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चेक बाउंस मामले में 6 महीने की जेल होने पर बोलीं कोएना, कोर्ट की जजमेंट को करेंगी चैलेंज - cheque-bouncing case

बॉलीवुड अभिनेत्री कोएना मित्रा को चेक-बाउंसिंग मामले में छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है. मॉडल पूनम सेठी ने कोयना मित्रा के खिलाफ चेक बाउंस का केस दर्ज कराया था. इस कड़ी में अभिनेत्री का कहना है कि वह हाई कोर्ट में अपील करेंगी.

चेक बाउंस मामले में 6 महीने की जेल होने पर बोलीं कोएना, कोर्ट की जजमेंट को करेंगी चैलेंज
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Published : Jul 22, 2019, 7:09 PM IST

मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस कोएना मित्रा को एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में 6 महीने जेल की सजा सुनाई है.

अभिनेत्री का कहना है कि मुझे फंसाया जा रहा है, यह एक अदालत का मामला है, इसलिए स्पष्ट रूप से हम उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने के लिए जाएंगे.

मालूम हो कि ये मामला 2013 का है. मॉडल पूनम सेठी ने कोएना के खिलाफ चेक बाउंस का केस दर्ज कराया था.

सेठी का कहना था कि एक्ट्रेस ने अपनी जरूरत बताकर उनसे 22 लाख रुपये उधार लिए थे.

इसी को वापस देने के लिए कोएना ने पूनम को तीन लाख रुपये का एक चेक दिया था, जो बाउंस हो गया था.

चेक बाउंस होने के बाद पूनम सेठी ने मामला दर्ज कराया.

हालांकि कोएना ने खुद पर लगे इल्जाम को गलत बताया था और कहा था कि सेठी के पास उधार देने की क्षमता ही नहीं थी.

सेठी ने उनके चेक्स चुरा लिए थे.

सुनवाई के दौरान कोएना के पहले तर्क को मजिस्ट्रेट ने मानने से मना कर दिया और दूसरे तर्क पर पाया कि कोएना ये बात साबित ही नहीं कर पाईं कि सेठी ने उनके चेक चुराए थे.

कोर्ट ने कहा कि कोएना ने खुद को मिले नोटिस के जवाब में ये बात नहीं बताई और ना ही उन्होंने इसके बारे में आगे एक्शन लिया.

इस पर कोर्ट ने कहा, 'चेक इस बात पर बाउंस नहीं हुआ कि पैसे देने वाले ने दिए नहीं, ये इस बात पर बाउंस हुआ कि पैसे अकाउंट में हैं ही नहीं.

अगर ये मान भी लिया जाए कि शिकायतकर्ता ने आरोपी के चेक, जो कि ब्लैंक थे, को उसके घर से चुरा लिया था और उनका गलत इस्तेमाल किया.

तो भी आरोपी के पास इस पेमेंट को रोकने का पूरा मौका था. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया.'

अभिनेत्री कोएना मित्रा का कहना है कि मुझे फंसाया जा रहा है, यह एक अदालत का मामला है, इसलिए स्पष्ट रूप से हम उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने के लिए जाएंगे.

उच्च न्यायालय हमें आदेश देगा तभी हम इसके बारे में बात कर सकते हैं.

अभी, मेरे पास कुछ भी नहीं है. सिवाय इसके कि यह धोखाधड़ी का मामला है और मुझे फंसाया गया है.

मुंबई में अंधेरी मेट्रोपॉलिटन अदालत में, मजिस्ट्रेट केतकी चव्हाण ने कोएना की दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उनका दावा था कि सेठी की इतनी क्षमता नहीं कि वह मुझे 22 लाख रुपये उधार दे सकें.

कोएना ने कहा कि उनका वकील अंतिम तर्क के दौरान अदालत में मौजूद नहीं था, इसलिए मेरी बात को बिना सुने ही फैसला सुना दिया गया.

हम कोर्ट की जजमेंट को चैलेंज करेंगे, मेरे वकील इस पर काम कर रहे हैं.'

मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस कोएना मित्रा को एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में 6 महीने जेल की सजा सुनाई है.

अभिनेत्री का कहना है कि मुझे फंसाया जा रहा है, यह एक अदालत का मामला है, इसलिए स्पष्ट रूप से हम उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने के लिए जाएंगे.

मालूम हो कि ये मामला 2013 का है. मॉडल पूनम सेठी ने कोएना के खिलाफ चेक बाउंस का केस दर्ज कराया था.

सेठी का कहना था कि एक्ट्रेस ने अपनी जरूरत बताकर उनसे 22 लाख रुपये उधार लिए थे.

इसी को वापस देने के लिए कोएना ने पूनम को तीन लाख रुपये का एक चेक दिया था, जो बाउंस हो गया था.

चेक बाउंस होने के बाद पूनम सेठी ने मामला दर्ज कराया.

हालांकि कोएना ने खुद पर लगे इल्जाम को गलत बताया था और कहा था कि सेठी के पास उधार देने की क्षमता ही नहीं थी.

सेठी ने उनके चेक्स चुरा लिए थे.

सुनवाई के दौरान कोएना के पहले तर्क को मजिस्ट्रेट ने मानने से मना कर दिया और दूसरे तर्क पर पाया कि कोएना ये बात साबित ही नहीं कर पाईं कि सेठी ने उनके चेक चुराए थे.

