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पायल रोहतगी ने सती प्रथा को समाप्त करने वाले इस महान समाज सुधारक को बताया अंग्रेजों का चमचा!.... - पायल रोहतगी

पायल रोहतगी अपने सनसनीखेज बयानों से सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती रहती हैं. उन्होंने अपने हालिया ट्वीट में महान समाज सुधारक राजा राम मोहन राय को अंग्रेजों का चमचा बताया है.

Payal Rohatgi glorifies Sati, attacks Raja Ram Mohan Roy
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Published : May 28, 2019, 1:39 PM IST

Updated : May 28, 2019, 2:39 PM IST

मुंबई : बॉलीवुड एक्ट्रेस पायल रोहतगी अपने सनसनीखेज बयानों से सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती रहती हैं. उन्होंने अपने हालिया ट्वीट में महान समाज सुधारक राजा राम मोहन राय को अंग्रेजों का चमचा बताया है. उन्होंने एक ट्वीट को शेयर किया जिसमें लिखा था कि राजा राममोहन राय एक समाज सुधारक थे और उन्होंने ब्रहमो समाज मूवमेंट की स्थापना की थी. उन्होंने देश से सती प्रथा और बाल विवाह को खत्म करने के लिए आंदोलन भी चलाया था. कई इतिहासकार उन्हें भारत में नवयुग का जनक भी कहते रहे हैं.

  • Truth Behind Sati Pratha in India https://t.co/x1vn5l6Xcy via @YouTube #Jauhar was an incident related to Padmavati during Mughal Khiljis invasion. Later society with d help of traitors like Raja Ram who Britishers used 2 divide society made Sati into an evil forceful practice🙏

    — PAYAL ROHATGI & Team -BHAKTS of BHAGWAN RAM (@Payal_Rohatgi) May 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
इस ट्वीट को शेयर करते हुए पायल ने लिखा नहीं वे अंग्रेज़ों के चमचे थे. अंग्रेजों ने राजाराममोहन राय का इस्तेमाल सती प्रथा को बदनाम करने के लिए किया. सती परंपरा देश में अनिवार्य नहीं थी बल्कि मुगल शासकों द्वारा हिंदू महिलाओं को वेश्यावृति से बचाने के लिए इस प्रथा को लाया गया था. सती प्रथा महिलाओं की मर्जी से होता था. सती किसी भी मामले में अनाधुनिकीकृत प्रथा नहीं थी.
  • No he was a chamcha to Britishers who used him to defame the Sati tradition. Sati tradition was not compulsory but was introduced to prevent the prostitution of Hindu wives by the hands of Mughal invaders. It was the woman’s choice. #FeministsofIndia Sati was not regressive 🙏 https://t.co/sALLK2lALF

    — PAYAL ROHATGI & Team -BHAKTS of BHAGWAN RAM (@Payal_Rohatgi) May 25, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बता दें कि राजा राम मोहन राय एक समाज सुधारक और ब्रह्म समाज आंदोलन के संस्थापकों में से एक थे. उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान प्रचलित सती प्रथा की बुराई को समाप्त किया था. भारतीय सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उनका विशिष्ट स्थान है. वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे.

पायल के इस पोस्ट की कई लोगों ने तीखी आलोचना की. कुछ लोगों ने कहा कि पायल को मनगढ़ंत बातें बनाने के बजाए चुप हो जाना चाहिए क्योंकि पीएम मोदी अगले पांच साल एक बार फिर देश पर राज करेंगे वही कुछ लोगों ने कहा कि सती किसी भी तरह से किसी महिला की चॉइस नहीं थी. वही एक शख़्स ने मुंबई पुलिस को टैग करते हुए कहा है कि पायल का बयान क्राइम की कैटेगरी में आता है क्योंकि वे सती प्रथा का गुणगान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्यवाई करनी चाहिए.

