भारत में खासकर बॉलीवुड में रोमांटिक जॉनर की फिल्में एक खास स्थान रखती हैं. फिल्मों में हमेशा ड्रामेटिक अंदाज में रोमांस को फिल्माया जाता रहा है. डीडीएलजे, सिलसिला, हम आपके हैं कौन, मोहब्बतें इसका उदाहरण हैं. हमारे समाज की मानसिकता कुछ ऐसी है कि एक कपल के लिए पूरी आजादी के साथ प्यार करना या रिलेशनशिप में रहना, समाज को हजम नहीं होता. अगर कोई लिव इन में रहता है तब तो समाज की नजर में ये एक बहुत बड़ा गुनाह माना जाता है. नतीजतन किसी भी कपल के लिए छुपकर प्यार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बच पाता. मन में हमेशा एक डर का भाव लिए रहना, घरवालों का खौफ, धर्म के संरक्षकों का खौफ, इन सभी के बीच एक प्यार कैसे खुली हवा में सांस ले सकता है. इसलिए फिल्म लुका छुपी के दोनों किरदार गुड्डू ( कार्तिक आर्यन) और रश्मी (कृति सेनन) भी छिपकर प्यार करते हैं. फिल्म का भी टाइटिल यही रखा गया है 'लुका छुपी'.
मूवी की एक खास बात ये है कि इसमें एक प्यार करने वाले जोड़े के जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई है कि नए युग में भी लिव इन रिलेशनशिप को लेकर समाज का कैसा रवैया है. हम युवाओं पर कैसे एक शादी थोप देते हैं. कैसे आए दिन प्यार का कत्ल होता है, मन की कसक, एक टीस बन दिलों में चुभती रहती है. लोग शादी को अपनाए बिना ही शादी कर लेते हैं, किसी अंजान के साथ ताउम्र रहना कबूल कर लेते हैं. रिलेशनशिप एक समझौता नहीं है, साथ ही प्यार और शादी दो अलग अलग चीजें हैं. शादी से पहले लिव इन में रहना क्यों सही है, ये फिल्म में समझाने की कोशिश की गई है.
कहानी- फिल्म की कहानी गुड्डू माथुर की है जो मथुरा में एक टेलीविजन रिपोर्टर है. गुड्डन को रश्मी नाम की एक लड़की से प्यार हो जाता है. रश्मी एक दबंग नेता त्रिवेदी जी (विनय पाठक) की बेटी है. त्रिवेदी जी, कट्टर हिंदूवादी हैं और पुरानी धारणाओं से भरे हुए हैं. उनकी नजर में वो लोग सबसे ज्यादा बुरे हैं जो लिव इन में रहते हैं. अब त्रिवेदी जी की बेटी रश्मी, जो गुड्डू से प्यार तो करती है मगर शादी नहीं करना चाहती. वो उस शख्स को अच्छे से जान लेना चाहती है जिसके साथ उसे अपनी पूरी जिंदगी बितानी है. अपने पिता के प्रकोप से वाकिफ होने के बाद भी वो अपनी लाइफ से समझौता नहीं करना चाहती और लिव इन में रहना चाहती है. मगर गुड्डू को शादी की ज्यादा जल्दी है. अपने परिवारवालों के और रश्मी के पिता के डर से वो लिव इन में रहने से डरता है. गुड्डू एक मिडिल क्लास फैमिली से है. बड़ा परिवार है और जैसा कि आम तौर पर हर मिडिल क्लास फैमिली होती है वैसा ही है. समाज में इज्जत से रहने और मान मर्यादा के साथ जीवन व्यतीत करने वाला परिवार. ऐसे में गुड्डू की मदद उसके साथ ही काम करने वाला दोस्त, अब्बास (अपारशक्ति खुराना) करता है, मगर अब्बास की मदद से जो रायता फैलता है, साथ ही लिव इन में रहने और शादी करने के लिए उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ये जानने के लिए आप थोड़े पैसे खर्च करें और दो घंटे की इस एंटरटेनिंग फिल्म का लुत्फ उठाएं. मजा भरपूर आएगा. फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने एक बेहद रोचक किरदार निभाया है.
