क्राइस्टचर्च : खालिद महसूद ने बताया,"हम भाग्यशाली साबित हुए क्योंकि हमारी बस काफी दूर थी. हम 17 लोग उस बस में सवार थे. हम नमाज पढ़ने मस्जिद जा रहे थे. 2 क्रिकेटर्स होटल में थे बाकी सब उस बस में थे. हम मस्जिद के पास थे, हम मस्जिद को बस से ही देख पा रहे थे. मैं कहूंगा कि हम भाग्यशाली थे क्योंकि अगर हम 3 या 4 मिनट पहले मस्जिद पहुंचे होते तो बड़ा हादसा हो जाता."
बीसीबी के मैनेजर ने ये भी बताया कि वे बस में ही छिप गए थे और किस तरह एक शख्स गोली चलाता जा रहा था. उन्होंने कहा,"हमने बाहर से देखा, जैसे मानो हम कोई वीडियो देख रहे हों या कोफी फिल्म चल रही हो. कई सारे लोगों को खून से लथपथ देखा. हम तकरीबन 8-10 मिनट तक बस में ही थे."
वहीं, बीसीबी के प्रेसिडेंट नजमुल हसन पापोन ने कहा,"ऐसा कुछ होगा कभी सोचा नहीं था. न सिर्फ न्यूजीलैंड बोर्ड बल्कि हमने भी इस हमले के बारे में सोचा नहीं था. लेकिन अब जब ऐसा हो चुका है तो हम ये कहेंगे कि केवल पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश ही नहीं, ऐसे आतंकी हमले कहीं भी और कभी भी हो सकते हैं. जब कोई दूसरे देश के खिलाड़ी हमारे यहां आते हैं और हम जिस तरह की सुरक्षा उन्हें देते हैं बदले में हम भी चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ियों को मेजबान टीम वैसी ही सुरक्षा प्रदान करे."