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हमें समलैंगिक अधिकारों पर व्यावसायिक फिल्मों की जरूरत : आयुष्मान

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Published : Jul 21, 2019, 2:28 PM IST

आयुष्मान फिलहाल अपनी चार फिल्मों को पर्दे पर लाने की तैयारी में जुटे हैं. इनमें 'ड्रीम गर्ल', 'बाला', 'गुलाबो सिताबो' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' शामिल हैं.

Ayushmann Khurrana

नई दिल्ली: 'विक्की डोनर' में एक साहसी शुक्राणु दाता से लेकर 'शुभ मंगल सावधान' में गुप्त रोग से पीड़ित व्यक्ति और 'अंधाधुन' में एक अंधे संगीतकार से लेकर 'आर्टिकल 15' में एक आदर्श पुलिस अफसर के किरदार निभाकर आयुष्मान खुराना ने एक अभिनेता के तौर पर अपनी प्रतिभा और सीमाओं को साबित किया है.

अब वह खुद को एक अलग स्तर पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह आगामी फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में एक समलैंगिक व्यक्ति के किरदार से दर्शकों को प्रभावित करने की तैयारी में हैं. अभिनेता का कहना है कि समलैंगिक अधिकारों पर बनीं मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्में काफी महत्वपूर्ण हैं.

आयुष्मान फिलहाल अपनी चार फिल्मों को पर्दे पर लाने की तैयारी में जुटे हैं. इनमें 'ड्रीम गर्ल', 'बाला', 'गुलाबो सिताबो' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' शामिल हैं.

आयुष्मान ने आईएएनएस को बताया, "मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्मों में 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' काफी महत्वपूर्ण हैं. व्यावसायिक क्षेत्रों में समलैंगिक अधिकारों पर आधारिक फिल्में बनाना महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस तरह आप परिवर्तित होने का प्रचार नहीं कर रहे हैं."

इसके साथ ही अभिनेता ने यह भी कहा, "आप उन लोगों की बात कर रहे हैं जो समलैंगिकों के लिए पक्षपाती हैं. हमें लगभग हर व्यक्ति तक पहुंचना है. उन्हें यह फिल्म देखने की जरूरत है और यह भी समझने की जरूरत है कि समलैंगिकों को उनका अधिकार देना चाहिए."

बता दें कि 34 वर्षिय अभिनेता फिल्म 'बाला' में एक गंजे व्यक्ति की भूमिका निभाते नज़र आएंगे.

उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी पारी है. 'बाला' में रोमांस है, लेकिन यह एक अलग मुद्दे (गंजापन) को उजागर करता है. (यह एक मुद्दा है) कि 50 फीसदी पुरुष 30 के बाद से गंजेपन की समस्या से निपटते हैं. यह एक प्रचलित विषय है और (मुझे आश्चर्य है कि) हम अब तक कैसे चूक गए . आखिरकार, हमने स्पर्म डोनेशन, बॉडी शेमिंग और बुढ़ापे में गर्भवती माता-पिता जैसे विषयों पर फिल्में बनाई हैं.

आयुष्मान के लिए हिंदी फिल्म उद्योग में सात साल हो गए हैं और वह उन्हें विकसित करने का श्रेय अपनी सभी फिल्मों को देते हैं.

Read More: इस वीडियो को शेयर कर मुश्किल में फंसे राम गोपाल वर्मा


उन्होंने कहा, "हर एक फिल्म ने मुझे खुद को खोजने में मदद की है और एक नया मानदंड भी स्थापित किया है. मुझे इस तरह के विषयों को प्राप्त करने में खुशी है। साथ ही, इन सात वर्षों में मुझे यह मान्यता मिली है कि लोग मेरी पसंद को स्वीकार कर रहे हैं. इससे मुझे और अधिक साहस मिलता है. मैं अब एक खुशहाल जगह पर हूं. "

एक भूमिका का चयन करते समय अपनी प्राथमिकता के बारे में उन्होंने कहा, "मैं हमेशा (एक अभिनेता के रूप में) से पहले (फिल्म की) कहानी रखता हूं. अब मैं जिन किरदारों की भूमिका निभा रहा हूं, वे अलग, करिश्माई और वास्तविक हैं. उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि मैं इस स्थान पर पहुंच गया हूं और मुझे उम्मीद है कि यह जारी रहेगा.

