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मनोरंजन उद्योग में बने रहने के लिए कंटेन्ट मजबूत होना चाहिए : सुदीप्तो बालव - Extraction actor sudipto balav says content is key to survival

'एक्सट्रैक्शन' अभिनेता सुदीप्तो बालव का मानना है कि यदि आज के समय में मनोरंजन उद्योग में जीवित रहना है तो हमें कंटेन्ट पर फोकस करना चाहिए और उसे मजबूत बनाना चाहिए.

Extraction actor sudipto balav says content is key to survival
मनोरंजन उद्योग में बने रहने के लिए कंटेन्ट मजबूत होना चाहिए : सुदीप्तो बालव
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Published : May 6, 2020, 4:48 PM IST

मुंबई : हाल ही में क्रिस हेम्सवर्थ-स्टारर डिजिटल फिल्म 'एक्सट्रैक्शन' में नजर आए अभिनेता सुदीप्तो बालव का कहना है कि लोगों की नजरें अपनी तरफ खींचने के लिए कंटेन्ट काफी मजबूत होना चाहिए.

उन्हें लगता है कि जरूरी नहीं है कि टीवी और फिल्में खतरे में हों, वेब में भी जोखिम हो सकता है. उन्होंने कहा, "आज के समय में, दुनिया खुल गई है. वह दिन गए जब दर्शक वह देखते थे जो दिखाया जाता था. यदि आपका कंटेन्ट शक्तिशाली नहीं है तो दर्शक उसे स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि उनके पास कई विकल्प हैं. आज के समय में यदि हम मनोरंजन उद्योग में जीवित रहना चाहते हैं, तो हमें केवल कंटेंट पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है."

मनोरंजन जगत में अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने साझा किया, "अभिनय की मेरी यात्रा बहुत पहले शुरू हुई थी. बचपन से ही मुझे अभिनय का शौक था. मैंने कई सालों तक कोलकाता में थिएटर किया. बाद में, मैंने कई टीवी धारावाहिक किए. फिर, मैंने एक बंगाली टेलीविजन शो की मेजबानी की. मैं इसे हैदराबाद से संचालित करता था. 2000 के दशक की शुरूआत में, क्षेत्रीय सिनेमा चलन में था और मैं बंगला सिनेमा का हिस्सा बना."

उन्होंने आगे कहा,"फिर मैं मुंबई आ गया और यहां वैसे ही संघर्ष किया जैसे सभी करते हैं. लेकिन मुझे कहना होगा कि यह शहर मेरे लिए बहुत अच्छा रहा है. 2006 से मैंने टेलीविजन में काम करना बंद कर दिया और दो साल तक विज्ञापन करता रहा. 2008 में मुझे अपनी पहली दक्षिण भारतीय फिल्म मलयालम में '2 हरिहर नगर' मिली और फिर इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा."

इनपुट-आईएएनएस

मुंबई : हाल ही में क्रिस हेम्सवर्थ-स्टारर डिजिटल फिल्म 'एक्सट्रैक्शन' में नजर आए अभिनेता सुदीप्तो बालव का कहना है कि लोगों की नजरें अपनी तरफ खींचने के लिए कंटेन्ट काफी मजबूत होना चाहिए.

उन्हें लगता है कि जरूरी नहीं है कि टीवी और फिल्में खतरे में हों, वेब में भी जोखिम हो सकता है. उन्होंने कहा, "आज के समय में, दुनिया खुल गई है. वह दिन गए जब दर्शक वह देखते थे जो दिखाया जाता था. यदि आपका कंटेन्ट शक्तिशाली नहीं है तो दर्शक उसे स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि उनके पास कई विकल्प हैं. आज के समय में यदि हम मनोरंजन उद्योग में जीवित रहना चाहते हैं, तो हमें केवल कंटेंट पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है."

मनोरंजन जगत में अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने साझा किया, "अभिनय की मेरी यात्रा बहुत पहले शुरू हुई थी. बचपन से ही मुझे अभिनय का शौक था. मैंने कई सालों तक कोलकाता में थिएटर किया. बाद में, मैंने कई टीवी धारावाहिक किए. फिर, मैंने एक बंगाली टेलीविजन शो की मेजबानी की. मैं इसे हैदराबाद से संचालित करता था. 2000 के दशक की शुरूआत में, क्षेत्रीय सिनेमा चलन में था और मैं बंगला सिनेमा का हिस्सा बना."

उन्होंने आगे कहा,"फिर मैं मुंबई आ गया और यहां वैसे ही संघर्ष किया जैसे सभी करते हैं. लेकिन मुझे कहना होगा कि यह शहर मेरे लिए बहुत अच्छा रहा है. 2006 से मैंने टेलीविजन में काम करना बंद कर दिया और दो साल तक विज्ञापन करता रहा. 2008 में मुझे अपनी पहली दक्षिण भारतीय फिल्म मलयालम में '2 हरिहर नगर' मिली और फिर इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा."

इनपुट-आईएएनएस

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