नई दिल्ली: कोविड-19 के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था एक ओर संघर्ष कर रही है तो वहीं बीसीसीआई ने अपनी सहयोगी कंपनियों और क्लाइंट को 46.89 करोड़ रुपये बांटे हैं. इसके अलावा जुलाई में इन्कम टेक्स/जीएसीटी भी दिए हैं. बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दी.
ये हर महीने 25 लाख रुपये से ज्यादा की मदद दिए जाने का नियमित ऐलान है ताकि पारदर्शित बरती जा सके. जुलाई में सबसे ज्यादा फायदा हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) को हुआ जिसे 16.20 करोड़ रुपये एडहॉक एडवांस के तौर पर मिले. ये सिर्फ एक इत्तेफाक है कि एचपीसीए बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का गृह प्रदेश है.
दूसरी सबसे बड़ी रकम झारखंड क्रिकेट संघ (जेएससीए) को मिली. जेएससीए को एडहॉक एडवांस के तौर पर 10.80 करोड़ रुपये दिए.
बीसीसीआई ने अपनी वेबसाइट पर इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए लिखा है, जुलाई 2020 में 25 लाख रुपये से ज्यादा के भुगतान की जानकारी. 1 जुलाई को, तहसीलदार, मायलापोर तालुक को तीन करोड़ रुपये दिए गए. इसी दिन बीसीसीआई ने 54 लाख रुपये जीएसटी को दिए.
4 जुलाई को ओडिशा क्रिकेट संघ को एडहॉक एडवांस के तौर पर 2.7 करोड़ रुपये दिए गए. इसी दिन बीसीसीआई ने इन्कम टैक्स के लिए 3.53 करोड़ रुपये दिए. 15 जुलाई को बीसीसीआई ने जीएसटी के लिए 41.16 लाख रुपये दिए गए.
बीसीसीआई ने एचपीसीए को 16.20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए और 22 जुलाई को 10.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
बीसीसीआई ने 30 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और सिक्किम को 3.24 करोड़ एडहॉक एडवांस के तौर पर दिए.
इस महामारी के दौरान भारत में किसी भी तरह की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेली गई है. ऐसी खबरे हैं कि कई राज्य संघों ने भारतीय बोर्ड से लॉकडाउन के दौरान मदद मांगी थी.