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य मैनेजर भी थे. 1980-81 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. चौहान हाल के समय में उत्तर प्रदेश सरकार में खेल मंत्री थे.