नई दिल्ली: प्रशासकों की समिति ने 16 सिंतबर को दिए गए उनके स्पष्टीकरण को संशोधित किया है. सीओए ने जो बयान जारी किया है उसके मुताबिक, "यह एडवाइजरी सुप्रीम कोर्ट के 29 सितंबर 2019 के आदेश को लेकर जारी की गई है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोग्यता सिर्फ उन्हीं लोगों तक सीमित है जो पहले भी क्रिकेट संघ के अधिकारी रह चुके हैं."
बयान में कहा गया है, "सीओए इस बात से यह समझती है कि जो आदेश दिया गया है उसके मुताबिक नियम 6 (5) (एफ) और नियम 14 (3) (एफ) में जो अयोग्यता के प्रावधान हैं उसमें छूट मिली है."
उन्होंने कहा, "छूट जो मिली है उसके मुताबिक जो नौ साल का कार्यकाल नियमों में बताया गया था उसकी गणना अधिकारियों के अपने पद पर बिताए गए समय के हिसाब से की जाएगी (इसमें शीर्ष परिषद और प्रबंधन समिति के सदस्य के तौर पर बिताया गया शामिल नहीं किया जाएगा. बाकी नियम 6 (5)(ए) से लेकर (ई) और (जी) के साथ नियम 14 (3) (ए) से लेकर (ई) सभी समान रहेंगे."
वहीं राज्य संघों के चुनावों की तारीख को बढ़ाकर चार अक्टूबर कर दिया गया है जबकि बीसीसीआई के चुनावों की तारीख को भी बढ़ाकर 23 अक्टूबर कर दिया गया है.
बयान के मुताबिक, "विभिन्न राज्य संघों के साथ तालमेल बिठाने और सदस्य राज्य संघों के चुनाव सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई 2016 और नौ अगस्त 2018 के आदेश के मुताबिक कराने के लिए, साथ ही इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अगर कुछ और फैसला देना चाहती है, इन सभी को देखते हुए सीओए ने राज्य संघों के चुनावों की तारीख को बढ़ाकर चार अक्टूबर 2019 कर दिया है."
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बयान के मुताबिक, "साथ ही महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर 2019 को विधानसभा चुनाव होने के कारण बीसीसीआई के चुनाव स्थागित कर अब 23 अक्टूबर 2019 को कराए जाएंगे."
सीओए ने साथ ही राज्य संघों से कहा है कि वह सीओए द्वारा मान्यता प्राप्त अपने संविधान में किसी तरह का कोई बदलाव न करें.
सीओए ने यह भी कहा है कि जिन राज्य संघों ने अपने संविधान को बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक नहीं बदला है वह चुनावों के परिणाम को नजरअंदाज कर सकते हैं.