नई दिल्ली: नेशनल बैंडमिटन कोच पुलेला गोपीचंद हालांकि अपनी भावनाएं नहीं दिखाते लेकिन कोच ने उस दर्द को साझा किया जो उन्हें साइना नेहवाल के उनकी अकैडमी छोड़कर प्रकाश पादुकोण की अकैडमी में जाने के बाद हुआ था.
उन्होंने बुक में खुलासा किया है कि अब तक उन्हें यह बात परेशान करती है. गोपीचंद ने अपनी आगामी किताब 'ड्रीम्स ऑफ ए बिलियन : इंडिया ऐंड द ओलिंपिक गेम्स’ में इस बात का जिक्र किया है.
इसमें उन्होंने लिखा कि वह इस बात से भी हैरान थे कि महान खिलाड़ी और भारत के पहले बैडमिंटन सुपरस्टार पादुकोण ने कभी भी उनके बारे में कोई भी सकारात्मक बात नहीं की है. पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन और राष्ट्रीय मुख्य कोच गोपीचंद ने इसमें मुश्किल समय का भी जिक्र किया.
46 वर्षीय गोपीचंद की किताब के ‘बिटर राइवलरी’ टाइटल के पन्ने में उन्होंने बताया कि जब साइना ने 2014 वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद बेंगलुरु में पादुकोण की अकैडमी से जुड़ने और विमल कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करने का फैसला किया था तो वह कितने दुखी हुए थे.
साइना के पति और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी पारूपल्ली कश्यप ने भी इसकी पुष्टि की है.
इसमें गोपीचंद ने खुलासा किया, "यह कुछ इस तरह का था कि मेरे किसी करीबी को मुझसे दूर कर दिया गया हो. पहले मैंने साइना से नहीं जाने की मिन्नत की लेकिन तब तक वह किसी अन्य के प्रभाव में आ चुकी थी और अपना मन बना चुकी थी. मैं उन्हें रोककर उनकी प्रगति नहीं रोकना चाहता था, मैं जानता था कि यह हमारे में से किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं होता."
तब ऐसी बातें चल रही थीं कि साइना को लगता था कि गोपीचंद ज्यादा ध्यान पीवी सिंधु पर लगा रहे थे. गोपीचंद ने कहा, "हां, मेरे पास देखरेख के लिए अन्य खिलाड़ी भी थे और सिंधु ने 2012 और 2014 के बीच दो वर्षों में काफी प्रगति की थी. मेरी इच्छा कभी साइना की अनदेखी करने की नहीं थी. शायद यह बात मैं उसे समझा नहीं सका."