नई दिल्ली: आलोचना या उम्मीदों के बोझ से विश्व चैंपियन शटलर पीवी सिंधु पर कोई असर नहीं पड़ता और उन्होंने कहा कि वे इस साल तोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान दे रही हैं.
सिंधु ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता लेकिन सत्र के बाकी टूर्नामेंटों में से अधिकतर में वे शुरुआती दौर से आगे बढ़ने में नाकाम रही. इनमें पिछले महीने विश्व टूर फाइनल्स भी शामिल हैं जिसमें वे अपना खिताब नहीं बचा पाईं.
सिंधु ने कहा, 'विश्व चैंपियनशिप मेरे लिए वास्तव में शानदार रही लेकिन इसके बाद मैं पहले दौर में हारती रही. इसके बावजूद मैंने खुद को सकारात्मक बनाए रखा. आप सभी मैच जीतो ये संभव नहीं है. कुछ अवसरों पर आप बेहतरीन खेल दिखाते हो लेकिन कभी आप गलतियां भी करते हो.'
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रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली 24 वर्षीय हैदराबादी के पास तोक्यो में मेडल जीतकर पहलवान सुशील कुमार की बराबरी करने का मौका रहेगा जिन्होंने 2008 और 2012 में ओलंपिक मेडल जीते थे.
सिंधु ने कहा, 'उन्होंने वास्तव में देश के लिए बहुत अच्छा काम किया है और मुझे उम्मीद है कि मैं भी टोक्यो में मेडल जीतने में सफल रहूंगी. मैं दूसरों के बारे में नहीं सोचती. मैं कदम दर कदम आगे बढ़ने में विश्वास करती हूं. इसलिए मुझे लगता है कि मुझे कड़ा अभ्यास और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा, 'ये हालांकि आसान नहीं होगा. इस बार 2020 में हम जनवरी में मलेशिया और इंडोनेशिया से शुरुआत करेंगे. इसके अलावा ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए कुछ टूर्नामेंट हैं. इसलिए हमारे लिए सभी टूर्नामेंट महत्वपूर्ण होंगे.'