लॉस एंजेलिस: फिल्मकार जॉन फेवरो का ऐसा मानना है कि 'द लायन किंग' अब हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा बन गया है. उनका कहना है कि तकनीक के इस्तेमाल के साथ डिजनी के इस वर्ल्ड क्लासिक को दोबारा बनाने के दौरान उन्हें एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हुआ.
फेवरो ने एक बयान में कहा, "यह एक ऐसी संपदा है जिससे हम सभी को प्यार है. इसके ओरिजनल एनिमेटेड संस्करण और बाद में ब्रॉडवे म्यूजिकल के साथ डिजनी को अपार सफलता मिली. मैं जानता था कि मुझे इसके साथ बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है. यह कहीं से बिगड़ न जाए, इसे लेकर मुझे एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हुआ."
उन्होंने कहा, "मैं यह दिखाना चाहता था कि असाधारण तकनीकों के इस्तेमाल से इसे बनाते वक्त हम मूल विषयवस्तु का सम्मान कर सकें."
'द जंगल बुक' फेम निर्देशक ने साल 1994 में आई वर्ल्ड डिज्नी की क्लासिक को फिर से जीवित करने के लिए एक लाइव-एक्शन फिल्म की कल्पना की.
सिम्बा की वास्तविक कहानी को बदले बिना उन्होंने फिल्म निर्माण की कई अनोखी तकनीकों का उपयोग कर इस मशहूर चरित्र को एक नए रूप में वापस लाने का प्रयास किया।
यह फिल्म 19 जुलाई को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी.
'द लायन किंग' हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा : जॉन फेवरो
फिल्मकार जॉन फेवरो का मानना है कि 'द लायन किंग' एक ऐसी संपदा है जिससे हम सभी को प्यार है. तकनीक के इस्तेमाल के साथ डिजनी के इस वर्ल्ड क्लासिक को दोबारा बनाने के दौरान उन्हें एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हुआ.
लॉस एंजेलिस: फिल्मकार जॉन फेवरो का ऐसा मानना है कि 'द लायन किंग' अब हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा बन गया है. उनका कहना है कि तकनीक के इस्तेमाल के साथ डिजनी के इस वर्ल्ड क्लासिक को दोबारा बनाने के दौरान उन्हें एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हुआ.
फेवरो ने एक बयान में कहा, "यह एक ऐसी संपदा है जिससे हम सभी को प्यार है. इसके ओरिजनल एनिमेटेड संस्करण और बाद में ब्रॉडवे म्यूजिकल के साथ डिजनी को अपार सफलता मिली. मैं जानता था कि मुझे इसके साथ बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है. यह कहीं से बिगड़ न जाए, इसे लेकर मुझे एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हुआ."
उन्होंने कहा, "मैं यह दिखाना चाहता था कि असाधारण तकनीकों के इस्तेमाल से इसे बनाते वक्त हम मूल विषयवस्तु का सम्मान कर सकें."
'द जंगल बुक' फेम निर्देशक ने साल 1994 में आई वर्ल्ड डिज्नी की क्लासिक को फिर से जीवित करने के लिए एक लाइव-एक्शन फिल्म की कल्पना की.
सिम्बा की वास्तविक कहानी को बदले बिना उन्होंने फिल्म निर्माण की कई अनोखी तकनीकों का उपयोग कर इस मशहूर चरित्र को एक नए रूप में वापस लाने का प्रयास किया।
यह फिल्म 19 जुलाई को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी.
लॉस एंजेलिस: फिल्मकार जॉन फेवरो का ऐसा मानना है कि 'द लायन किंग' अब हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा बन गया है. उनका कहना है कि तकनीक के इस्तेमाल के साथ डिजनी के इस वर्ल्ड क्लासिक को दोबारा बनाने के दौरान उन्हें एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हुआ.
फेवरो ने एक बयान में कहा, "यह एक ऐसी संपदा है जिससे हम सभी को प्यार है. इसके ओरिजनल एनिमेटेड संस्करण और बाद में ब्रॉडवे म्यूजिकल के साथ डिजनी को अपार सफलता मिली. मैं जानता था कि मुझे इसके साथ बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है. यह कहीं से बिगड़ न जाए, इसे लेकर मुझे एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास हुआ."
उन्होंने कहा, "मैं यह दिखाना चाहता था कि असाधारण तकनीकों के इस्तेमाल से इसे बनाते वक्त हम मूल विषयवस्तु का सम्मान कर सकें."
'द जंगल बुक' फेम निर्देशक ने साल 1994 में आई वर्ल्ड डिज्नी की क्लासिक को फिर से जीवित करने के लिए एक लाइव-एक्शन फिल्म की कल्पना की.
सिम्बा की वास्तविक कहानी को बदले बिना उन्होंने फिल्म निर्माण की कई अनोखी तकनीकों का उपयोग कर इस मशहूर चरित्र को एक नए रूप में वापस लाने का प्रयास किया।
यह फिल्म 19 जुलाई को अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी.
Conclusion: