नई दिल्ली: अपने संशोधित कैलेंडर में पांच महीने में 22 टूर्नामेंट डालने के लिए आलोचना झेल रहे विश्व बैडमिंटन महासंघ ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण बाधित ओलंपिक क्वालीफिकेशन प्रक्रिया अगले साल ही फिर शुरू होगी जिसमें खिलाड़ियों के पहले से अर्जित रैंकिंग अंक बरकरार रहेंगे.
बीडब्ल्यूएफ ने कहा कि इस साल संशोधित कैलेंडर में घोषित टूर्नामेंट ओलंपिक क्वालीफायर नहीं माने जाएंगे. खिलाड़ियों ने कार्यक्रम को अति व्यस्त बताते हुए इसकी काफी आलोचना की थी.
बीडब्ल्यूएफ ने एक विज्ञप्ति में कहा, "बढी हुई क्वालीफिकेशन अवधि 2021 में पहले से 17वें सप्ताह के बीच होगी. इसमें स्थगित हुए, निलंबित हुए और रद किए गए टूर्नामेंट कराए जाएंगे. ये सारे टूर्नामेंट 2021 के 17वें सप्ताह से पहले हो जाने चाहिए."
कोरोना वायरस महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर अस्त व्यस्त हो गया है. बैडमिंटन महासंघ एक साल की क्वालीफाइंग अवधि में से आखिरी छह सप्ताह के टूर्नामेंट नहीं करा सका था. इसमें कहा गया कि स्थगित ओलंपिक क्वालीफायर अगले साल भी उसी सप्ताह में होंगे जिस समय 2020 में होने थे.
महासंघ ने यह भी कहा कि 29 अप्रैल 2019 से 26 अप्रैल 2020 के बीच खिलाड़ियों द्वारा हासिल किए गए रैंकिंग अंक भी बरकरार रखे जाएंगे.
बीडब्ल्यूएफ ने विश्व रैंकिंग पर रोक लगा दी थी और 17 मार्च की रैंकिंग को खेल की बहाली के समय टूर्नामेंटों में प्रवेश और वरीयता का आधार बनाया था. इसने पिछले सप्ताह 2020 के बाकी सत्र के लिए संशोधित कैलेंडर जारी किया था.
बीडब्ल्यूएफ ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि ये टूर्नामेंट ओलंपिक क्वालीफिकेशन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे. बीडब्ल्यूएफ महासचिव थामस लुंड ने कहा कि नया प्रस्ताव सभी खिलाड़ियों के लिए हितकारी है.
एक अंग्रेजी अखबार ने थॉमस के हवाले से लिखा है, "हम यह उम्मीद नहीं करते कि हर खिलाड़ी हर टूर्नामेंट खेले. नया कैलेंडर सभी स्तर के खिलाड़ी को खेल शुरू करने और अपनी पेशेवर जिंदगी को शुरू करने का मौका देगा."
थॉमस ने ये भी कहा कि वह भारतीय टीम के कोच पुलेला गोपीचंद के उस बयान पर विचार कर सकती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक ही स्थल पर कई टूर्नामेंट आयोजित किए जा सकते हैं, क्योंकि इससे यातायात का समय बचेगा.