लंदन : भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने यहां लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में एशेज टेस्ट श्रृंखला (इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया) के दूसरे मैच के चौथे दिन कहा कि उन्होंने इस देश में बड़े होने के दौरान नस्लवाद का सामना किया था. सुनक से शनिवार को बीबीसी के प्रतिष्ठित 'टेस्ट मैच स्पेशल (टीएमएस)' रेडियो कार्यक्रम में जब इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) में सभी स्तर पर 'व्यापक और गहरे' नस्लवाद और लिंगभेद के बारे में जारी एक रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद क्रिकेट में इसका सामना करने से इंकार कर दिया.
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''For people who love cricket, it was obviously hard to read.''
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Prime Minister Rishi Sunak reflects on this week's ICEC report which said that racism, sexism, classism and elitism are "widespread" in English and Welsh cricket.#BBCCricket #Ashes pic.twitter.com/tvbRlDjOW5
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— Test Match Special (@bbctms) July 1, 2023
Prime Minister Rishi Sunak reflects on this week's ICEC report which said that racism, sexism, classism and elitism are "widespread" in English and Welsh cricket.#BBCCricket #Ashes pic.twitter.com/tvbRlDjOW5''For people who love cricket, it was obviously hard to read.''
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Prime Minister Rishi Sunak reflects on this week's ICEC report which said that racism, sexism, classism and elitism are "widespread" in English and Welsh cricket.#BBCCricket #Ashes pic.twitter.com/tvbRlDjOW5
इस 43 साल के क्रिकेट प्रशंसक ने बीबीसी क्रिकेट संवाददाता जोनाथन एग्न्यू के एक सवाल के जवाब में कहा, 'मैंने क्रिकेट में ऐसा अनुभव नहीं किया है, लेकिन निश्चित रूप से मैंने बड़े होते हुए नस्लवाद का अनुभव किया है'. उन्होंने कहा, 'यह आपको गंभीर तरीके से प्रभावित करता है. मैं एक ऐसे पेशे में हूं जहां मुझे रोजाना, हर घंटे, हर मिनट आलोचना का सामना करना पड़ता है. लेकिन नस्लवाद आपको काफी गंभीर तरीके से प्रभावित करता है. यह बहुत दुख पहुंचाता है'.
सुनक ने कहा कि 'इंडिपेंडेंट कमीशन फॉर इक्विटी इन क्रिकेट (आईसीईसी)' की रिपोर्ट उनके जैसे क्रिकेट प्रेमियों के लिए 'काफी दुखद' है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 'आश्वस्त' है कि ईसीबी अपनी रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सही तरीके से प्रतिक्रिया दे रहा है. उन्होंने देश के पहले ब्रिटिश-भारतीय प्रधानमंत्री बनने को नस्लवाद से निपटने में 'अविश्वसनीय प्रगति' से जोड़ा. उन्होंने कहा, 'आज मुझे इस बात की तसल्ली है कि मुझे बचपन में जिन चीजों का सामना करना पड़ा मेरे बच्चों के साथ वह चीजें नहीं होगी'.
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(इनपुट: पीटीआई भाषा)