  • Dear @MumbaiPolice - this is a clear cognizable offense under Clause 5 of the Commission of Sati (Prevention) Act, 1987. Clause 5 details out “Punishment for glorification of sati.“

    Hoping that urgent action is taken in this very serious and shocking matter. https://t.co/E1ZIxSwJq2

    — Saket Gokhale (@SaketGokhale) May 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
गौरतलब है कि पायल अपने राइट विंग ट्वीट्स के चलते काफी सुर्खियों में रहती हैं. उन पर आरोप लगता है कि वे अपने सनसनीखेज बयानों से बीजेपी से टिकट हासिल करना चाहती हैं. उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया था कि भारत में मुसलमानों की संख्या 20 करोड़ हो गई है और देश के मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलना चाहिए क्योंकि ये देश में मौजूद बाकी अल्पसंख्यक धर्म के लोगों जैसे पारसियों, बौद्ध धर्म में मानने वालों, ईसाईयों के साथ नाइंसाफी होगी. सेक्युलर भारत में मुसलमान अब अल्पसंख्यक नहीं रह गए हैं. इसके अलावा उन्होंने एक ट्वीट में ये भी कहा था कि भारत में जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए एक कानून भी पास होना चाहिए.

वहीं हाल ही में रोहतगी ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप पर एक गुमनाम सोशल मीडिया अकाउंट की अपनी शिकायत की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया, जिसने उनकी बेटी को बलात्कार की धमकी दी थी.

मुंबई : बॉलीवुड एक्ट्रेस पायल रोहतगी अपने सनसनीखेज बयानों से सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती रहती हैं. उन्होंने अपने हालिया ट्वीट में महान समाज सुधारक राजा राम मोहन राय को अंग्रेजों का चमचा बताया है. उन्होंने एक ट्वीट को शेयर किया जिसमें लिखा था कि राजा राममोहन राय एक समाज सुधारक थे और उन्होंने ब्रहमो समाज मूवमेंट की स्थापना की थी. उन्होंने देश से सती प्रथा और बाल विवाह को खत्म करने के लिए आंदोलन भी चलाया था. कई इतिहासकार उन्हें भारत में नवयुग का जनक भी कहते रहे हैं.

  • Truth Behind Sati Pratha in India https://t.co/x1vn5l6Xcy via @YouTube #Jauhar was an incident related to Padmavati during Mughal Khiljis invasion. Later society with d help of traitors like Raja Ram who Britishers used 2 divide society made Sati into an evil forceful practice🙏

    — PAYAL ROHATGI & Team -BHAKTS of BHAGWAN RAM (@Payal_Rohatgi) May 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
इस ट्वीट को शेयर करते हुए पायल ने लिखा नहीं वे अंग्रेज़ों के चमचे थे. अंग्रेजों ने राजाराममोहन राय का इस्तेमाल सती प्रथा को बदनाम करने के लिए किया. सती परंपरा देश में अनिवार्य नहीं थी बल्कि मुगल शासकों द्वारा हिंदू महिलाओं को वेश्यावृति से बचाने के लिए इस प्रथा को लाया गया था. सती प्रथा महिलाओं की मर्जी से होता था. सती किसी भी मामले में अनाधुनिकीकृत प्रथा नहीं थी.
  • No he was a chamcha to Britishers who used him to defame the Sati tradition. Sati tradition was not compulsory but was introduced to prevent the prostitution of Hindu wives by the hands of Mughal invaders. It was the woman’s choice. #FeministsofIndia Sati was not regressive 🙏 https://t.co/sALLK2lALF

    — PAYAL ROHATGI & Team -BHAKTS of BHAGWAN RAM (@Payal_Rohatgi) May 25, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बता दें कि राजा राम मोहन राय एक समाज सुधारक और ब्रह्म समाज आंदोलन के संस्थापकों में से एक थे. उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान प्रचलित सती प्रथा की बुराई को समाप्त किया था. भारतीय सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उनका विशिष्ट स्थान है. वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे.

पायल के इस पोस्ट की कई लोगों ने तीखी आलोचना की. कुछ लोगों ने कहा कि पायल को मनगढ़ंत बातें बनाने के बजाए चुप हो जाना चाहिए क्योंकि पीएम मोदी अगले पांच साल एक बार फिर देश पर राज करेंगे वही कुछ लोगों ने कहा कि सती किसी भी तरह से किसी महिला की चॉइस नहीं थी. वही एक शख़्स ने मुंबई पुलिस को टैग करते हुए कहा है कि पायल का बयान क्राइम की कैटेगरी में आता है क्योंकि वे सती प्रथा का गुणगान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्यवाई करनी चाहिए.

