मुंबई : देश भर में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद सभी अपने घरों की देख-भाल कर रहें और परिवार के साथ समय बिता रहे हैं.
इसी बीच फिल्म अभिनेत्री समीरा रेड्डी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें उन्हें बच्चों को संभालने पर अपनी बात कहते हुए देखा जा सकता हैं. हालांकि जब वह ऐसा कह रही हैं तब उनके आंखों से आंसू बह रहे हैं.
उन्होंने बच्चों में चिंता के लक्षण के बारे में बात की और स्थिति से निपटने के लिए माताओं से कई टिप्स भी शेयर किए हैं.
समीरा रेड्डी कहती है, 'सबसे महत्वपूर्ण बात मैं आपको अभी बता सकती हूं, बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य निश्चित रूप से अभी अच्छे कंडीशन में नहीं है और हर बच्चा जो लॉकडाउन में फंसा हुआ है, वह सोच रहा है कि आखिर हो क्या रहा है. मैं दो हफ़्ते पहले हंस से बात कर रही थीं क्योंकि मुझे पता था कि यह हो सकता है और उसने जो बात मुझे बताई हैं , मुझे एहसास हुआ कि शायद हम बहुत अधिक समाचार देख रहे हैं. सोचिए अगर हमें इतनी चिंता है, तो बच्चों को कितनी चिंता होगी? अक्षय और मैं आपस में बात कर रहे हैं, इसके लिए खुद को तैयार कर रहे हैं लेकिन हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह छोटा लड़का... ' कहते -कहते समीरा रोने लगी.
समीरा ने आगे कहा, 'यह बहुत निराशाजनक है. आप बच्चों को सुरक्षित महसूस कराना चाहते हैं, आप उन्हें प्यार देना चाहते हैं. तो हम क्या कर सकते हैं? हम क्या कर सकते हैं?' समीरा कहती है, 'मैंने इस पोस्ट पर बच्चों में गहरी चिंता के संकेत दिए हैं. कृपया इसे देखें. यहां तक कि अगर आपका बच्चा अभी छोटा है और अधीर है और यह संभाल नहीं सकता है, तो बात करें और उनके साथ रहें. उन्हें सुरक्षित महसूस कराएं, ईमानदार रहें. उन्हें करने के लिए चीजें दें.'
समीरा ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर कर लिखा, 'दूसरा दिन, बच्चों को इस स्थिति में संभालना मुश्किल हो रहा है. इससे मुझे दुख होता है कि हंस डर रहा है. लेकिन अब यह सामान्य बात है और कल्पना कीजिए कि अगर हम चिंता महसूस करते हैं तो वे इससे और भी अधिक महसूस करते होंगे. बच्चों में गहरी चिंता के कारण ध्यान केंद्रित करना कठिन हो रहा है. नींद न आना या बुरे सपने आना. खाना ठीक से न खाएं. लगातार गुस्सा आना या चिड़चिड़ा होना और बाहर निकलने के दौरान नियंत्रण से बाहर रहना-लगातार चिंता करना या नकारात्मक विचार रखना. तनावपूर्ण रहना. अक्सर शौचालय का उपयोग करना. हमेशा रोना, पेट में दर्द और अस्वस्थ महसूस करना. कृपया अपने बच्चे के साथ बात करें. यह महत्वपूर्ण है. उन्हें व्यस्त रखना अच्छी बात है लेकिन उनसे बात करना और स्थिति के बारे में ईमानदारी से बताना चाहिए. उन्हें सुरक्षित महसूस कराएं. बहुत सारे धैर्य के साथ.
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