अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न ने कहा, "जोश में कहीं अपना होश न खो बैठें. मैं जानता हूं कि पुलवामा में जो भी हुआ, उसके बाद गुस्सा उबल रहा है. ये कायरता का बेशर्मी भरा काम है और इससे सबसे संभव कठोर तरीके से निपटा जाना चाहिए."
उन्होंने आगाह किया, "हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने हमसे हिंसा के इस उन्मादी कृत्य का मुंहतोड़ जवाब देने का वादा किया है. हमें गुस्से में आकर जवाब नहीं देना चाहिए. हम सभी भारतीय घायल और चोट खाए हुए हैं. हमें कुछ करने से पहले अपने अगले कदम के बारे में गहराई से सोचना चाहिए."
पुलवामा हमले पर पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की टिप्पणी पर प्रत्यक्ष रूप से बोलने से इनकार करते हुए शत्रुघ्न ने राजनेताओं को इस प्रकार के बयान देने के प्रति चेताया.
उन्होंने कहा, "किसी को भी कुछ कहने को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है. भारतीय जनता अमनपसंद आवाजें नहीं सुनना चाहती. भारत इस वक्त बहुत गुस्से में है."
क्या हमें बॉलीवुड में सभी पाकिस्तानी कलाकारों को प्रतिबंधित कर देना चाहिए? इस पर शत्रुघ्न ने कहा, "सांस्कृतिक आदान-प्रदान और उनके साथ क्या करना चाहिए, इस बारे में अभी सोचना तक भी सही नहीं होगा. मैं ये कहना चाहूंगा कि ये मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, लता मंगेशकर और आशा भोसले की जमीन है. हमें किसी दूसरे देश के गायकों की जरूरत क्यों पड़ती है?"