पणजी: प्रसिद्ध गीतकार और रचनात्मक लेखक प्रसून जोशी ((Prasoon Joshi) ने रविवार को कहा कि यदि सभी वर्गो के लिए अपनी कहानियां बताने के लिए कोई मंच नहीं होता, तो भारतीय सिनेमा में समृद्ध विविधता नहीं दिखाई देती. भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 52वें संस्करण के समापन समारोह में 'फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर' ( (Film Personality of the Year) पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद प्रख्यात गीतकार ने 75 क्रिएटिव माइंड्स के माध्यम से ऐसा मंच प्रदान करने के प्रयास के लिए आईएफएफआई की सराहना की.
उन्होंने कहा, आईएफएफआई एक अवार्ड शो से ज्यादा रहा है, यह एक त्योहार रहा है. मुझे लगता है कि ये 75 क्रिएटिव माइंड देश के लिए जो कर सकते हैं, वह वास्तव में मुझे आशा देता है.
यह बताते हुए कि वह उत्तराखंड के एक छोटे से शहर से हैं, प्रसिद्ध लेखक ने कहा, मैं जानता हूं कि किसी छोटे शहर से आने वाले किसी व्यक्ति के लिए सिनेमा का अनुभव प्राप्त करना कितना मुश्किल होता है. जोशी ने कहा हमारे पास इस देश में जाने के लिए बहुत सारे शानदार दिमाग हैं जो महान फिल्में बनाना चाहते हैं.
यह बताते हुए कि वह भारतीय सिनेमा के भविष्य के बारे में बहुत आशान्वित हैं, जोशी ने कहा, इस देश में हमारे पास जो विविधता है वह वास्तव में अद्भुत है, लेकिन अगर हमें विविधता के लिए एक मंच नहीं मिलेगा, तो यह विविधता हमारे सिनेमा में प्रतिबिंबित नहीं होगी. यह केवल तभी प्रतिबिंबित होगा, जब ये सभी लोग जिन्हें हमने देश के विभिन्न हिस्सों से आते हुए देखा है, अपनी कहानियां सुनाना शुरू कर दें।'
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इससे पहले केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने प्रसिद्ध गीतकार और रचनात्मक लेखक को 'वर्ष की फिल्म व्यक्तित्व' पुरस्कार प्रदान किया.
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(इनपुट-आईएएनएस)