सिडनी : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जस्टिन लैंगर को मई 2018 में ऑस्ट्रेलिया का कोच बनाया गया था. उसी समय कप्तान स्टीव स्मिथ और उपकप्तान डेविड वॉर्नर गेंद से छेड़खानी मामले में प्रतिबंधित हो गए थे.
लैंगर के करियर की दो कठिन सीरीज
अपने स्टार बल्लेबाजों के बिना ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के सामने टिक नहीं सकी. लैंगर ने एक प्रेस को एक पॉडकास्ट में कहा, ''ये खतरे की घंटी थी और मेरे जीवन का कठिन दौर''
उन्होंने कहा, ''मुझे इसमें कोई शक नहीं कि दस साल बाद जब मैं अपने कोचिंग करियर की समीक्षा करूंगा तो वो सीरीज निर्णायक साबित होगी.'' उन्होंने अपने करियर के एक और कठिन दौर का जिक्र किया जब 2001 एशेज सीरीज में उन्हें टीम से निकाल दिया गया था.
ओपनिंग में हाथ आजमाया
बल्लेबाजी क्रम में तीसरे नंबर पर खेलने वाले लैंगर को बाद में सीरीज में मैथ्यू हेडन के साथ पारी की शुरूआत करने के लिए चुना गया था, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था. लैंगर के करियर को एक नई दिशा मिला. उन्होंने अपने 23 टेस्ट शतकों में से 16 शतक बतौर ओपनर लगाए.
उन्होंने कहा, "2001 में जब मैं 31 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई टीम से बाहर हो गया तो मुझे लगा कि ये अंत है. ये आश्चर्यजनक था कि आप विपत्ति में क्या सबक सीख सकते हैं." पूर्व सलामी बल्लेबाज का मानना है कि कठिन परिस्थितियां जीवन के सबक सीखने के अवसर हैं और उन्हें नहीं छोड़ना चाहिए.