ETV Bharat / sitara

मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का निधन

author img

By

Published : May 7, 2021, 1:11 PM IST

मशहूर संगीतकार व राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित वनराज भाटिया का शुक्रवार को मुंबई में 94 वर्ष का आयु में निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से बीमार थे. उन्होंने फिल्म अंकुर धारावाहिक यात्रा, भारत एक खोज और गोविंद निहलानी के धारावाहिक तमस के लिए संगीत दिया था.

Veteran music composer Vanraj Bhatia dies
मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का निधन

मुंबई : मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया. भाटिया के परिवार एक व्यक्ति ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से बीमार थे.

संगीतकार 94 साल के थे. उन्होंने श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर और भूमिका तथा धारावाहिक यात्रा और भारत एक खोज का संगीत दिया था. वह नेपियन सी रोड पर रूंगटा हाउसिंग कॉलोनी में अपने अपार्टमेंट में अकेले रहते थे.

पढ़ें : महामारी पर बोलीं कृति सैनन : जो चीजें हमें तोड़ती हैं वो एक जुट भी करती है

मुंबई के एलिफिन्सटन कॉलेज से स्नातक करने के बाद भाटिया ने लंदन और पेरिस में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया. वतन वापसी के बाद वह विज्ञापन जगत से जुड़ गए और 6,000 विज्ञापन जिंगल के लिए काम किया.

समानांतर सिनेमा में उन्होंने काफी नाम कमाया. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ पश्चिमी शैली का मिश्रण कर अनूठा संगीत दिया.

वनराज भाटिया ने अपर्णा सेन की 36 चौरंगी लेन और कुंदन शाह की जाने भी दो यारो का भी संगीत दिया था.

गोविंद निहलानी के धारावाहिक तमस के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत का राष्ट्रीय पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी सम्मान भी मिला. उन्हें 2012 में भारत का चौथा शीर्ष असैन्य सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया.

(इनपुट - भाषा)

मुंबई : मशहूर संगीतकार वनराज भाटिया का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया. भाटिया के परिवार एक व्यक्ति ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से बीमार थे.

संगीतकार 94 साल के थे. उन्होंने श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर और भूमिका तथा धारावाहिक यात्रा और भारत एक खोज का संगीत दिया था. वह नेपियन सी रोड पर रूंगटा हाउसिंग कॉलोनी में अपने अपार्टमेंट में अकेले रहते थे.

पढ़ें : महामारी पर बोलीं कृति सैनन : जो चीजें हमें तोड़ती हैं वो एक जुट भी करती है

मुंबई के एलिफिन्सटन कॉलेज से स्नातक करने के बाद भाटिया ने लंदन और पेरिस में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया. वतन वापसी के बाद वह विज्ञापन जगत से जुड़ गए और 6,000 विज्ञापन जिंगल के लिए काम किया.

समानांतर सिनेमा में उन्होंने काफी नाम कमाया. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ पश्चिमी शैली का मिश्रण कर अनूठा संगीत दिया.

वनराज भाटिया ने अपर्णा सेन की 36 चौरंगी लेन और कुंदन शाह की जाने भी दो यारो का भी संगीत दिया था.

गोविंद निहलानी के धारावाहिक तमस के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ संगीत का राष्ट्रीय पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी सम्मान भी मिला. उन्हें 2012 में भारत का चौथा शीर्ष असैन्य सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया.

(इनपुट - भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.