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कोविड-19 : काबा और मदीना की मस्जिद बंद है तो भारत की मस्जिदें क्यों नहीं ?- जावेद अख्तर - जावेद अख्तर ने किया यह ट्वीट

स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद साहब ने कहा है कि दारुल उलूम देवबंद कोरोना काल खत्म होने तक के लिए मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें. जिस पर जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा, मैं पूरी तरह से उनकी इस मांग का समर्थन करता हूं.

Javed akhtar updates
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Published : Mar 31, 2020, 8:15 PM IST

मुंबई : कोरोना वायरस, जिसको एक बड़ी महामारी घोषित किया जा चुका है. इसके साथ लड़ने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है.

ऐसे में जब दिल्ली के निजामुद्दीन में आए तबलीगी जमात के 2000 से ज्यादा लोगों के एक जलसे में शामिल होने की खबरें सामने आईं तो प्रशासन के होश उड़ गए. इस जलसे में शामिल होने वाले लोगों में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान के लोग शामिल थे.

अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने दारूल उलूम देवबंद से कहा है कि जब तक कोरोना का संकट खत्म नहीं होता है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें.

इस बयान के कुछ ही वक्त बाद दिग्गज स्क्रिप्ट और लिरिक्स राइटर जावेद अख्तर ने एक ट्वीट किया है.

जावेद ने ट्वीट कर लिखा, ताहिर महमूद साहब जो कि एक स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा है कि दारुल उलूम देवबंद कोरोना काल खत्म होने तक के लिए मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें. जावेद ने कहा, मैं पूरी तरह से उनकी इस मांग का समर्थन करता हूं. अगर काबा और मदीना की मस्जिद बंद की जा सकती है तो भारत की मस्जिदों को क्यों बंद नहीं किया जा सकता?

  • Tahir Mehmood Saheb an scholar n the Ex chairman of the minority commision has asked Darul ulum Deoband to give a Fatwa to close all the mosques till corona crisis is there. I totally support his demand If Kaaba n the mosque in Madina canbe closed down why not Indian mosques

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • Please don’t forget that if on one hand we have a deadly problem like corona then on the other hand we have our responsibility towards the economically weaker section and the immigrants. It is not either or or . We have be totally vigilant sensitive and efficient on both fronts

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जावेद के इस ट्वीट की एक ओर काफी सराहना की जा रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अलग दृष्टिकोण से इसे देख रहे हैं. उनके इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

बता दें, निजामुद्दीन मरकज़ में शामिल होने वाले 6 लोगों की तेलंगाना में कोरोना वायरस से मौत हो गई है, वहीं अंडमान में 10 संक्रमितों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. अब तक देश में कोरोना वायरस से 32 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं, 1251 लोग इससे संक्रमित हैं.

मुंबई : कोरोना वायरस, जिसको एक बड़ी महामारी घोषित किया जा चुका है. इसके साथ लड़ने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है.

ऐसे में जब दिल्ली के निजामुद्दीन में आए तबलीगी जमात के 2000 से ज्यादा लोगों के एक जलसे में शामिल होने की खबरें सामने आईं तो प्रशासन के होश उड़ गए. इस जलसे में शामिल होने वाले लोगों में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान के लोग शामिल थे.

अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने दारूल उलूम देवबंद से कहा है कि जब तक कोरोना का संकट खत्म नहीं होता है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें.

इस बयान के कुछ ही वक्त बाद दिग्गज स्क्रिप्ट और लिरिक्स राइटर जावेद अख्तर ने एक ट्वीट किया है.

जावेद ने ट्वीट कर लिखा, ताहिर महमूद साहब जो कि एक स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा है कि दारुल उलूम देवबंद कोरोना काल खत्म होने तक के लिए मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें. जावेद ने कहा, मैं पूरी तरह से उनकी इस मांग का समर्थन करता हूं. अगर काबा और मदीना की मस्जिद बंद की जा सकती है तो भारत की मस्जिदों को क्यों बंद नहीं किया जा सकता?

  • Tahir Mehmood Saheb an scholar n the Ex chairman of the minority commision has asked Darul ulum Deoband to give a Fatwa to close all the mosques till corona crisis is there. I totally support his demand If Kaaba n the mosque in Madina canbe closed down why not Indian mosques

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • Please don’t forget that if on one hand we have a deadly problem like corona then on the other hand we have our responsibility towards the economically weaker section and the immigrants. It is not either or or . We have be totally vigilant sensitive and efficient on both fronts

    — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जावेद के इस ट्वीट की एक ओर काफी सराहना की जा रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अलग दृष्टिकोण से इसे देख रहे हैं. उनके इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

बता दें, निजामुद्दीन मरकज़ में शामिल होने वाले 6 लोगों की तेलंगाना में कोरोना वायरस से मौत हो गई है, वहीं अंडमान में 10 संक्रमितों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. अब तक देश में कोरोना वायरस से 32 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं, 1251 लोग इससे संक्रमित हैं.

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