फिल्म की कहानी बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं है, मगर जितनी भी है उसे फिल्माया बेहद खूबसूरती से गया है. फिल्म में रोचक किरदारों को जिस तरह से पेश किया गया है वो शुरू से अंत तक आपकी हंसी को रुकने नहीं देगा. कार्तिक आर्यन और कृति की एक्टिंग भी अच्छी है. कृति फिल्म में एक समझदार लड़की का रोल प्ले कर रही हैं जो अपने जीवन का कोई भी फैसला काफी सोच-समझ कर लेती है. वहीं कार्तिक को हर चीज में जरा जल्दबाजी सी रहती है. फिल्म में जिस तरह से दोनों शादी करने के लिए स्ट्रगल करते हैं ये देखना रोचक है. मूवी के एक सीन में कृति और कार्तिक, लिव इन को अपराध करार दिए जाने पर कहते हैं कि ये एक अपराध नहीं मुद्दा है. तो फिल्म को भी इसी मुद्दे पर बनाया गया है, बस इसके फिल्माने के तरीके को गंभीर ना रखते हुए कॉमिक रखा गया है, जिस वजह से दर्शक फिल्म को भरपूर एंजॉय कर सकते हैं.
Luka Chuppi Review: कार्तिक- कृति की 'लुका छुपी' फैंस को आई पसंद
भारत में खासकर बॉलीवुड में रोमांटिक जॉनर की फिल्में एक खास स्थान रखती हैं. फिल्मों में हमेशा ड्रामेटिक अंदाज में रोमांस को फिल्माया जाता रहा है. डीडीएलजे, सिलसिला, हम आपके हैं कौन, मोहब्बतें इसका उदाहरण हैं. हमारे समाज की मानसिकता कुछ ऐसी है कि एक कपल के लिए पूरी आजादी के साथ प्यार करना या रिलेशनशिप में रहना, समाज को हजम नहीं होता. अगर कोई लिव इन में रहता है तब तो समाज की नजर में ये एक बहुत बड़ा गुनाह माना जाता है. नतीजतन किसी भी कपल के लिए छुपकर प्यार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बच पाता. मन में हमेशा एक डर का भाव लिए रहना, घरवालों का खौफ, धर्म के संरक्षकों का खौफ, इन सभी के बीच एक प्यार कैसे खुली हवा में सांस ले सकता है. इसलिए फिल्म लुका छुपी के दोनों किरदार गुड्डू ( कार्तिक आर्यन) और रश्मी (कृति सेनन) भी छिपकर प्यार करते हैं. फिल्म का भी टाइटिल यही रखा गया है 'लुका छुपी'.
मूवी की एक खास बात ये है कि इसमें एक प्यार करने वाले जोड़े के जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई है कि नए युग में भी लिव इन रिलेशनशिप को लेकर समाज का कैसा रवैया है. हम युवाओं पर कैसे एक शादी थोप देते हैं. कैसे आए दिन प्यार का कत्ल होता है, मन की कसक, एक टीस बन दिलों में चुभती रहती है. लोग शादी को अपनाए बिना ही शादी कर लेते हैं, किसी अंजान के साथ ताउम्र रहना कबूल कर लेते हैं. रिलेशनशिप एक समझौता नहीं है, साथ ही प्यार और शादी दो अलग अलग चीजें हैं. शादी से पहले लिव इन में रहना क्यों सही है, ये फिल्म में समझाने की कोशिश की गई है.
