नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के चुनावों के लिए 22 अक्टूबर की तारीख का ऐलान किया है. वहीं, राज्य संघों को 14 सितंबर को अपने चुनाव निपटाना को कहा है. हालांकि सीओए के इस फैसले से बोर्ड के कई अधिकारी हैरान हैं.
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इसका मतलब है कि 2018 में चुनाव कराने वाली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को दोबारा चुनाव कराने होंगे. इसका मतलब है कि डीडीसीए के जिन अधिकारियों का अभी कार्यकाल भी खत्म नहीं हुआ है वो उससे पहले ही अपना पद छोड़ देंगे.
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अधिकारी ने कहा,"इसमें सबसे मजाकिया बात ये है कि अगर किसी को लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक नियुक्त किया गया है और उसका कार्यकाल दो साल का है तो उसे कैसे ऑफिस से हटाया जा सकता है."
अधिकारी ने कहा,"अगर किसी राज्य संघ के चुनाव नहीं हुए हैं तो ये बात मायने रखती है. लेकिन आप वहां चुनाव कैसे करा सकते हैं जहां चुनाव का समय ही नहीं है? विनोद राय को लग रहा है कि वो कानून से बड़े हैं. मेरा कहना है कि बीसीसीआई के चुनाव अलग हैं, उनके पास ये तय करने का हक नहीं है कि राज्य संघों के चुनाव कब होंगे."
राय ने राष्ट्रीय राजधानी में हुई बैठक के बाद कहा कि बीसीसीआई के चुनाव 22 अक्टूबर को होंगे और एमिकस क्यूरी से चर्चा के बाद ये भी तय किया गया है कि राज्य संघों की सर्वोच्च परिषद में नौ की बजाए अब 19 सदस्य होंगे. हालांकि राज्य संघ के एक अधिकारी ने चुनावों की घोषणा की प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
अधिकारी ने कहा,"क्या है संदेहास्पद नहीं है कि किस तरह उन्होंने सर्वोच्च अदालत की छुट्टियां शुरू होने का इंतजार किया और फिर चुनावों की तारीखों का ऐलान किया, वो इस बात को अच्छे से जानते थे कि एमिकस क्यूरी और राज्य संघों के बीच कुछ मुद्दे उलझे पड़े हैं जिन्हें सुलझाना बाकी है इसलिए उन्होंने ये मौका चुना कि उन राज्य संघों को ही बेदखल कर दिया जाए जिनके कुछ लोगों को सीओए पसंद नहीं करती है."