नई दिल्ली: दिल्ली में इन दिनों गर्मी का सितम जारी है. उमस से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है. पिछले कई दिनों से राजधानी में बारिश नहीं हो रही है. जिसकी वजह से तापमान में भी इजाफा हुआ है. लेकिन दिल्ली के मौसम में अब जल्द ही बदलाव होने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार के बाद अगले चार दिन हल्की बारिश होने का अनुमान है. जिससे तापमान में कमी आ सकती है.
बुधवार से बदलेगा मौसम का मिजाज: मौसम विभाग के अनुसार आज दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में आसमान साफ रहेगा. कहीं छिटपुट बादल छाए रहने के आसार हैं. बुधवार 25 सितंबर को दिल्ली-NCR में बुधवार 25 सितंबर को राजधानी में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी. 26 और 27 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है. साथ ही 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी. 28 सितंबर को भी हल्की बूंदाबांदी होने के आसार हैं. जिसके बाद 29 सितंबर को मौसम साफ रहने का अनुमान है.
दिल्ली-NCR का AQI: वहीं, दिल्ली एनसीआर में बदलते मौसम के मिजाज के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़े चिंताजनक है. दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण रेड जोन (अत्यंत खराब) में पहुंच चुका है. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि सितंबर में प्रदूषण का यह हाल है तो आने वाले महीना में जब हल्की ठंड का एहसास होगा तब प्रदूषण का क्या हाल होगा.
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विवेक विहार का AQI 303: दिल्ली एनसीआर में सबसे प्रदूषित तीन इलाके हैं. दिल्ली का विवेक विहार, गाजियाबाद का वसुंधरा और लोनी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार विवेक बिहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 303 दर्ज किया गया है. जबकि गाजियाबाद की वसुंधरा का 336 और लोन का 311 दर्ज किया गया है. 301 से 400 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन यानी की अत्यंत खराब श्रेणी में माना जाता है. जबकि 201 से 300 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स को खराब श्रेणी में माना जाता है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर की दर्जन भारती अधिक इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 201 से 300 के बीच यानी कि खराब श्रेणी में है.
प्रदूषण के बढ़ने के पीछे मुख्य कारण: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ने के पीछे तीन मुख्य कारण माने जाते हैं. पहले कंस्ट्रक्शन साइट्स और सड़क से उड़ने वाली धूल. वाहनों से निकलने वाला धुआं और एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में सामने आ रही पराली जलाने की घटनाएं. वही एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में परली की घटनाएं बढ़ सकती हैं साथ ही मौसम में बदलाव होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ने का अनुमान है.
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