बूंदी (राजस्थान): नेहरू परिवार पर विवादित वीडियो बनाने के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दी गईं अभिनेत्री पायल रोहतगी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को संविधान के तहत अभिव्यक्ति की थी और वे मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
रोहतगी के वकील भूपेंद्र सक्सेना ने एएनआई को बताया, "जमानत याचिका बोलने की स्वतंत्रता के आधार पर बनाई गई थी, जो कि एक मौलिक अधिकार है. पायल द्वारा साझा किए गए वीडियो में, उन्होंने एम ओ (मुंडप्पल्ली ओमन) मथाई, जो जवाहरलाल नेहरू के निजी सहायक हैं, की जीवनी पर आधारित बातें कही हैं. जो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं. उन्होंने पूरी तरह से उस जीवनी के आधार पर ही साझा किया है."
सक्सेना ने कहा कि जमानत याचिका को अदालत में सूचीबद्ध किया गया था, जिसने इसे खारिज कर दिया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
रोहतगी को सोमवार को राजस्थान के बूंदी की एक स्थानीय अदालत ने गिरफ्तार किया और आठ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
नेहरू गांधी परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में उन्हें बूंदी पुलिस ने रविवार को हिरासत में लिया था.
इससे पहले दिसंबर में रोहतगी को कथित तौर पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए नोटिस दिया गया था.
इस संबंध में राजस्थान युवा कांग्रेस के महासचिव चर्मेश शर्मा ने अक्टूबर में बूंदी सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद पुलिस ने आईटी एक्ट के 66 और 67 के तहत मामला दर्ज किया था. मॉडल को 24 दिसंबर, 2019 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगी पायल रोहतगी
पायल रोहतगी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता थी और वे इस मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. रोहतगी को सोमवार को राजस्थान के बूंदी की एक स्थानीय अदालत ने गिरफ्तार किया और आठ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
बूंदी (राजस्थान): नेहरू परिवार पर विवादित वीडियो बनाने के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दी गईं अभिनेत्री पायल रोहतगी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को संविधान के तहत अभिव्यक्ति की थी और वे मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
रोहतगी के वकील भूपेंद्र सक्सेना ने एएनआई को बताया, "जमानत याचिका बोलने की स्वतंत्रता के आधार पर बनाई गई थी, जो कि एक मौलिक अधिकार है. पायल द्वारा साझा किए गए वीडियो में, उन्होंने एम ओ (मुंडप्पल्ली ओमन) मथाई, जो जवाहरलाल नेहरू के निजी सहायक हैं, की जीवनी पर आधारित बातें कही हैं. जो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं. उन्होंने पूरी तरह से उस जीवनी के आधार पर ही साझा किया है."
सक्सेना ने कहा कि जमानत याचिका को अदालत में सूचीबद्ध किया गया था, जिसने इसे खारिज कर दिया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
रोहतगी को सोमवार को राजस्थान के बूंदी की एक स्थानीय अदालत ने गिरफ्तार किया और आठ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
नेहरू गांधी परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में उन्हें बूंदी पुलिस ने रविवार को हिरासत में लिया था.
इससे पहले दिसंबर में रोहतगी को कथित तौर पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए नोटिस दिया गया था.
इस संबंध में राजस्थान युवा कांग्रेस के महासचिव चर्मेश शर्मा ने अक्टूबर में बूंदी सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद पुलिस ने आईटी एक्ट के 66 और 67 के तहत मामला दर्ज किया था. मॉडल को 24 दिसंबर, 2019 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
बूंदी (राजस्थान): नेहरू परिवार पर विवादित वीडियो बनाने के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दी गईं अभिनेत्री पायल रोहतगी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को संविधान के तहत अभिव्यक्ति की थी और वे मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
रोहतगी के वकील भूपेंद्र सक्सेना ने एएनआई को बताया, "जमानत याचिका बोलने की स्वतंत्रता के आधार पर बनाई गई थी, जो कि एक मौलिक अधिकार है. पायल द्वारा साझा किए गए वीडियो में, उन्होंने एम ओ (मुंडप्पल्ली ओमन) मथाई, जो जवाहरलाल नेहरू के निजी सहायक हैं, की जीवनी पर आधारित बातें कही हैं. जो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं. उन्होंने पूरी तरह से उस जीवनी के आधार पर ही साझा किया है."
सक्सेना ने कहा कि जमानत याचिका को अदालत में सूचीबद्ध किया गया था, जिसने इसे खारिज कर दिया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
रोहतगी को सोमवार को राजस्थान के बूंदी की एक स्थानीय अदालत ने गिरफ्तार किया और आठ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
नेहरू गांधी परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में उन्हें बूंदी पुलिस ने रविवार को हिरासत में लिया था.
इससे पहले दिसंबर में रोहतगी को कथित तौर पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए नोटिस दिया गया था.
इस संबंध में राजस्थान युवा कांग्रेस के महासचिव चर्मेश शर्मा ने अक्टूबर में बूंदी सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद पुलिस ने आईटी एक्ट के 66 और 67 के तहत मामला दर्ज किया था. मॉडल को 24 दिसंबर, 2019 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
Conclusion: