नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने नेशनल ऐंटी डोपिंग एजेंसी के साथ करार की कुछ शर्तों में बदलाव किया है. आईसीसी ने बीसीसीआई को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी के अंतर्गत आने के लिए मना लिया है. ऐसा इसलिए किया गया ताकि वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी(वाडा) से मान्यता रद्द होने से बचा जा सके.
![भारतीय खिलाड़ी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/3902202_.jpg)
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, बीसीसीआई भारतीयों क्रिकेटरों के डोपिंग टेस्ट का पूरा अधिकार नाडा को देना नहीं चाहता. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि बीसीसीआई का मानना है कि नाडा से जो भी करार में व्यवस्था की जाए, वे शुरुआती 6 महीने के लिए ट्रायल आधार पर हो. उनका ये भी मानना है कि सैंपल बीसीसीआई के एंटी-डोपिंग मैनेजर की मौजूदगी में ही लिए जाएं और बोर्ड ही तय करे कि किस मैच के दौरान सैंपल लिए जाएं.
आपको बता दें कि बीसीसीआई ने ड्राफ्ट में बदलाव कर नाडा और राष्ट्रीय डोपिंग प्रयोगशाला को भेज दिया है. डोपिंग टेस्ट के लिए ट्रायल अक्टूबर में घरेलू सीजन की शुरुआत के साथ शुरू होने की संभावना है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नाडा के एक अधिकारी ने कहा, 'नाडा अपने नियमों के साथ काम करेगा. घरेलू सीजन की शुरुआत के साथ ही सैंपल लेने भी शुरू कर दिए जाएंगे. यदि बीसीसीआई उसके इस काम में बाधा पहुंचाएगा तो वे वाडा को निगेटिव रिपोर्ट भेजने के लिए बाध्य होगा.'