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पंकज त्रिपाठी ने की डिजिटल सेंसरशिप पर बात, बोले- 'संवाद जरूरी है'

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Published : Apr 27, 2020, 11:29 AM IST

डिजिटल प्लटेफॉर्म के 'कालीन भइया' और 'गुरूजी' यानि अभिनेता पंकज त्रिपाठी का मानना है कि वेब सेंसरशिप पर संवाद करना जरूरी है. दोनों पक्ष में कई मत हैं और बहस के जरिए ही निषकर्ष निकाला जा सकता है.

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पंकज त्रिपाठी ने की डिजिटल में सेंसरशिप पर बात, बोले- 'संवाद जरूरी है'

मुंबई: बड़े पर्दे के साथ-साथ डिजिटल की दुनिया में भी अपनी सफलता का परचम लहराने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि जब बात वेब सेंसरशिप पर बहस करने की आती है, तो संवाद काफी मायने रखता है.'

सेक्रेड गेम्स' में 'गुरुजी' और 'मिर्जापुर' में 'कालीन भइया' के किरदार से दर्शकों का दिल जीत चुके पंकज ने कहा, 'हर चीज पर बहस होनी चाहिए क्योंकि संवाद का होना बेहद जरूरी है. डिजिटल में सेंसर के बिना कहानीकारों को अपनी कहानी अपने तरीके से बताने का मौका मिलता है. उनके पास काम करने की आजादी है.'

हालांकि उनका यह भी मानना है कि रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर सभी चीजों को छूट नहीं दी जा सकती है.

अभिनेता कहते हैं, 'कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो सनसनी फैलाना चाहते हैं. उनके पास भी आजादी है क्योंकि यहां कोई सेंसर नहीं है. इसलिए सेंसरशिप होने के पक्ष और विपक्ष में कई सारी बातें हैं और सिर्फ बहस कर ही लोग इसके निष्कर्ष तक पहुंच सकते हैं.'

पढ़ें- विजय देवरकोंडा ने की 2 'बड़ी जरूरी घोषणाएं', कोरोना के दौरान करेंगे मदद

अभिनय की बात करें, तो आने वाले समय में पंकज कबीर खान की फिल्म '83' में नजर आएंगे.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

मुंबई: बड़े पर्दे के साथ-साथ डिजिटल की दुनिया में भी अपनी सफलता का परचम लहराने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि जब बात वेब सेंसरशिप पर बहस करने की आती है, तो संवाद काफी मायने रखता है.'

सेक्रेड गेम्स' में 'गुरुजी' और 'मिर्जापुर' में 'कालीन भइया' के किरदार से दर्शकों का दिल जीत चुके पंकज ने कहा, 'हर चीज पर बहस होनी चाहिए क्योंकि संवाद का होना बेहद जरूरी है. डिजिटल में सेंसर के बिना कहानीकारों को अपनी कहानी अपने तरीके से बताने का मौका मिलता है. उनके पास काम करने की आजादी है.'

हालांकि उनका यह भी मानना है कि रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर सभी चीजों को छूट नहीं दी जा सकती है.

अभिनेता कहते हैं, 'कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो सनसनी फैलाना चाहते हैं. उनके पास भी आजादी है क्योंकि यहां कोई सेंसर नहीं है. इसलिए सेंसरशिप होने के पक्ष और विपक्ष में कई सारी बातें हैं और सिर्फ बहस कर ही लोग इसके निष्कर्ष तक पहुंच सकते हैं.'

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अभिनय की बात करें, तो आने वाले समय में पंकज कबीर खान की फिल्म '83' में नजर आएंगे.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

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