हैदराबाद : भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के बाद वो कोचों को प्रशिक्षण देने पर अधिक ध्यान देंगे जिससे कि भारत इस खेल की महाशक्ति बनने के अपने सपने को पूरा कर सके. गोपीचंद ने खिलाड़ियों के लिए बनाए गए खास संस्थान से जुड़ने के मौके पर कहा,"ओलंपिक के बाद मैं कोचों को प्रशिक्षण देने में अधिक समय दूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि खेल विज्ञान अनुसंधान अगले कुछ वर्षों के मेरे कार्यक्रमों का एक बड़ा हिस्सा बने."
ओलंपिक पदकधारी सायना नेहवाल और पीवी सिंधु के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले गोपीचंद ने कहा कि वो खिलाड़ियों के लिए टीम बनाने के लिए दूसरे कोचों के साथ काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा,"हमारे पास कोच हैं. उदाहरण के लिए सायना और सिंधु के पास व्यक्तिगत कोच, फिजियो, ट्रेनर और मालिशिया है. ऐसा ही कुछ युगल खिलाड़ियों के साथ भी है. ऐसे में अब हमारे पास ऐसे व्यक्तिगत खिलाड़ी हैं जिसके पास उनकी खुद की टीम है जो उनके साथ काम करती है."
उन्होंने कहा,"हम हमेशा एक जैसा नतीजा हासिल नहीं कर सकते क्योंकि संख्या में बढ़ोतरी हुई है. मेरे लिए, मेरी विशेषज्ञता को साझा करने की आवश्यकता है, मुझे कोचों को प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम का भाग बनना होगा. खेल विज्ञान और अनुसंधान में आगे बढ़ना होगा ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि अधिक लोगों को मेरे अनुभवों से फायदा हो सके."
बिना पढ़ाई से दूर रहे खिलाड़ियों को बेहतर मंच देने के लिए बनाया संस्थान
ये संस्थान के निर्माण के पीछे का मकसद आने वाली पीढ़ी को विश्व स्तरीय सुविधाएं दी जाएं. जून 2019 में शुरू हुआ ये संस्थान भारत का पहला ऐसा संस्थान है जिससे खिलाड़ी पढ़ाई को बिना छोड़े अपने सपने साकार पर सकते हैं. 25 एकड़ में बने इसके कैंपस में जिम, कोच, काउंसलर, न्यूट्रिशनिस्ट, फीजियोथेरेपिस्ट, नर्स और होस्टल की सुविधाएं प्रदान की गई हैं.
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स्टार खिलाड़ी देंगे ट्रेनिंग
टेनिस के लिए रोहन बोपन्ना, फुटबॉल के लिए बेंगलुरू फुटबॉल क्लब, बैडमिंटन के लिए अनूप श्रीधर और पुलेला गोपीचंद, क्रिकेट के लिए रॉबिन उथप्पा, बास्केटबॉल के लिए एनबीए को इसमें शामिल किया गया है. इतना ही नहीं बेंगलुरू में खुले इस संस्थान की शाखा एक-दो साल के अंदर हैदराबाद में भी खोली जाएगी.