नई दिल्ली: 'विक्की डोनर' में एक साहसी शुक्राणु दाता से लेकर 'शुभ मंगल सावधान' में गुप्त रोग से पीड़ित व्यक्ति और 'अंधाधुन' में एक अंधे संगीतकार से लेकर 'आर्टिकल 15' में एक आदर्श पुलिस अफसर के किरदार निभाकर आयुष्मान खुराना ने एक अभिनेता के तौर पर अपनी प्रतिभा और सीमाओं को साबित किया है.

अब वह खुद को एक अलग स्तर पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह आगामी फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में एक समलैंगिक व्यक्ति के किरदार से दर्शकों को प्रभावित करने की तैयारी में हैं. अभिनेता का कहना है कि समलैंगिक अधिकारों पर बनीं मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्में काफी महत्वपूर्ण हैं.

आयुष्मान फिलहाल अपनी चार फिल्मों को पर्दे पर लाने की तैयारी में जुटे हैं. इनमें 'ड्रीम गर्ल', 'बाला', 'गुलाबो सिताबो' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' शामिल हैं.

आयुष्मान ने आईएएनएस को बताया, "मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्मों में 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' काफी महत्वपूर्ण हैं. व्यावसायिक क्षेत्रों में समलैंगिक अधिकारों पर आधारिक फिल्में बनाना महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस तरह आप परिवर्तित होने का प्रचार नहीं कर रहे हैं."

इसके साथ ही अभिनेता ने यह भी कहा, "आप उन लोगों की बात कर रहे हैं जो समलैंगिकों के लिए पक्षपाती हैं. हमें लगभग हर व्यक्ति तक पहुंचना है. उन्हें यह फिल्म देखने की जरूरत है और यह भी समझने की जरूरत है कि समलैंगिकों को उनका अधिकार देना चाहिए."

बता दें कि 34 वर्षिय अभिनेता फिल्म 'बाला' में एक गंजे व्यक्ति की भूमिका निभाते नज़र आएंगे.

उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी पारी है. 'बाला' में रोमांस है, लेकिन यह एक अलग मुद्दे (गंजापन) को उजागर करता है. (यह एक मुद्दा है) कि 50 फीसदी पुरुष 30 के बाद से गंजेपन की समस्या से निपटते हैं. यह एक प्रचलित विषय है और (मुझे आश्चर्य है कि) हम अब तक कैसे चूक गए . आखिरकार, हमने स्पर्म डोनेशन, बॉडी शेमिंग और बुढ़ापे में गर्भवती माता-पिता जैसे विषयों पर फिल्में बनाई हैं.

आयुष्मान के लिए हिंदी फिल्म उद्योग में सात साल हो गए हैं और वह उन्हें विकसित करने का श्रेय अपनी सभी फिल्मों को देते हैं.

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उन्होंने कहा, "हर एक फिल्म ने मुझे खुद को खोजने में मदद की है और एक नया मानदंड भी स्थापित किया है. मुझे इस तरह के विषयों को प्राप्त करने में खुशी है। साथ ही, इन सात वर्षों में मुझे यह मान्यता मिली है कि लोग मेरी पसंद को स्वीकार कर रहे हैं. इससे मुझे और अधिक साहस मिलता है. मैं अब एक खुशहाल जगह पर हूं. "

एक भूमिका का चयन करते समय अपनी प्राथमिकता के बारे में उन्होंने कहा, "मैं हमेशा (एक अभिनेता के रूप में) से पहले (फिल्म की) कहानी रखता हूं. अब मैं जिन किरदारों की भूमिका निभा रहा हूं, वे अलग, करिश्माई और वास्तविक हैं. उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि मैं इस स्थान पर पहुंच गया हूं और मुझे उम्मीद है कि यह जारी रहेगा.

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नई दिल्ली: 'विक्की डोनर' में एक साहसी शुक्राणु दाता से लेकर 'शुभ मंगल सावधान' में गुप्त रोग से पीड़ित व्यक्ति और 'अंधाधुन' में एक अंधे संगीतकार से लेकर 'आर्टिकल 15' में एक आदर्श पुलिस अफसर के किरदार निभाकर आयुष्मान खुराना ने एक अभिनेता के तौर पर अपनी प्रतिभा और सीमाओं को साबित किया है.

अब वह खुद को एक अलग स्तर पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह आगामी फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में एक समलैंगिक व्यक्ति के किरदार से दर्शकों को प्रभावित करने की तैयारी में हैं. अभिनेता का कहना है कि समलैंगिक अधिकारों पर बनीं मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्में काफी महत्वपूर्ण हैं.

आयुष्मान फिलहाल अपनी चार फिल्मों को पर्दे पर लाने की तैयारी में जुटे हैं. इनमें 'ड्रीम गर्ल', 'बाला', 'गुलाबो सिताबो' और 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' शामिल हैं.

आयुष्मान ने आईएएनएस को बताया, "मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्मों में 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' काफी महत्वपूर्ण हैं. व्यावसायिक क्षेत्रों में समलैंगिक अधिकारों पर आधारिक फिल्में बनाना महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस तरह आप परिवर्तित होने का प्रचार नहीं कर रहे हैं."

इसके साथ ही अभिनेता ने यह भी कहा, "आप उन लोगों की बात कर रहे हैं जो समलैंगिकों के लिए पक्षपाती हैं. हमें लगभग हर व्यक्ति तक पहुंचना है. उन्हें यह फिल्म देखने की जरूरत है और यह भी समझने की जरूरत है कि समलैंगिकों को उनका अधिकार देना चाहिए."

बता दें कि 34 वर्षिय अभिनेता फिल्म 'बाला' में एक गंजे व्यक्ति की भूमिका निभाते नज़र आएंगे.

उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी पारी है. 'बाला' में रोमांस है, लेकिन यह एक अलग मुद्दे (गंजापन) को उजागर करता है. (यह एक मुद्दा है) कि 50 फीसदी पुरुष 30 के बाद से गंजेपन की समस्या से निपटते हैं. यह एक प्रचलित विषय है और (मुझे आश्चर्य है कि) हम अब तक कैसे चूक गए . आखिरकार, हमने स्पर्म डोनेशन, बॉडी शेमिंग और बुढ़ापे में गर्भवती माता-पिता जैसे विषयों पर फिल्में बनाई हैं. 

आयुष्मान के लिए हिंदी फिल्म उद्योग में सात साल हो गए हैं और वह उन्हें विकसित करने का श्रेय अपनी सभी फिल्मों को देते हैं. 

उन्होंने कहा, "हर एक फिल्म ने मुझे खुद को खोजने में मदद की है और एक नया मानदंड भी स्थापित किया है. मुझे इस तरह के विषयों को प्राप्त करने में खुशी है। साथ ही, इन सात वर्षों में मुझे यह मान्यता मिली है कि लोग मेरी पसंद को स्वीकार कर रहे हैं. इससे मुझे और अधिक साहस मिलता है. मैं अब एक खुशहाल जगह पर हूं. "

एक भूमिका का चयन करते समय अपनी प्राथमिकता के बारे में उन्होंने कहा, "मैं हमेशा (एक अभिनेता के रूप में) से पहले (फिल्म की) कहानी रखता हूं. अब मैं जिन किरदारों की भूमिका निभा रहा हूं, वे अलग, करिश्माई और वास्तविक हैं. उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि मैं इस स्थान पर पहुंच गया हूं और मुझे उम्मीद है कि यह जारी रहेगा.


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