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बचपन में लिन डैन का पोस्टर लेकर सोता था : शुभंकर डे - सारलोरॉक्सओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप

भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी शुभंकर डे ने 2018 में दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चीन के लिन डैन को सारलोरॉक्सओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप में हराने पर चर्चा की है.

Subhankar Dey
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Published : Dec 16, 2020, 10:05 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 11:06 PM IST

जयपुर : विश्व रैकिंग में नंबर 46वें नंबर पर मौजूद है शुभंकर ने पहली बार राष्ट्रीय प्रसिद्धि तब हासिल की थी, जब उन्होंने 2017 में नागपुर में सीनियर बैडमिंटन नेशनल्स के क्वार्टर फाइनल में बी साई प्रणीत को हराया और 2018 में लिन डैन के खिलाफ जीतकर वे सुर्खियों में आए थे.

Subhankar Dey
शुभंकर डे

27 वर्षीय शुभंकर ने एक शो में कहा, "जब मैं छोटा था, तब मेरी बहन ने मेरे लिए लिन डैन का एक बड़ा पोस्टर बनाया और मैं उसे अपने बगल में रखकर सोता था और सोचता था कि एक दिन मैं उनके खिलाफ खेलूंगा. मैंने उस समय उन्हें हराने के बारे में कभी नहीं सोचा था, क्योंकि मैं बहुत छोटा था. यह हमेशा बस मेरे लिए एक सपना था. मैं लिन डैन को देखना चाहता था, उनकी तरह खेलना चाहता था और जब मैं कोलकाता में था, तब उनके खेल की नकल किया करता था."

लिन डैन के खिलाफ अपनी जीत के बारे में पूछे जाने पर शुभंकर ने कहा, "मैं हर जीत के बाद बहुत जश्न मनाता हूं, लेकिन लिन डैन को हराने के बाद मैंने बिल्कुल भी जश्न नहीं मनाया. यह मेरे लिए काफी आश्चर्यजनक था और शायद भारत में हर व्यक्ति के लिए भी, क्योंकि आपने लिन डैन को हराया था, इसलिए कुछ भावनाएं जरूर होनी चाहिए थी, लेकिन मैं बस उनके पास गया और उनसे हाथ मिलाकर चला गया, यही मेरा उनके लिए सम्मान था."

उन्होंने शो पर अपने शुरुआती दिनों के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे उनके बड़े भाई और बहन ने उन्हें इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया. वो सिर्फ 500 रुपये के साथ मुंबई आए थे और यह उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित हुआ.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब मैं मुंबई आया था, तो यह मेरे करियर का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था. मैंने वहां जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया. शुरू में इसमें कोई स्पॉन्सर नहीं थे, लेकिन मैं भारत में नंबर 6 खिलाड़ी बन गया और एशियाई चैम्पियनशिप अंडर-19 का हिस्सा भी बना, उस समय मुझे हिंदुस्तान पेट्रोलियम से 12 हजार रुपये की स्कॉलरशिप मिली. यह मेरे लिए पहली स्कॉलरशिप थी और यह उस समय मेरे लिए बहुत बड़ी राशि थी.

Subhankar Dey
भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी शुभंकर डे

शुभंकर जो प्रीमियर बैडमिंटन लीग में अवध वारियर्स के लिए भी खेलते हैं, को अन्य खिलाड़ियों की तरह ही देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा और यह अंतत: उनके लिए ऊबाउ हो गया.

उन्होंने कहा कि "शुरू के 2-3 महीने ठीक थे और मुझ में उत्साह था लेकिन इसके बाद बोरियत होने लगी, सौभाग्य से मुंबई में मेरा अपना सेंटर है और मेरे पास कुछ छात्र भी हैं. उन्होंने ऑनलाइन सत्र शुरू किया और फिर हमने फिजिकल सेशन भी शुरू कर दिया और इस प्रकार मैंने अपना समय गुजारा."

अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में, शुभंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इसी तरह आगे बढ़ना चाहते हैं और अगले साल टॉप-20 में अपनी जगह बनाना चाहते हैं.

जयपुर : विश्व रैकिंग में नंबर 46वें नंबर पर मौजूद है शुभंकर ने पहली बार राष्ट्रीय प्रसिद्धि तब हासिल की थी, जब उन्होंने 2017 में नागपुर में सीनियर बैडमिंटन नेशनल्स के क्वार्टर फाइनल में बी साई प्रणीत को हराया और 2018 में लिन डैन के खिलाफ जीतकर वे सुर्खियों में आए थे.

Subhankar Dey
शुभंकर डे

27 वर्षीय शुभंकर ने एक शो में कहा, "जब मैं छोटा था, तब मेरी बहन ने मेरे लिए लिन डैन का एक बड़ा पोस्टर बनाया और मैं उसे अपने बगल में रखकर सोता था और सोचता था कि एक दिन मैं उनके खिलाफ खेलूंगा. मैंने उस समय उन्हें हराने के बारे में कभी नहीं सोचा था, क्योंकि मैं बहुत छोटा था. यह हमेशा बस मेरे लिए एक सपना था. मैं लिन डैन को देखना चाहता था, उनकी तरह खेलना चाहता था और जब मैं कोलकाता में था, तब उनके खेल की नकल किया करता था."

लिन डैन के खिलाफ अपनी जीत के बारे में पूछे जाने पर शुभंकर ने कहा, "मैं हर जीत के बाद बहुत जश्न मनाता हूं, लेकिन लिन डैन को हराने के बाद मैंने बिल्कुल भी जश्न नहीं मनाया. यह मेरे लिए काफी आश्चर्यजनक था और शायद भारत में हर व्यक्ति के लिए भी, क्योंकि आपने लिन डैन को हराया था, इसलिए कुछ भावनाएं जरूर होनी चाहिए थी, लेकिन मैं बस उनके पास गया और उनसे हाथ मिलाकर चला गया, यही मेरा उनके लिए सम्मान था."

उन्होंने शो पर अपने शुरुआती दिनों के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे उनके बड़े भाई और बहन ने उन्हें इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया. वो सिर्फ 500 रुपये के साथ मुंबई आए थे और यह उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित हुआ.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब मैं मुंबई आया था, तो यह मेरे करियर का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था. मैंने वहां जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया. शुरू में इसमें कोई स्पॉन्सर नहीं थे, लेकिन मैं भारत में नंबर 6 खिलाड़ी बन गया और एशियाई चैम्पियनशिप अंडर-19 का हिस्सा भी बना, उस समय मुझे हिंदुस्तान पेट्रोलियम से 12 हजार रुपये की स्कॉलरशिप मिली. यह मेरे लिए पहली स्कॉलरशिप थी और यह उस समय मेरे लिए बहुत बड़ी राशि थी.

Subhankar Dey
भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी शुभंकर डे

शुभंकर जो प्रीमियर बैडमिंटन लीग में अवध वारियर्स के लिए भी खेलते हैं, को अन्य खिलाड़ियों की तरह ही देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा और यह अंतत: उनके लिए ऊबाउ हो गया.

उन्होंने कहा कि "शुरू के 2-3 महीने ठीक थे और मुझ में उत्साह था लेकिन इसके बाद बोरियत होने लगी, सौभाग्य से मुंबई में मेरा अपना सेंटर है और मेरे पास कुछ छात्र भी हैं. उन्होंने ऑनलाइन सत्र शुरू किया और फिर हमने फिजिकल सेशन भी शुरू कर दिया और इस प्रकार मैंने अपना समय गुजारा."

अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में, शुभंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इसी तरह आगे बढ़ना चाहते हैं और अगले साल टॉप-20 में अपनी जगह बनाना चाहते हैं.

Last Updated : Dec 16, 2020, 11:06 PM IST

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