कहानी- फिल्म की कहानी गुड्डू माथुर की है जो मथुरा में एक टेलीविजन रिपोर्टर है. गुड्डन को रश्मी नाम की एक लड़की से प्यार हो जाता है. रश्मी एक दबंग नेता त्रिवेदी जी (विनय पाठक) की बेटी है. त्रिवेदी जी, कट्टर हिंदूवादी हैं और पुरानी धारणाओं से भरे हुए हैं. उनकी नजर में वो लोग सबसे ज्यादा बुरे हैं जो लिव इन में रहते हैं. अब त्रिवेदी जी की बेटी रश्मी, जो गुड्डू से प्यार तो करती है मगर शादी नहीं करना चाहती. वो उस शख्स को अच्छे से जान लेना चाहती है जिसके साथ उसे अपनी पूरी जिंदगी बितानी है. अपने पिता के प्रकोप से वाकिफ होने के बाद भी वो अपनी लाइफ से समझौता नहीं करना चाहती और लिव इन में रहना चाहती है. मगर गुड्डू को शादी की ज्यादा जल्दी है. अपने परिवारवालों के और रश्मी के पिता के डर से वो लिव इन में रहने से डरता है. गुड्डू एक मिडिल क्लास फैमिली से है. बड़ा परिवार है और जैसा कि आम तौर पर हर मिडिल क्लास फैमिली होती है वैसा ही है. समाज में इज्जत से रहने और मान मर्यादा के साथ जीवन व्यतीत करने वाला परिवार. ऐसे में गुड्डू की मदद उसके साथ ही काम करने वाला दोस्त, अब्बास (अपारशक्ति खुराना) करता है, मगर अब्बास की मदद से जो रायता फैलता है, साथ ही लिव इन में रहने और शादी करने के लिए उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ये जानने के लिए आप थोड़े पैसे खर्च करें और दो घंटे की इस एंटरटेनिंग फिल्म का लुत्फ उठाएं. मजा भरपूर आएगा. फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने एक बेहद रोचक किरदार निभाया है.
फिल्म की कहानी बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं है, मगर जितनी भी है उसे फिल्माया बेहद खूबसूरती से गया है. फिल्म में रोचक किरदारों को जिस तरह से पेश किया गया है वो शुरू से अंत तक आपकी हंसी को रुकने नहीं देगा. कार्तिक आर्यन और कृति की एक्टिंग भी अच्छी है. कृति फिल्म में एक समझदार लड़की का रोल प्ले कर रही हैं जो अपने जीवन का कोई भी फैसला काफी सोच-समझ कर लेती है. वहीं कार्तिक को हर चीज में जरा जल्दबाजी सी रहती है. फिल्म में जिस तरह से दोनों शादी करने के लिए स्ट्रगल करते हैं ये देखना रोचक है. मूवी के एक सीन में कृति और कार्तिक, लिव इन को अपराध करार दिए जाने पर कहते हैं कि ये एक अपराध नहीं मुद्दा है. तो फिल्म को भी इसी मुद्दे पर बनाया गया है, बस इसके फिल्माने के तरीके को गंभीर ना रखते हुए कॉमिक रखा गया है, जिस वजह से दर्शक फिल्म को भरपूर एंजॉय कर सकते हैं.
भारत में खासकर बॉलीवुड में रोमांटिक जॉनर की फिल्में एक खास स्थान रखती हैं. फिल्मों में हमेशा ड्रामेटिक अंदाज में रोमांस को फिल्माया जाता रहा है. डीडीएलजे, सिलसिला, हम आपके हैं कौन, मोहब्बतें इसका उदाहरण हैं. हमारे समाज की मानसिकता कुछ ऐसी है कि एक कपल के लिए पूरी आजादी के साथ प्यार करना या रिलेशनशिप में रहना, समाज को हजम नहीं होता. अगर कोई लिव इन में रहता है तब तो समाज की नजर में ये एक बहुत बड़ा गुनाह माना जाता है. नतीजतन किसी भी कपल के लिए छुपकर प्यार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बच पाता. मन में हमेशा एक डर का भाव लिए रहना, घरवालों का खौफ, धर्म के संरक्षकों का खौफ, इन सभी के बीच एक प्यार कैसे खुली हवा में सांस ले सकता है. इसलिए फिल्म लुका छुपी के दोनों किरदार गुड्डू ( कार्तिक आर्यन) और रश्मी (कृति सेनन) भी छिपकर प्यार करते हैं. फिल्म का भी टाइटिल यही रखा गया है 'लुका छुपी'.
मूवी की एक खास बात ये है कि इसमें एक प्यार करने वाले जोड़े के जरिए ये दिखाने की कोशिश की गई है कि नए युग में भी लिव इन रिलेशनशिप को लेकर समाज का कैसा रवैया है. हम युवाओं पर कैसे एक शादी थोप देते हैं. कैसे आए दिन प्यार का कत्ल होता है, मन की कसक, एक टीस बन दिलों में चुभती रहती है. लोग शादी को अपनाए बिना ही शादी कर लेते हैं, किसी अंजान के साथ ताउम्र रहना कबूल कर लेते हैं. रिलेशनशिप एक समझौता नहीं है, साथ ही प्यार और शादी दो अलग अलग चीजें हैं. शादी से पहले लिव इन में रहना क्यों सही है, ये फिल्म में समझाने की कोशिश की गई है.
कहानी- फिल्म की कहानी गुड्डू माथुर की है जो मथुरा में एक टेलीविजन रिपोर्टर है. गुड्डन को रश्मी नाम की एक लड़की से प्यार हो जाता है. रश्मी एक दबंग नेता त्रिवेदी जी (विनय पाठक) की बेटी है. त्रिवेदी जी, कट्टर हिंदूवादी हैं और पुरानी धारणाओं से भरे हुए हैं. उनकी नजर में वो लोग सबसे ज्यादा बुरे हैं जो लिव इन में रहते हैं. अब त्रिवेदी जी की बेटी रश्मी, जो गुड्डू से प्यार तो करती है मगर शादी नहीं करना चाहती. वो उस शख्स को अच्छे से जान लेना चाहती है जिसके साथ उसे अपनी पूरी जिंदगी बितानी है. अपने पिता के प्रकोप से वाकिफ होने के बाद भी वो अपनी लाइफ से समझौता नहीं करना चाहती और लिव इन में रहना चाहती है. मगर गुड्डू को शादी की ज्यादा जल्दी है. अपने परिवारवालों के और रश्मी के पिता के डर से वो लिव इन में रहने से डरता है. गुड्डू एक मिडिल क्लास फैमिली से है. बड़ा परिवार है और जैसा कि आम तौर पर हर मिडिल क्लास फैमिली होती है वैसा ही है. समाज में इज्जत से रहने और मान मर्यादा के साथ जीवन व्यतीत करने वाला परिवार. ऐसे में गुड्डू की मदद उसके साथ ही काम करने वाला दोस्त, अब्बास (अपारशक्ति खुराना) करता है, मगर अब्बास की मदद से जो रायता फैलता है, साथ ही लिव इन में रहने और शादी करने के लिए उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ये जानने के लिए आप थोड़े पैसे खर्च करें और दो घंटे की इस एंटरटेनिंग फिल्म का लुत्फ उठाएं. मजा भरपूर आएगा. फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने एक बेहद रोचक किरदार निभाया है.
फिल्म की कहानी बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं है, मगर जितनी भी है उसे फिल्माया बेहद खूबसूरती से गया है. फिल्म में रोचक किरदारों को जिस तरह से पेश किया गया है वो शुरू से अंत तक आपकी हंसी को रुकने नहीं देगा. कार्तिक आर्यन और कृति की एक्टिंग भी अच्छी है. कृति फिल्म में एक समझदार लड़की का रोल प्ले कर रही हैं जो अपने जीवन का कोई भी फैसला काफी सोच-समझ कर लेती है. वहीं कार्तिक को हर चीज में जरा जल्दबाजी सी रहती है. फिल्म में जिस तरह से दोनों शादी करने के लिए स्ट्रगल करते हैं ये देखना रोचक है. मूवी के एक सीन में कृति और कार्तिक, लिव इन को अपराध करार दिए जाने पर कहते हैं कि ये एक अपराध नहीं मुद्दा है. तो फिल्म को भी इसी मुद्दे पर बनाया गया है, बस इसके फिल्माने के तरीके को गंभीर ना रखते हुए कॉमिक रखा गया है, जिस वजह से दर्शक फिल्म को भरपूर एंजॉय कर सकते हैं.
Conclusion: