दिल्लीः नागपुर में एक पारी और 132 रन से बड़ी जीत के बाद भारत की निगाहें शुक्रवार से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में शुरू हो रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के दूसरे टेस्ट में रहेगी. इसके अलावा नजर शीर्ष क्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के प्रदर्शन पर भी रहेगी, क्योंकि वह अपना 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे. अक्टूबर 1996 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच उस समय के फिरोज शाह कोटला मैदान में एकमात्र टेस्ट में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू की गई थी. अब, पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट क्रिकेट में सबसे बेहतरीन टीम रही है. अगर यह दोनों टीमें अपनी-अपनी खामियों को दूर करती हैं, तो नई दिल्ली में प्रशंसकों को रोमांचक मैच देखने को मिल सकता है.
नागपुर टेस्ट में 120 रन की पारी खेलने वाले कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर भारत का शीर्ष क्रम फिसड्डी रहा है. यह बल्लेबाजी की बेहतरीन लाइनअप थी. केएल राहुल को बड़े रन बनाने की जरूरत हैं, क्योंकि शुभमन गिल भी बाहर बैठे हुए हैं. पुजारा अपने 100वें मैच को यादगार बनाने के लिए शानदार बल्लेबाजी करना चाहेंगे, जबकि विराट कोहली घरेलू दर्शकों को स्ट्रोक प्ले के अद्भुत प्रदर्शन से खुश कर सकते हैं, बशर्ते वह स्पिनरों को बेहतर तरीके से खेले. श्रेयस अय्यर अगर टेस्ट में खेलने के लिए फिट हैं तो भारत को सूखी दिख रही पिच पर उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करना चाहिए. इस पिच पर धीमी गति से टर्न होने की उम्मीद है. स्पिन के भारत के बेहतर खिलाडियों में से एक और सात टेस्ट में 56.72 के औसत से रन बनाने वाले अय्यर अगर मैच खेलते हैं तो सूर्यकुमार यादव को जगह बनाना मुश्किल हो सकता है.
टेस्ट में भारत के खेल के सबसे उज्ज्वल पहलुओं में से एक निचले क्रम ने उन्हें कई कठिन परिस्थितियों से उबारा है, जिसे मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया था. रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी और अक्षर पटेल के साथ वापसी करने वाले रवींद्र जडेजा ने जवाबी हमला किया, जिससे भारत को नागपुर टेस्ट में जीत मिली. गेंद के साथ, अश्विन, जडेजा और अक्षर की स्पिन तिकड़ी शीर्ष क्रम की गेंदबाजी थी. तेज गेंदबाज शमी और मोहम्मद सिराज भी कम नहीं थे, जिन्होंने पारी की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों को जल्दी से पवेलियन का रास्ता दिखाया था.
नई दिल्ली में पिच की धीमी प्रकृति का मतलब है कि ऑस्ट्रेलिया को अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करनी होगी, यदि वे मैच को पूरे पांच दिनों तक चलाना चाहते हैं. कुछ ऐसा श्रीलंका ने किया था, जब स्टेडियम में 2017 में आखिरी बार टेस्ट मैच खेला गया था. मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ फिर से मेहमान टीम के लिए बल्ले से अहम भूमिका निभा सकते हैं. दाएं हाथ की जोड़ी ने नागपुर टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के लिए शुरुआती झटके लगने के बावजूद शानदार बल्लेबाजी की थी. दूसरी पारी में, ऑस्ट्रेलिया ताश के पत्तों की तरह बिखर कर 91 रन पर ऑलआउट हो गया था.
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कहा कि तीन स्पिनरों को खिलाने की बात हो रही है, तो यह बाएं हाथ के स्पिनरों एश्टन एगर और मैट कुहनमैन के बीच किसी एक को मौका मिल सकता है. लेकिन ऐसा तभी होगा, जब कैमरून ग्रीन बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क के साथ शुक्रवार को मैदान पर उतरने के लिए फिट होते हैं. ऑस्ट्रेलिया के लिए सीरीज बराबर करने का काम कठिन होने जा रहा है, खासकर जब भारत 1987 के बाद से नई दिल्ली में कोई टेस्ट नहीं हारा है.
भारतीय टीम
रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उपकप्तान), चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा, केएस भरत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, सूर्यकुमार यादव, उमेश यादव और ईशान किशन (विकेटकीपर).
ऑस्ट्रेलिया टीम
पैट कमिंस (कप्तान), एश्टन एगर, स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), कैमरून ग्रीन, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जोश हेजलवुड, ट्रेविस हेड, उस्मान ख्वाजा, मैट कुहनमैन, मार्नस लाबुशेन, नाथन लियोन, लांस मॉरिस, टॉड मर्फी, मैथ्यू रेनशॉ, स्टीव स्मिथ (उपकप्तान), मिशेल स्टार्क और डेविड वार्नर.
(इनपुटः आईएएनएस)
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