नई दिल्ली: सीओए ने सर्वोच्च अदालत से अपनी अपील में कहा है कि, "सीओए सर्वोच्च अदालत के उस आदेश को लेकर स्थिति साफ करना चाहती है जिसमें उसने कहा :
1. याचिकाकर्ता - तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए)- को सहायक सचिव के पद के लिए चुनाव कराने को कहा है.
2. इस बात का निर्देश कि अयोग्य सिर्फ वही लोग होंगे राज्य संघा के अधिकारी रह चुके हैं.
यह फैसला गलती से आपके 18 जुलाई 2016 और नौ अगस्त 2018 के आदेश का उल्लंघन कर रहा है.
सीओए ने अपनी अपील में यह भी बताया है कि टीएनसीए और हरियाणा राज्य क्रिकेट संघ ने जानबूझकर बीसीसीआई के नए संविधान को अपनाया नहीं है.
सीओए ने ये भी कहा है कि शुक्रवार को जो आदेश दिया गया है उसे साफ किया जाए या बदला जाए ताकि टीएनसीए के चुनाव बीसीसीआई के सविंधान से मान्यता प्राप्त सिर्फ पांच पदों के लिए ही कराए जाएं.
एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह सीओए की तरफ से अपने आप को कार्यालय में बनाए रखने का यह आखिरी मौका है.
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अधिकारी ने कहा, "वह अपने कार्यकाल को बढ़ाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं. सीओए की तरफ से दाखिल की गई अपील बताती है कि हम लोग जो इतने लंबे समय से कह रहे थे वो सच है कि सीओए अपने पदों पर बने रहना चाहती है क्योंकि उनके पास कोई और काम नहीं है."
अधिकारी ने कहा, "सर्वोच्च अदालत का आदेश कांच की तरह साफ है और इसलिए ही सीओए और उनके वकील इस पर संशय पैदा नहीं कर पा रहे हैं. इससे पहले भी सीओए अदालत के नौ प्लस नौ के आदेश को गलत तरीके से पेश कर चुका है तब अदालत ने कहा था कि आदेश पूरी तरह से साफ है."
राज्य संघ के एक अधिकारी ने भी इस बात पर हामी भरते हुए कहा, "यह साफ बताता है कि सीओए ने इस निजी लड़ाई बना ली है और अदालत के आदेश को व्यक्तिगत तौर पर ले लिया है."