कोर्ट ने कहा कि कोएना ने खुद को मिले नोटिस के जवाब में ये बात नहीं बताई और ना ही उन्होंने इसके बारे में आगे एक्शन लिया.

इस पर कोर्ट ने कहा, 'चेक इस बात पर बाउंस नहीं हुआ कि पैसे देने वाले ने दिए नहीं, ये इस बात पर बाउंस हुआ कि पैसे अकाउंट में हैं ही नहीं.

अगर ये मान भी लिया जाए कि शिकायतकर्ता ने आरोपी के चेक, जो कि ब्लैंक थे, को उसके घर से चुरा लिया था और उनका गलत इस्तेमाल किया.

तो भी आरोपी के पास इस पेमेंट को रोकने का पूरा मौका था. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया.'

अभिनेत्री कोएना मित्रा का कहना है कि मुझे फंसाया जा रहा है, यह एक अदालत का मामला है, इसलिए स्पष्ट रूप से हम उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने के लिए जाएंगे.

उच्च न्यायालय हमें आदेश देगा तभी हम इसके बारे में बात कर सकते हैं.

अभी, मेरे पास कुछ भी नहीं है. सिवाय इसके कि यह धोखाधड़ी का मामला है और मुझे फंसाया गया है.

मुंबई में अंधेरी मेट्रोपॉलिटन अदालत में, मजिस्ट्रेट केतकी चव्हाण ने कोएना की दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उनका दावा था कि सेठी की इतनी क्षमता नहीं कि वह मुझे 22 लाख रुपये उधार दे सकें.

कोएना ने कहा कि उनका वकील अंतिम तर्क के दौरान अदालत में मौजूद नहीं था, इसलिए मेरी बात को बिना सुने ही फैसला सुना दिया गया.

हम कोर्ट की जजमेंट को चैलेंज करेंगे, मेरे वकील इस पर काम कर रहे हैं.'

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मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस कोएना मित्रा को एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में 6 महीने जेल की सजा सुनाई है. अभिनेत्री का कहना है कि मुझे फंसाया जा रहा है, यह एक अदालत का मामला है, इसलिए स्पष्ट रूप से हम उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने के लिए जाएंगे. 

मालूम हो कि ये मामला 2013 का है. मॉडल पूनम सेठी ने कोएना के खिलाफ चेक बाउंस का केस दर्ज कराया था. सेठी का कहना था कि एक्ट्रेस ने अपनी जरूरत बताकर उनसे 22 लाख रुपये उधार लिए थे. इसी को वापस देने के लिए कोएना ने पूनम को तीन लाख रुपये का एक चेक दिया था, जो बाउंस हो गया था. चेक बाउंस होने के बाद पूनम सेठी ने मामला दर्ज कराया. 

हालांकि कोएना ने खुद पर लगे इल्जाम को गलत बताया था और कहा था कि सेठी के पास उधार देने की क्षमता ही नहीं थी. सेठी ने उनके चेक्स चुरा लिए थे. 

सुनवाई के दौरान  कोएना के पहले तर्क को मजिस्ट्रेट ने मानने से मना कर दिया और दूसरे तर्क पर पाया कि  कोएना ये बात साबित ही नहीं कर पाईं कि सेठी ने उनके चेक चुराए थे. कोर्ट ने कहा कि  कोएना ने खुद को मिले नोटिस के जवाब में ये बात नहीं बताई और ना ही उन्होंने इसके बारे में आगे एक्शन लिया.

इस पर कोर्ट ने कहा, 'चेक इस बात पर बाउंस नहीं हुआ कि पैसे देने वाले ने दिए नहीं, ये इस बात पर बाउंस हुआ कि पैसे अकाउंट में हैं ही नहीं. अगर ये मान भी लिया जाए कि शिकायतकर्ता ने आरोपी के चेक, जो कि ब्लैंक थे, को उसके घर से चुरा लिया था और उनका गलत इस्तेमाल किया. तो भी आरोपी के पास इस पेमेंट को रोकने का पूरा मौका था. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया.'

अभिनेत्री कोएना मित्रा का कहना है कि मुझे फंसाया जा रहा है, यह एक अदालत का मामला है, इसलिए स्पष्ट रूप से हम उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देने के लिए जाएंगे. उच्च न्यायालय हमें आदेश देगा तभी हम इसके बारे में बात कर सकते हैं. अभी, मेरे पास कुछ भी नहीं है. सिवाय इसके कि यह धोखाधड़ी का मामला है और मुझे फंसाया गया है.

मुंबई में अंधेरी मेट्रोपॉलिटन अदालत में, मजिस्ट्रेट केतकी चव्हाण ने कोएना की दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उनका दावा था कि सेठी की इतनी क्षमता नहीं कि वह मुझे 22 लाख रुपये उधार दे सकें.

 कोएना ने कहा कि उनका वकील अंतिम तर्क के दौरान अदालत में मौजूद नहीं था, इसलिए मेरी बात को बिना सुने ही फैसला सुना दिया गया. हम कोर्ट की जजमेंट को चैलेंज करेंगे, मेरे वकील इस पर काम कर रहे हैं.'

 


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