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'जितना हो सके देश के लिए उतना खेलना चाहता हूं' - साइना नेहवाल

पारूपल्ली कश्यप ने कहा है कि संन्यास के बाद कोचिंग करेंगे. कोर्ट के पीछे बैठने से मदद मिल रही है. बाहर से खेल को समझना आसान होता है.

kashyap and saina
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Published : Mar 29, 2019, 5:55 PM IST

नई दिल्ली : भारत के पूर्व नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने कहा है कि पिछले कुछ समय से चोटों से परेशान रहने के बावजूद वह जितना अधिक संभव हो अपने करियर को उतना आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन वह संन्यास के बाद कोचिंग देने के लिए भी तैयार हैं.

कश्यप ने कहा कि उन्हें अपनी पत्नी और दुनिया की पूर्व नंबर एक महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल को कोचिंग देने से काफी मदद मिल रही है क्योंकि उनके लिए खेल को समझ पाना अधिक आसान हो गया है.

कश्यप ने ये भी कहा, मुझे कोचिंग करते हुए कोर्ट के पीछे बैठने से मदद मिल रही है. बाहर से खेल को समझना आसान होता है. आप खिलाड़ी को बता सकते हैं कि क्या गलती हो रही है. यह नया अनुभव है लेकिन काफी मददगार है.

पारूपल्ली कश्यप
पारूपल्ली कश्यप


उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर मेरी कोचिंग में रुचि है लेकिन उम्मीद करता हूं कि मैं अपने करियर को अधिक से अधिक लंबा खींचने में सफल रहूंगा. यह निश्चित है कि खेलना छोड़ने पर कोचिंग शुरू करुंगा क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं खेल से दूर रह सकता हूं.

पिछले तीन साल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बावजूद कश्यप ने ओलंपिक में खेलने का सपना नहीं छोड़ा है. इस भारतीय खिलाड़ी ने एक साल से भी अधिक समय बाद बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर में सुपर 500 या इससे बेहतर टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है. वह पिछली बार जनवरी-फरवरी में इंडिया ओपन के ही अंतिम आठ में चहुंचे थे.

दुनिया के 55वें नंबर के खिलाड़ी कश्यप ने कहा कि मैं लंबे समय तक अपने देश का नंबर एक खिलाड़ी रहा और ओलंपिक में नहीं खेल पाना मेरे लिए बड़ा झटका था. मैं कई बार यह कह चुका हूं कि मैं इस साल अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और एक बार फिर ओलंपिक में जगह बनाने का दावेदार बनना चाहता हूं. मैं सिर्फ इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहता बल्कि पदक का दावेदार बनना चाहता हूं.

नई दिल्ली : भारत के पूर्व नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने कहा है कि पिछले कुछ समय से चोटों से परेशान रहने के बावजूद वह जितना अधिक संभव हो अपने करियर को उतना आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन वह संन्यास के बाद कोचिंग देने के लिए भी तैयार हैं.

कश्यप ने कहा कि उन्हें अपनी पत्नी और दुनिया की पूर्व नंबर एक महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल को कोचिंग देने से काफी मदद मिल रही है क्योंकि उनके लिए खेल को समझ पाना अधिक आसान हो गया है.

कश्यप ने ये भी कहा, मुझे कोचिंग करते हुए कोर्ट के पीछे बैठने से मदद मिल रही है. बाहर से खेल को समझना आसान होता है. आप खिलाड़ी को बता सकते हैं कि क्या गलती हो रही है. यह नया अनुभव है लेकिन काफी मददगार है.

पारूपल्ली कश्यप
पारूपल्ली कश्यप


उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर मेरी कोचिंग में रुचि है लेकिन उम्मीद करता हूं कि मैं अपने करियर को अधिक से अधिक लंबा खींचने में सफल रहूंगा. यह निश्चित है कि खेलना छोड़ने पर कोचिंग शुरू करुंगा क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं खेल से दूर रह सकता हूं.

पिछले तीन साल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बावजूद कश्यप ने ओलंपिक में खेलने का सपना नहीं छोड़ा है. इस भारतीय खिलाड़ी ने एक साल से भी अधिक समय बाद बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर में सुपर 500 या इससे बेहतर टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है. वह पिछली बार जनवरी-फरवरी में इंडिया ओपन के ही अंतिम आठ में चहुंचे थे.

दुनिया के 55वें नंबर के खिलाड़ी कश्यप ने कहा कि मैं लंबे समय तक अपने देश का नंबर एक खिलाड़ी रहा और ओलंपिक में नहीं खेल पाना मेरे लिए बड़ा झटका था. मैं कई बार यह कह चुका हूं कि मैं इस साल अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और एक बार फिर ओलंपिक में जगह बनाने का दावेदार बनना चाहता हूं. मैं सिर्फ इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहता बल्कि पदक का दावेदार बनना चाहता हूं.
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नई दिल्ली : भारत के पूर्व नंबर एक बैडमिंटन  खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप ने कहा है कि पिछले कुछ समय से चोटों से परेशान रहने के बावजूद वह जितना अधिक संभव हो अपने करियर को उतना आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन वह संन्यास के बाद कोचिंग देने के लिए भी तैयार हैं.

कश्यप ने कहा कि उन्हें अपनी पत्नी और दुनिया की पूर्व नंबर एक महिला खिलाड़ी साइना नेहवाल को कोचिंग देने से काफी मदद मिल रही है क्योंकि उनके लिए खेल को समझ पाना अधिक आसान हो गया है.

कश्यप ने ये भी कहा, मुझे कोचिंग करते हुए कोर्ट के पीछे बैठने से मदद मिल रही है. बाहर से खेल को समझना आसान होता है. आप खिलाड़ी को बता सकते हैं कि क्या गलती हो रही है. यह नया अनुभव है लेकिन काफी मददगार है.

उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर मेरी कोचिंग में रुचि है लेकिन उम्मीद करता हूं कि मैं अपने करियर को अधिक से अधिक लंबा खींचने में सफल रहूंगा. यह निश्चित है कि खेलना छोड़ने पर कोचिंग शुरू करुंगा क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं खेल से दूर रह सकता हूं.

पिछले तीन साल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बावजूद कश्यप ने ओलंपिक में खेलने का सपना नहीं छोड़ा है. इस भारतीय खिलाड़ी ने एक साल से भी अधिक समय बाद बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर में सुपर 500 या इससे बेहतर टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है. वह पिछली बार जनवरी-फरवरी में इंडिया ओपन के ही अंतिम आठ में चहुंचे थे.

दुनिया के 55वें नंबर के खिलाड़ी कश्यप ने कहा कि मैं लंबे समय तक अपने देश का नंबर एक खिलाड़ी रहा और ओलंपिक में नहीं खेल पाना मेरे लिए बड़ा झटका था. मैं कई बार यह कह चुका हूं कि मैं इस साल अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और एक बार फिर ओलंपिक में जगह बनाने का दावेदार बनना चाहता हूं. मैं सिर्फ इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहता बल्कि पदक का दावेदार बनना चाहता हूं.

       


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