  • Dear @MumbaiPolice - this is a clear cognizable offense under Clause 5 of the Commission of Sati (Prevention) Act, 1987. Clause 5 details out “Punishment for glorification of sati.“

    Hoping that urgent action is taken in this very serious and shocking matter. https://t.co/E1ZIxSwJq2

    — Saket Gokhale (@SaketGokhale) May 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
गौरतलब है कि पायल अपने राइट विंग ट्वीट्स के चलते काफी सुर्खियों में रहती हैं. उन पर आरोप लगता है कि वे अपने सनसनीखेज बयानों से बीजेपी से टिकट हासिल करना चाहती हैं. उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया था कि भारत में मुसलमानों की संख्या 20 करोड़ हो गई है और देश के मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलना चाहिए क्योंकि ये देश में मौजूद बाकी अल्पसंख्यक धर्म के लोगों जैसे पारसियों, बौद्ध धर्म में मानने वालों, ईसाईयों के साथ नाइंसाफी होगी. सेक्युलर भारत में मुसलमान अब अल्पसंख्यक नहीं रह गए हैं. इसके अलावा उन्होंने एक ट्वीट में ये भी कहा था कि भारत में जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए एक कानून भी पास होना चाहिए.

वहीं हाल ही में रोहतगी ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप पर एक गुमनाम सोशल मीडिया अकाउंट की अपनी शिकायत की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया, जिसने उनकी बेटी को बलात्कार की धमकी दी थी.

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मुंबई : बॉलीवुड एक्ट्रेस पायल रोहतगी अपने सनसनीखेज बयानों से सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती रहती हैं. उन्होंने अपने हालिया ट्वीट में महान समाज सुधारक राजा राम मोहन राय को अंग्रेजों का चमचा बताया है. उन्होंने एक ट्वीट को शेयर किया जिसमें लिखा था कि राजा राममोहन राय एक समाज सुधारक थे और उन्होंने ब्रहमो समाज मूवमेंट की स्थापना की थी. उन्होंने देश से सती प्रथा और बाल विवाह को खत्म करने के लिए आंदोलन भी चलाया था. कई इतिहासकार उन्हें भारत में नवयुग का जनक भी कहते रहे हैं.

इस ट्वीट को शेयर करते हुए पायल ने लिखा नहीं वे अंग्रेज़ों के चमचे थे. अंग्रेजों ने राजाराममोहन राय का इस्तेमाल सती प्रथा को बदनाम करने के लिए किया. सती परंपरा देश में अनिवार्य नहीं थी बल्कि मुगल शासकों द्वारा हिंदू महिलाओं को वेश्यावृति से बचाने के लिए इस प्रथा को लाया गया था. सती प्रथा महिलाओं की मर्जी से होता था. सती किसी भी मामले में अनाधुनिकीकृत प्रथा नहीं थी.

पायल के इस पोस्ट की कई लोगों ने तीखी आलोचना की. कुछ लोगों ने कहा कि पायल को मनगढ़ंत बातें बनाने के बजाए चुप हो जाना चाहिए क्योंकि पीएम मोदी अगले पांच साल एक बार फिर देश पर राज करेंगे वही कुछ लोगों ने कहा कि सती किसी भी तरह से किसी महिला की चॉइस नहीं थी. वही एक शख़्स ने मुंबई पुलिस को टैग करते हुए कहा है कि पायल का बयान क्राइम की कैटेगरी में आता है क्योंकि वे सती प्रथा का गुणगान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्यवाई करनी चाहिए.

वही पायल रोहतगी के एक फैन क्लब पेज ने इस शख़्स को ट्रोल कहते हुए इंग्लिश किताबें पढ़ने की सलाह दी है. गौरतलब है कि पायल अपने राइट विंग ट्वीट्स के चलते काफी सुर्खियों में रहती हैं. उन पर आरोप लगता है कि वे अपने सनसनीखेज बयानों से बीजेपी से टिकट हासिल करना चाहती हैं. 

उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया था कि भारत में मुसलमानों की संख्या 20 करोड़ हो गई है और देश के मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलना चाहिए क्योंकि ये देश में मौजूद बाकी अल्पसंख्यक धर्म के लोगों जैसे पारसियों, बौद्ध धर्म में मानने वालों, ईसाईयों के साथ नाइंसाफी होगी. सेक्युलर भारत में मुसलमान अब अल्पसंख्यक नहीं रह गए हैं. इसके अलावा उन्होंने एक ट्वीट में ये भी कहा था कि भारत में जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए एक कानून भी पास होना चाहिए.


Conclusion:
Last Updated : May 28, 2019, 2:39 PM IST
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