रांची: बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला लॉन बॉल के सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने सोमवार को जब न्यूजीलैंड की टीम को 16-13 से हराकर कम से कम सिल्वर पदक पक्का किया, तब झारखंड के खेलप्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. इसकी ठोस वजह भी है. शानदार जीत करने वाली चार सदस्यों वाली भारतीय टीम में दो खिलाड़ी लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की झारखंड की हैं. आप चौंक सकते हैं, लेकिन सच यही है कि झारखंड ने देश को सबसे ज्यादा इंटरनेशनल लॉन बॉल प्लेयर्स दिए हैं.
कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग ले रही लॉन बॉल की पुरुष और महिला टीमों में कुल दस खिलाड़ी शामिल हैं और इनमें से पांच झारखंड से हैं. इसके पहले रविवार को इंग्लैंड पर जीत के बाद क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश करने वाली भारत की लॉन बॉल पुरुष युगल टीम के दोनों खिलाड़ी सुनील बहादुर और दिनेश कुमार झारखंड के हैं. झारखंड लॉनबॉल संघ के महासचिव और भारतीय लॉन बॉल संघ के पूर्व प्रशिक्षक डॉ. मधुकांत पाठक कहते हैं कि हमें इस बात का गर्व है कि भारत में लॉन बॉल की कोई भी इंटरनेशनल टीम झारखंड के खिलाड़ियों के बगैर नहीं बनती. हमारे राज्य के खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा को बार-बार साबित किया है.
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🇮🇳 Creates History at @birminghamcg22 🔥
— SAI Media (@Media_SAI) August 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
India's #LawnBowl Women's Four team creates history by becoming the 1st Indian Team to reach the Finals of #CommonwealthGames
India 🇮🇳 16- 13 🇳🇿 New Zealand (SF)
They will now take on South Africa in the Finals on 2nd Aug#Cheer4India pic.twitter.com/tu64FSoi8R
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लॉन बॉल की तरफ झारखंड के खिलाड़ियों का रुझान तब हुआ, जब झारखंड में 34वें राष्ट्रीय खेल के लिए वर्ष 2007 से तैयारियां शुरू हुई थीं. झारखंड में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा था और इधर झारखंड स्टेट में लॉन बॉल के लिए पहली बार कमेटी बनी. आज की भारतीय लॉन बॉल टीम में शामिल झारखंड के खिलाड़ियों में से किसी को पता भी नहीं था कि लॉन बॉल किस चिड़िया का नाम है. फुटबॉल, वॉलीबॉल और दूसरे खेल से जुड़े दो दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी इसकी तरफ आकर्षित हुए. नियमित ट्रेनिंग चलने लगी और फिर जब नेशनल-इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में इन्हें भाग लेने का मौका मिला, तो इन खिलाड़ियों ने अपनी शानदार परफॉर्मेंस का सिक्का जमा दिया.
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साल 2011 में जब रांची में नेशनल गेम्स आयोजित हुए, तब लॉन बॉल की स्पर्धाओं में झारखंड की झोली में सबसे ज्यादा पदक आए. इसके पहले साल 2010 में जब नई दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारत के 12 खिलाड़ियों की टीम बनी थी, तब उनमें से आठ खिलाड़ी झारखंड के ही थे. इसी तरह साल 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ टीम में 10 खिलाड़ियों वाली भारतीय टीम में पांच झारखंड के थे.
सोमवार को भारतीय महिला लॉन बॉल की जिस टीम ने सिल्वर मेडल पक्का किया, उसमें शामिल लवली चौबे पहले 100 मीटर की फरार्टा धाविका थीं. चोट की वजह से उन्हें इससे बाहर होने का फैसला लेना पड़ा तो वह लॉन बॉल की तरफ आकर्षित हुईं और अपनी मेहनत से यहां भी सिक्का जमा दिया. लवली कहती हैं कि हम चार साल पहले कॉमनवेल्थ में एक अंक से पदक से चूक गए थे, लेकिन इस बार हम पूरी तैयारी से आए थे.
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लवली चौबे झारखंड पुलिस में नौकरी करती हैं. भारतीय लॉन बॉल महिला टीम में शामिल रूपा रानी तिर्की रामगढ़ की जिला खेल पदाधिकारी हैं. बर्मिंघम में भारतीय महिला टीम की सफलता से झारखंड के खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है. सभी को उम्मीद है कि टीम मंगलवार को फाइनल में अफ्रीका को शिकस्त देकर गोल्ड हासिल करेगी.
'धोनी को सभी जानते हैं, उम्मीद है हमें भी लोग पहचानेंगे'
महेंद्र सिंह धोनी ने रांची को दुनिया भर में पहचान दिलाई, लेकिन उसी शहर की लवली की ख्वाहिश बस देश में नाम कमाने की है. लवली राष्ट्रमंडल खेलों में लॉन बॉल में भारत को पहला पदक दिलाने वाली टीम की सदस्य हैं. महिला फोर्स सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराने के बाद लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी सैकिया को यकीन ही नहीं हुआ कि उन्होंने इतिहास रच दिया है. पिंकी दिल्ली में डीपीएस आरके पुरम में खेल शिक्षक हैं, जबकि नयनमोनी असम में एक किसान परिवार से है और राज्य के वन विभाग में कार्यरत हैं.
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लवली ने कहा, लॉन बॉल के लिए हरा मैदान और गेंद चाहिए. लेकिन गेंद भारत में नहीं बनती, बल्कि आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से आयात होती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके पदक के बाद हालात बदलेंगे. रांची में अभ्यास के दौरान धोनी भी कभी-कभार मैदान पर आते हैं और लवली का कहना है कि उन्हें लॉन बॉल के बारे में काफी जानकारी है.
उन्होंने कहा, धोनी सर रांची में हमारे कोच को जानते हैं और दो बार मैदान पर भी आए हैं. जब वह देवरी माता के मंदिर जाते हैं तो हमारे मैदान पर भी आते हैं. उन्होंने कहा था कि जब वह आस्ट्रेलिया जाते हैं तो लॉन बॉल खेलते हैं.