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निर्माता ने अदालत को बताया, 'न्याय: द जस्टिस' सुशांत की बायोपिक नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को फिल्म 'न्याय : द जस्टिस' के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान फिल्म निर्माताओं ने कहा कि यह फिल्म (दिवंगत) अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर बनने वाली बायोपिक नहीं है.

'न्याय: द जस्टिस'
'न्याय: द जस्टिस'
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Published : Jun 3, 2021, 9:27 PM IST

नई दिल्ली : फिल्म निर्माताओं ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) को बताया कि आगामी फिल्म 'न्याय : द जस्टिस' में (दिवंगत) अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के कैरिकेचर, नाम या समानता को चित्रित नहीं किया गया है. क्योंकि यह उन पर बनने वाली बायोपिक नहीं है. इस फिल्म के बारे में कहा जा रहा है कि यह कथित रूप से राजपूत के जीवन पर आधारित है.

फिल्म के निर्माताओं और निर्देशक ने राजपूत के पिता की ओर से दायर याचिका के विरोध में अदालत को यह बताया. याचिका में अभिनेता के पिता ने किसी को भी फिल्म में उनके बेटे का नाम अथवा इससे मिलते-जुलते नाम के इस्तेमाल को रोकने का आग्रह किया गया है. यह फिल्म 11 जून को प्रदर्शित होनी है.

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस संजीव नरूला (Justice Sanjeev Narula) ने बुधवार को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. न्यायाधीश ने निर्माताओं एवं निर्देशक से कहा कि अदालत का फैसला आने तक इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया जाए.

पढ़ेंः स्क्रीन पर अच्छा नहीं, अलग दिखना पसंद करती हैं अनसूया भारद्वाज

उन्होंने कहा कि इस बात की अधिक संभावना है कि 11 जून से पहले अदालत अपना फैसला सुनाएगी. लेकिन, अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो सिनेमा को रिलीज करने का कार्यक्रम वापस ले लिया जाएगा.

फिल्म के निर्देशक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल (Senior Advocate Chandar Lal) ने कहा कि फिल्म की रिलीज का व्यापक प्रचार किया गया है और इसलिए वह इसे वापस लेने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दे पाएंगे.

लाल की दलीलों के मद्देनजर अदालत ने कहा कि अगर वह 11 जून से पहले फैसला नहीं सुना पाती है तो वह उस तारीख से पहले ही इस मामले को लेगी और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : फिल्म निर्माताओं ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) को बताया कि आगामी फिल्म 'न्याय : द जस्टिस' में (दिवंगत) अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के कैरिकेचर, नाम या समानता को चित्रित नहीं किया गया है. क्योंकि यह उन पर बनने वाली बायोपिक नहीं है. इस फिल्म के बारे में कहा जा रहा है कि यह कथित रूप से राजपूत के जीवन पर आधारित है.

फिल्म के निर्माताओं और निर्देशक ने राजपूत के पिता की ओर से दायर याचिका के विरोध में अदालत को यह बताया. याचिका में अभिनेता के पिता ने किसी को भी फिल्म में उनके बेटे का नाम अथवा इससे मिलते-जुलते नाम के इस्तेमाल को रोकने का आग्रह किया गया है. यह फिल्म 11 जून को प्रदर्शित होनी है.

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस संजीव नरूला (Justice Sanjeev Narula) ने बुधवार को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. न्यायाधीश ने निर्माताओं एवं निर्देशक से कहा कि अदालत का फैसला आने तक इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया जाए.

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उन्होंने कहा कि इस बात की अधिक संभावना है कि 11 जून से पहले अदालत अपना फैसला सुनाएगी. लेकिन, अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो सिनेमा को रिलीज करने का कार्यक्रम वापस ले लिया जाएगा.

फिल्म के निर्देशक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल (Senior Advocate Chandar Lal) ने कहा कि फिल्म की रिलीज का व्यापक प्रचार किया गया है और इसलिए वह इसे वापस लेने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दे पाएंगे.

लाल की दलीलों के मद्देनजर अदालत ने कहा कि अगर वह 11 जून से पहले फैसला नहीं सुना पाती है तो वह उस तारीख से पहले ही इस मामले को लेगी और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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