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पटना स्टेडियम को लेकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने जताई चिंता, लिखा BCCI को पत्र - BCCI

पटना के मोइन उल हक स्टेडियम के बारे निराशा जताते हुए आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई को पत्र लिखा है.

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Published : Aug 24, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 2:46 PM IST

नई दिल्ली : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर पटना में मोइन उल हक स्टेडियम की खराब स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है. इस स्टेडियम ने अभी तक सिर्फ तीन अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की है जिसमें 1996 विश्व कप में खेला गया मैच भी शामिल है.

वर्मा ने बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली और अन्य अधिकारियों को पत्र लिख कर बताया है, "मैं यह पत्र बेहद दर्द के साथ लिख रहा हूं, खासकर हमारे देश के महान क्रिकेटर को जो अभी इस समय भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष हैं."

उन्होंने लिखा, "1996 विश्व कप में केन्या और जिम्बाब्वे मैच की मेजबानी करने वाले स्टेडियम ने कई राणजी ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी के मैचों की मेजबानी की है."

इस पत्र की एक प्रति में लिखा है, "बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष ने भी यहां मैच खेला है."

सौरव गांगुली
सौरव गांगुली
वर्मा ने पत्र में लिखा है कि बीसीसीआई छोड़ने से पहले प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बोर्ड से संबंद्ध बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को 10.80 करोड़ रुपये की मदद दी थी ताकि बिहार में इंफ्रस्ट्रक्चर का विकास हो सके.वर्मा ने लिखा, "बीसीसीआई से अच्छा-खासा पैसा मिलने के बाद बीसीए ने क्रिकेट के नाम पर गलत तरीके से पैसा खर्च किया. बीसीए ने पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्रिकेट संबंधी गतिविधियों पर खर्च नहीं किया."
सीएबी सचिव ने अपने पत्र के अंत में बताया, "खिलाड़ियों को सीएबी से उनकी मैच फीस, टीए और डीए के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं. पटना के मोइन उल हक स्टेडियम की स्थिति देखिए. मैं माननीय अधिकारियों से जानना चाहता हूं कि आप लोग बिहार के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ न्याय कब करोगे?"

नई दिल्ली : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर पटना में मोइन उल हक स्टेडियम की खराब स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है. इस स्टेडियम ने अभी तक सिर्फ तीन अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की है जिसमें 1996 विश्व कप में खेला गया मैच भी शामिल है.

वर्मा ने बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली और अन्य अधिकारियों को पत्र लिख कर बताया है, "मैं यह पत्र बेहद दर्द के साथ लिख रहा हूं, खासकर हमारे देश के महान क्रिकेटर को जो अभी इस समय भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष हैं."

उन्होंने लिखा, "1996 विश्व कप में केन्या और जिम्बाब्वे मैच की मेजबानी करने वाले स्टेडियम ने कई राणजी ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी के मैचों की मेजबानी की है."

इस पत्र की एक प्रति में लिखा है, "बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष ने भी यहां मैच खेला है."

सौरव गांगुली
सौरव गांगुली
वर्मा ने पत्र में लिखा है कि बीसीसीआई छोड़ने से पहले प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बोर्ड से संबंद्ध बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को 10.80 करोड़ रुपये की मदद दी थी ताकि बिहार में इंफ्रस्ट्रक्चर का विकास हो सके.वर्मा ने लिखा, "बीसीसीआई से अच्छा-खासा पैसा मिलने के बाद बीसीए ने क्रिकेट के नाम पर गलत तरीके से पैसा खर्च किया. बीसीए ने पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्रिकेट संबंधी गतिविधियों पर खर्च नहीं किया."
सीएबी सचिव ने अपने पत्र के अंत में बताया, "खिलाड़ियों को सीएबी से उनकी मैच फीस, टीए और डीए के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं. पटना के मोइन उल हक स्टेडियम की स्थिति देखिए. मैं माननीय अधिकारियों से जानना चाहता हूं कि आप लोग बिहार के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ न्याय कब करोगे?"
Last Updated : Aug 24, 2020, 2:46 PM IST

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