नई दिल्ली: कोरोनावायरस के कारण पूरा विश्व इस समय रुका हुआ है और ऐसे में खिलाड़ियों के वेतन में कटौती की खबरें भी आम हैं. लेकिन बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने साफ कर दिया है कि इस समय भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों का वेतन काटने को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं है.
धूमल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस तरह की चर्चा नहीं है और बेशक इस बीमारी का असर गहरा हो लेकिन वेतन में कटौती बोर्ड के दिमाग में नहीं है.
उन्होंने कहा, "नहीं, हमने वेतन कटौती को लेकर बात नहीं की है. इस महामारी के बाद जो भी फैसले लिए जाएंगे वो सभी लोगों का हित ध्यान में रखकर लिए जाएंगे. जो भी फैसला लिया जाएगा उसके बारे में सोचा जाएगा और अभी हमने इस बारे में सोचा भी नहीं है. जाहिर तौर पर यह बड़ी आपदा है, लेकिन हम इसे इस तरह से निपटने की कोशिश करेंगे कि कोई भी इससे आहत न हो. एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो चीजों पर चर्चा की जाएगी."
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भी इंग्लैंड के केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटरों के सामने कोरोना वायरस के चलते वेतन में कटौती का प्रस्ताव रखा था लेकिन क्रिकेटरों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. ईसीबी के मुख्य कार्यकारी टॉम हैरिसन का कहना है कि अगर कोरोना वायरस के कारण क्रिकेट सत्र नहीं हुआ तो बोर्ड को 30 करोड़ पौंड (करीब 28 अरब 43 करोड़ रुपये ) का नुकसान हो सकता है.
बता दें कि कोरोनावायरस के कारण दुनिया के तमाम स्पोर्ट्स इवेंट्स या तो रद्द हुए हैं या फिर स्थगित हुए हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी कोविड-19 महामारी के चलते काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.