रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आगाज हो चुका है. 27, 28 और 29 दिसंबर को प्रदेश में विभिन्न राज्यों के आदिवासी कलाकार अलग-अलग नृत्य प्रस्तुतियां दे रहे हैं. रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित इस महोत्सव में देश के कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ छह देशों के लगभग 1450 से अधिक कलाकार हिस्सा ले रहे हैं.
इस महोत्सव में अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, लद्दाख, केरल, अंडमान-निकोबार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, जम्मू-कश्मीर शामिल हो रहे हैं.
महोत्सव में अरुणाचल प्रदेश के लोक नृत्य, त्रिपुरा के नृत्य की प्रस्तुति हुई. इसके अलावा उत्तराखंड के भोटिया और जौंनसारी जनजातियों भी नृत्य प्रस्तुतियां दी. हिमाचल प्रदेश से गद्दी जनजाति डंडा रास नृत्य की भी प्रस्तुति हुई. उत्तर प्रदेश से गोंड जनजाति के लोग गरद नृत्य, बिहार से कर्मा नृत्य की प्रस्तुति होगी. वहीं झारखंड से छाऊ का प्रदर्शन किया गया.
इसके अलावा आंध्र प्रदेश से अरकू जनजाति द्वारा धिमसा नृत्य का प्रदर्शन किया गया. तेलंगाना से आदिवासियों ने नृत्य प्रस्तुतियां दी. कर्नाटक के आदिवासी भी अपने डांस से लोगों का मन मोहेंगे. तमिलनाडु से टोडा जनजाति के कलाकारों द्वारा टोडा नृत्य की प्रस्तुति हुई.
ओडिशा की जनजातियों द्वारा धुरवा नृत्य की प्रस्तुति दी गई. महाराष्ट्र से तरपा नृत्य का प्रदर्शन किया गया. मध्य प्रदेश से भगोरिया नृत्य का प्रदर्शन किया गया.
छत्तीसगढ़ की मुरिया जनजाति द्वारा आदिवासी नृत्य का प्रदर्शन हुआ. इसके अलावा लद्दाखी, केरल के तैय्यम नृत्य और जम्मू कश्मीर के गुजर नृत्य का प्रदर्शन किया गया.