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लॉकडाउन के दौरान कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ काफी प्रभावित हुए: गोपीचंद - लॉकडाउन

गोपीचंद ने कहा, "लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. हमें स्पोटर्स चैन में इस महत्वपूर्ण कड़ी का समर्थन करने और इसे बनाए रखने के लिए हम इस पहल के माध्यम से फंड जुटाने की उम्मीद करते हैं."

pulellela Gopichand
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Published : Jun 12, 2020, 4:25 PM IST

मुंबई: भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद, अर्जुन अवॉर्डी अश्विनी पोनप्पा और मलाथी होला ने 'रन टू मून' अभियान से साथ हाथ मिलाया है, जिसका मकसद विभिन्न अकेडमियों और खेल संगठनों के कोचों और स्पोर्ट स्टाफ के लिए फंड एकत्रित करना है.

'रन टू मून' नाम का यह अभियान 21 जुलाई 2020 को चंद्रमा पर मनुष्य के पहुंचने की 51वीं वर्षगांठ का प्रतीक है. इस दौड़ का विचार प्रतिभागियों के लिए पृथ्वी और चंद्रमा के बीच 3,84,400 किलोमीटर की दूरी को सामूहिक रूप से कवर करना है.

pulellela Gopichand
पुलेला गोपीचंद
दौड़ की शुरूआत 20 जून से होगी और इसका समापन 20 जुलाई को होगा. इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से पेशेवर और एमेच्योर, दोनों वर्गों से करीब हजारों धावक भाग लेते हुए दिखाई देंगे.द्रोणाचार्य अवॉर्डी गोपीचंद ने कहा, "लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. हमें स्पोटर्स चैन में इस महत्वपूर्ण कड़ी का समर्थन करने और इसे बनाए रखने के लिए हम इस पहल के माध्यम से फंड जुटाने की उम्मीद करते हैं."इसके प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा खुद मुंबई के पूर्व रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी विघ्नेश शहाणे ने कहा, "मौजूदा महामारी ने कोचों और स्पोर्ट स्टाफ के सामने आजीविका की गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है, जोकि सभी स्तरों पर खेल टूर्नामेंटों को संभव बनाते हैं और भविष्य के लिए चैंपियन पैदा करते हैं.

हम उम्मीद करते हैं कि 'रन टू द मून' के माध्यम से इन सामाजिक दूरियों के दिनों में भी न केवल भारत में खेल के प्रति जुनून को और अधिक बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारतीय खेल के योद्धाओं की भी मदद और समर्थन करेंगे."

'रन टू मून' में भाग लेने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुका है और ये 18 जून तक चलेगा. धावकों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वे प्रत्येक 30 दिन दौड़ें बल्कि वो एक महीने की अवधि के दौरान कम से कम 65 किलोमीटर भी दौड़ सकते हैं.

सफल फिनिशर्स को एक टी-शर्ट, मास्क और ई सर्टिफिकेट मिलेगा. धावकों को किसी विशेष दिन न्यूनतम 2.5 किलोमीटर और अधिकतम 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी.

धावक अपनी पसंद के किसी भी स्थान पर, चाहे पार्क में हों या सड़कों पर, इस विशाल समुदाय का हिस्सा बन सकते हैं. ये रन 10 से लेकर 65 वर्ष की आयु तक के सभी प्रतिभागियों के लिए है.

मुंबई: भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद, अर्जुन अवॉर्डी अश्विनी पोनप्पा और मलाथी होला ने 'रन टू मून' अभियान से साथ हाथ मिलाया है, जिसका मकसद विभिन्न अकेडमियों और खेल संगठनों के कोचों और स्पोर्ट स्टाफ के लिए फंड एकत्रित करना है.

'रन टू मून' नाम का यह अभियान 21 जुलाई 2020 को चंद्रमा पर मनुष्य के पहुंचने की 51वीं वर्षगांठ का प्रतीक है. इस दौड़ का विचार प्रतिभागियों के लिए पृथ्वी और चंद्रमा के बीच 3,84,400 किलोमीटर की दूरी को सामूहिक रूप से कवर करना है.

pulellela Gopichand
पुलेला गोपीचंद
दौड़ की शुरूआत 20 जून से होगी और इसका समापन 20 जुलाई को होगा. इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से पेशेवर और एमेच्योर, दोनों वर्गों से करीब हजारों धावक भाग लेते हुए दिखाई देंगे.द्रोणाचार्य अवॉर्डी गोपीचंद ने कहा, "लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. हमें स्पोटर्स चैन में इस महत्वपूर्ण कड़ी का समर्थन करने और इसे बनाए रखने के लिए हम इस पहल के माध्यम से फंड जुटाने की उम्मीद करते हैं."इसके प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा खुद मुंबई के पूर्व रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी विघ्नेश शहाणे ने कहा, "मौजूदा महामारी ने कोचों और स्पोर्ट स्टाफ के सामने आजीविका की गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है, जोकि सभी स्तरों पर खेल टूर्नामेंटों को संभव बनाते हैं और भविष्य के लिए चैंपियन पैदा करते हैं.

हम उम्मीद करते हैं कि 'रन टू द मून' के माध्यम से इन सामाजिक दूरियों के दिनों में भी न केवल भारत में खेल के प्रति जुनून को और अधिक बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारतीय खेल के योद्धाओं की भी मदद और समर्थन करेंगे."

'रन टू मून' में भाग लेने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुका है और ये 18 जून तक चलेगा. धावकों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वे प्रत्येक 30 दिन दौड़ें बल्कि वो एक महीने की अवधि के दौरान कम से कम 65 किलोमीटर भी दौड़ सकते हैं.

सफल फिनिशर्स को एक टी-शर्ट, मास्क और ई सर्टिफिकेट मिलेगा. धावकों को किसी विशेष दिन न्यूनतम 2.5 किलोमीटर और अधिकतम 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी.

धावक अपनी पसंद के किसी भी स्थान पर, चाहे पार्क में हों या सड़कों पर, इस विशाल समुदाय का हिस्सा बन सकते हैं. ये रन 10 से लेकर 65 वर्ष की आयु तक के सभी प्रतिभागियों के लिए है.

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