नई दिल्ली : अभिनेत्री राधिका आप्टे ने महसूस किया है कि वह सिर्फ खो जाने के डर से बहुत काम कर रही थीं. लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उन्होंने तय कि अब वह दबाव वाला काम नहीं करेंगी.
जूम कॉल पर राधिका ने आईएएनएस को बताया, "मुझे एहसास हुआ कि मैं इसके लिए आभारी हूं कि मुझे बहुत सारा काम मिला और मैंने काम करना तभी चुना है जब मैं इसे करना चाहती थी. लेकिन काम के साथ भी मैं बहुत सी चीजें कर रही थी, जो मेरे काम का हिस्सा हैं. मैं यह सब खो जाने के डर से कर रही थी या इसलिए कर रही थी कि दूसरे लोग भी ऐसा कर रहे थे. इस समय में जब कोई भी कुछ नहीं कर रहा था तो मैं भी शांत बैठी थी या तो इसे करना नहीं चाहती थी."
अभिनेत्री ने आगे कहा, "मुझे एहसास हुआ कि अरे मैं इसे इसलिए करना चाहती थी क्योंकि दूसरे लोग ऐसा कर रहे थे.यदि वे नहीं करते तो मैं भी इसे नहीं करती. इसमें अंतर है कि आप जो वास्तव में करना चाहते हैं और जो आप दबाव के कारण कर रहे हैं. इन कुछ महीनों में मैंने यही सीखा है कि अब मैं दबाव के कारण काम नहीं करूंगी.देखते हैं ऐसा कितने समय तक रहता है."
राधिका ने 2005 की रिलीज 'वाह! लाइफ हो तो ऐसी' में एक छोटी सी भूमिका के साथ इंडस्ट्री में एंट्री ली थी. इसके बाद 'शोर इन द सिटी', 'कबाली', 'फोबिया', 'बदलापुर' और लघु फिल्म 'अहल्या' आदि में काम किया.
अभिनेत्री को 'फोबिया', 'बदलापुर', 'मांझी: द माउंटेन मैन', 'लस्ट स्टोरीज', 'सेक्रेड गेम्स', 'पैड मैन' और 'घोउल' की भूमिकाओं के साथ बॉलीवुड नायिका की रूढ़ीवादी छवि को तोड़ने के लिए जाना जाता है.
अभी राधिका द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 3 महिला जासूसों की कहानी पर बनी 'ए कॉल टू स्पाई' में नजर आ रही हैं. इसमें वह ब्रिटिश जासूस नूर इनायत खान की भूमिका निभा रही हैं. इस भूमिका की चुनौतियों को लेकर राधिका ने कहा, "किसी वास्तविक व्यक्ति का किरदार निभाना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है. मेरे पास इस किरदार को देखने के लिए कोई वीडियो क्लिप या कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे आप देख सकते हैं. इसके लिए केवल किताबें और तस्वीरें हैं."
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इस स्पाई ड्रामा का निर्देशन लिडा डीन पिल्चर ने किया है इसे सारा मेगन थॉमस ने लिखा और बनाया है. फिल्म भारत में अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई है.
(इनपुट - आईएएनएस)