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मेरे बाद मेरी जगह लेने के लिए कोई योजना मैं नहीं देख रहा : गोपीचंद

पुलेला गोपीचंद ने कहा है कि, 'पिछले कुछ महीनों में मैं मीडिया से कोच शिक्षा, कोचों को मजबूत बनाने और इसके लिए प्रणाली बनाने की जरूरत के बारे में थोड़ा ज्यादा बात कर रहा हूं. इसमें मेरा स्वार्थ है, मैं आराम करना चाहता हूं.'

pullela gopichand
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Published : Nov 13, 2019, 11:57 PM IST

मुंबई: भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का कोई विकल्प नहीं है और इसीलिए वह अभी तक कोच बने हुए हैं. गोपीचंद ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "मैं इसलिए कोचिंग जारी रख रहा हूं और इसे लेकर जुनूनी हूं क्योंकि मेरे पास भी कोच नहीं था. मुझे कोई योजना भी दिखाई नहीं देती, यह काफी मुश्किल है."

उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो अब यह मुझे बोझ और एक जिम्मेदारी जैसी लगने लगी है. हमने जो प्रदर्शन हासिल किया है, उसे देखते हुए और खिलाड़ियों को मेरी जरूरत है, इसलिए मैं इसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकता और यह अंदरूनी रूप से एक बोझ बन गया है."

गोपीचंद ने कहा कि वह कभी भी खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव डालने की इच्छा नहीं रखते जो पहले ही दबाव में होते हैं.

पुलेला गोपीचंद के साथ पीवी सिंधु
पुलेला गोपीचंद के साथ पीवी सिंधु

उन्होंने कहा, "जब मैं खिलाड़ी के पीछे बैठता हूं तो मैं यही सोच कर बैठता हूं कि मेरे दबाव से खिलाड़ी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे पहले से ही दबाव की स्थिति में होते हैं."

कोच ने साथ ही कहा, "पिछले कुछ वर्षों में, मैं चुपचाप लोगों से बात कर रहा था. पिछले कुछ महीनों में मैं मीडिया से कोच शिक्षा, कोचों को मजबूत बनाने और इसके लिए प्रणाली बनाने की जरूरत के बारे में थोड़ा ज्यादा बात कर रहा हूं. इसमें मेरा स्वार्थ है, मैं आराम करना चाहता हूं."

मुंबई: भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का कोई विकल्प नहीं है और इसीलिए वह अभी तक कोच बने हुए हैं. गोपीचंद ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "मैं इसलिए कोचिंग जारी रख रहा हूं और इसे लेकर जुनूनी हूं क्योंकि मेरे पास भी कोच नहीं था. मुझे कोई योजना भी दिखाई नहीं देती, यह काफी मुश्किल है."

उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो अब यह मुझे बोझ और एक जिम्मेदारी जैसी लगने लगी है. हमने जो प्रदर्शन हासिल किया है, उसे देखते हुए और खिलाड़ियों को मेरी जरूरत है, इसलिए मैं इसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकता और यह अंदरूनी रूप से एक बोझ बन गया है."

गोपीचंद ने कहा कि वह कभी भी खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव डालने की इच्छा नहीं रखते जो पहले ही दबाव में होते हैं.

पुलेला गोपीचंद के साथ पीवी सिंधु
पुलेला गोपीचंद के साथ पीवी सिंधु

उन्होंने कहा, "जब मैं खिलाड़ी के पीछे बैठता हूं तो मैं यही सोच कर बैठता हूं कि मेरे दबाव से खिलाड़ी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे पहले से ही दबाव की स्थिति में होते हैं."

कोच ने साथ ही कहा, "पिछले कुछ वर्षों में, मैं चुपचाप लोगों से बात कर रहा था. पिछले कुछ महीनों में मैं मीडिया से कोच शिक्षा, कोचों को मजबूत बनाने और इसके लिए प्रणाली बनाने की जरूरत के बारे में थोड़ा ज्यादा बात कर रहा हूं. इसमें मेरा स्वार्थ है, मैं आराम करना चाहता हूं."

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मुंबई: भारतीय राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद का कोई विकल्प नहीं है और इसीलिए वह अभी तक कोच बने हुए हैं. गोपीचंद ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "मैं इसलिए कोचिंग जारी रख रहा हूं और इसे लेकर जुनूनी हूं क्योंकि मेरे पास भी कोच नहीं था. मुझे कोई योजना भी दिखाई नहीं देती, यह काफी मुश्किल है."



उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो अब यह मुझे बोझ और एक जिम्मेदारी जैसी लगने लगी है. हमने जो प्रदर्शन हासिल किया है, उसे देखते हुए और खिलाड़ियों को मेरी जरूरत है, इसलिए मैं इसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकता और यह अंदरूनी रूप से एक बोझ बन गया है."



गोपीचंद ने कहा कि वह कभी भी खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव डालने की इच्छा नहीं रखते जो पहले ही दबाव में होते हैं.



उन्होंने कहा, "जब मैं खिलाड़ी के पीछे बैठता हूं तो मैं यही सोच कर बैठता हूं कि मेरे दबाव से खिलाड़ी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे पहले से ही दबाव की स्थिति में होते हैं."



कोच ने साथ ही कहा, "पिछले कुछ वर्षों में, मैं चुपचाप लोगों से बात कर रहा था. पिछले कुछ महीनों में मैं मीडिया से कोच शिक्षा, कोचों को मजबूत बनाने और इसके लिए प्रणाली बनाने की जरूरत के बारे में थोड़ा ज्यादा बात कर रहा हूं. इसमें मेरा स्वार्थ है, मैं आराम करना चाहता हूं."


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